मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गो-कैबिनेट’ का गठन किया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘गो-कैबिनेट’ की पहली बैठक 22 नवंबर को आगर-मालवा जिले में स्थित गो-अभयारण्य में होगी. उधर, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने मवेशी तस्करी और गोकशी पर लगाम लगाने के लिए ज़िला स्तर पर स्पेशल काऊ टास्क फोर्स गठन करने का फैसला किया है.

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शिवराज सिंह चौहान. (फोटो: पीटीआई)

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘गो-कैबिनेट’ की पहली बैठक 22 नवंबर को आगर-मालवा जिले में स्थित गो-अभयारण्य में होगी. उधर, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने मवेशी तस्करी और गोकशी पर लगाम लगाने के लिए ज़िला स्तर पर स्पेशल काऊ टास्क फोर्स गठन करने का फैसला किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गो-कैबिनेट’ गठित करने का निर्णय लिया है. भाजपा शासित एक अन्य प्रदेश हरियाणा में गोकशी और तस्करी के खिलाफ काऊ टास्क फोर्स गठन करने का फैसला किया गया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘गो-कैबिनेट’ की पहली बैठक 22 नवंबर को आगर-मालवा जिले में स्थित गो-अभयारण्य में होगी.

चौहान ने बुधवार सुबह एक ट्वीट में कहा, ‘प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए ‘गो-कैबिनेट’ गठित करने का निर्णय लिया गया है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग ‘गो-कैबिनेट’ में शामिल होंगे.

इसकी पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे आगर-मालवा में स्थित गो-अभयारण में आयोजित की जाएगी.

हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने गायों के लिए एक अलग विभाग (मंत्रालय) स्थापित करने का वादा किया था, लेकिन अब केवल ‘गो-कैबिनेट’ की स्थापना की जा रही है.

इस बीच, मध्य प्रदेश सरकार ने ‘गो-कैबिनेट’ के आदेश जारी कर दिए हैं. चौहान के अलावा इस कैबिनेट में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल भी शामिल हैं.

बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में छह विभाग मुख्य रूप से ‘गो-कैबिनेट’ निर्णयों के क्रियान्वयन को अंजाम देंगे. गाय के गोबर के कंडों का उपयोग भी किस तरह बढ़े, इस दिशा में कार्य योजना को लागू किया जाएगा. छह विभागों की सक्रियता से क्रियान्वयन के स्तर पर कठिनाई नहीं होगी.

बयान के अनुसार, समन्वय से कार्य पूरे किए जाएंगे. वर्तमान में गो-काष्ठ के निर्माण को प्रोत्साहन मिल रहा है. इस उत्पाद के विपणन के नए आयामों पर विचार किया जाएगा. इसी तरह गो-दुग्ध से निर्मित अन्य उत्पादों के विपणन के लिए भी प्रयास होंगे.

वहीं, कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि चौहान 2018 विधानसभा चुनाव से पहले की गई अपनी घोषणा को भूल गए.

कमलनाथ ने एक बयान में कहा, ‘2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गो-मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गो-कैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं.’

बयान के अनुसार, ‘उन्होंने चुनाव से पहले की गई अपनी घोषणा में गो-मंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गो-अभ्यारण और गोशालाओं के जाल बिछाने की बात भी कही थी. प्रत्येक घर में भी छोटी-छोटी गोशाला बनाने की बात उन्होंने अपनी चुनावी घोषणा में कही थी. अपनी पहली घोषणा को भूलकर शिवराज एक नई घोषणा कर रहे हैं.’

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि अपनी 15 वर्ष की पिछली सरकार और वर्तमान आठ माह में शिवराज सरकार ने गोमाता के संरक्षण व संवर्धन के लिए कुछ भी नहीं किया, उल्टा कांग्रेस सरकार द्वारा गोमाता के लिए बढ़ाई गई चारा राशि को भी कम कर दिया है.

कमलनाथ के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि कांग्रेस ने अपने 15 माह के शासन काल में केवल गोशालाओं के बारे में बातें की, लेकिन 15 गोशालाओं को भी स्थापित नहीं किया.

मिश्रा ने कहा कि भाजपा भारतीय संस्कृति का पोषण कर रही है और प्रदेश की भाजपा सरकार ने राज्य में ‘गो-कैबिनेट’ के गठन का निर्णय लेकर एक नयी मिसाल कायम की है.

इस बीच भाजपा नेता उमा भारती ने ‘गो-कैबिनेट’ की स्थापना के निर्णय के लिये मुख्यमंत्री चौहान की प्रशंसा की और इस निर्णय पर खुशी व्यक्त की.

हरियाणा सरकार ने गोकशी और तस्करी के खिलाफ काऊ टास्क फोर्स गठन किया

मवेशी तस्करी और गोकशी पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा सरकार स्पेशल काऊ टास्क फोर्स गठन करने का फैसला लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं.

एनडीटीवी के मुताबिक हरियाणा सरकार अब जिला स्तर पर 11 सदस्यीय ‘स्पेशल काऊ टास्क फोर्स’ का गठन करेगी. मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने गोसेवा आयोग की बैठक में संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिए.

इस फोर्स में सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे. जिनमें पुलिस, पशुपालन, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी और हरियाणा गोसेवा आयोग, गोरक्षक समितियों और गो-सेवकों के पांच सदस्य शामिल किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि टास्क फोर्स की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में मुखबिरों और उनके खुफिया नेटवर्क के माध्यम से मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना और मुखबिरों से प्राप्त जानकारी के बाद अवैध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी गोशालाओं को अनुदान राशि प्रदान करेगी. राशि उपयोगी और अनुपयोगी पशुओं के अनुपात के अनुसार दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार 33 प्रतिशत से कम अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को कोई सरकारी अनुदान प्रदान नहीं किया जाएगा.

हरियाणा विधानसभा में पारित प्रस्ताव के मुताबिक, 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति पशुधन मिलेगा. 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 200 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा. 76 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 300 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा.

इसके अनुसार, शत-प्रतिशत अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा. नंदी और अनुपयोगी गायों को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने  हरियाणा गोसेवा अयोग को उपरोक्त नियमों और शर्तों के अनुसार एक विस्तृत बजट कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए.

संबंधित अधिकारियों और हरियाणा गोसेवा आयोग के सदस्यों को कहा कि गोशालाओं में रखे जाने वाले आवारा पशुओं की संख्या का सत्यापन किया जाए.

साथ ही राज्य की गोशालाओं में वर्तमान में रखे जा रहे उपयोगी, अनुपयोगी और निराश्रित पशुओं सहित कुल पशुओं की संख्या का डाटा भी तैयार करें.

बैठक में निर्णय लिया गया कि गोशालाओं को दिए जाने वाला अनुदान केवल हरियाणा गोसेवा आयोग की सिफारिशों पर प्रदान किया जाएगा.

इसके अलावा उपयोगी और अनुपयोगी पशुओं की श्रेणियों को फिर से परिभाषित करेंगे. गोशालाओं से बिजली की दरें दो रुपये प्रति यूनिट ली जाएंगी. साथ ही बैठक में नई गोशालाओं को सस्ती दरों पर पंचायती जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में भी निर्णय लिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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