कपिल सिब्बल के बाद कांग्रेस नेता चिदंबरम ने बिहार चुनाव में पार्टी की हार पर सवाल उठाए

बिहार विधानसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन के बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि अब लोग कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्टी के कामकाज से जो नाखुश हैं, वे सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने के बजाय कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं.

पी. चिदंबरम. (फोटो: पीटीआई)

बिहार विधानसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन के बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि अब लोग कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्टी के कामकाज से जो नाखुश हैं, वे सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने के बजाय कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव और विभिन्न विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. कपिल सिब्बल के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि जमीन पर पार्टी का कोई संगठन मौजूद ही नहीं है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘मैं गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में हुए उपचुनावों के नतीजों से अधिक चिंतित हूं. ये नतीजे दिखाते हैं कि या तो पार्टी की जमीन पर कोई संगठनात्मक तौर पर कोई मौजूदगी नहीं है या फिर काफी हद तक कमजोर हो गई है.’

चिदंबरम ने कहा, ‘बिहार में कांग्रेस और राजद के पास जीतने का मौका था. जीत के करीब होने के बावजूद हम क्यों हार गए, कुछ तो है जिसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है. याद है, ज्यादा दिन नहीं हुए जब राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीत दर्ज की थी.’

वहीं, तारिक अनवर, अशोक गहलोत और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ नेताओं के बाद कपिल सिब्बल की आलोचना करने वालों में वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हो गए हैं.

वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि पार्टी के कामकाज से जो नाखुश हैं वह सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने के बजाय कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं. चौधरी ने ‘एसी कमरे से उपदेश’ देने के लिए सिब्बल पर कटाक्ष किया और कहा कि नाराज सदस्य चाहें तो दूसरी पार्टी में शामिल हो सकते हैं या अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने सवाल किया कि बिहार चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए सिब्बल ने प्रचार क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘बिना कुछ किए बोलते रहना आत्मविश्लेषण नहीं है.’

कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य चौधरी ने कहा, ‘सार्वजनिक तौर पर पार्टी की फजीहत कराने के बजाय सिब्बल पार्टी के भीतर मुद्दा उठा सकते थे. वह वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी के शीर्ष नेताओं तक उनकी पहुंच है.’

चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘पार्टी के कामकाज से जो लोग खुश नहीं हैं और अगर उन्हें लगता है कि कांग्रेस उनके लिए उपयुक्त स्थान नहीं है तो वो अपनी नयी पार्टी बना सकते हैं या अपनी मर्जी से किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.’

चौधरी ने कहा, ‘वह (सिब्बल) कांग्रेस और आत्मविश्लेषण की जरूरत को लेकर बहुत चिंतित प्रतीत होते हैं. इससे पहले भी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर बयान दिए थे. लेकिन वह बिहार में और पिछले साल अन्य राज्यों में चुनाव के दौरान पार्टी के लिए प्रचार करते नहीं नजर आए.’

चौधरी ने कहा, ‘एसी कमरे में बैठकर उपदेश देने के बजाए उन्हें जमीन पर काम करना चाहिए. बिना कुछ किए दूसरों को नसीहत देने से कुछ भला नहीं होता. बिना कुछ किए आत्मनिरीक्षण के लिए बोलने का कोई मतलब नहीं है.’

बहरामपुर के सांसद चौधरी ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी पार्टी प्रमुख पद से हट गए और अब राहुल गांधी या सोनिया गांधी के इरादों पर कोई सवाल नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी पेशकश की थी कि गांधी-नेहरू परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए.

चौधरी के अलावा कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने भी सिब्बल के बयान के लिए उनकी आलोचना की है. इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने सिब्बल की आलोचना करते हुए कहा था कि सिब्बल के बयानों से देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर सवाल करने वाले नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके कई ऐसे पार्टी सहयोगी हैं जो आदतन संदेह करने वाले हैं और समय-समय पर बेचैनी से घिर जाते हैं.

सिब्बल के बयान के बाद बिहार से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने भी पिछले दिनों कहा था कि पार्टी को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है और कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण राज्य में राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार नहीं बन पायी.

दरअसल, सिब्बल ने बिहार चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के लिए कांग्रेस के नेतृत्व की आलोचना की थी. सिब्बल ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है. उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं.

सिब्बल का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आया है. इस चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

वहीं, तमिलनाडु से पार्टी के सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने सिब्बल की बातों से सहमति जताते हुए कहा था कि कांग्रेस के लिए यह आत्मविश्लेषण, चिंतन और विचार-विमर्श करने का समय है.

बता दें कि कपिल सिब्बल कांग्रेस पार्टी के उन 23 नेताओं में से एक हैं ,जिन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बदलाव लाने, जवाबदेही तय करने, नियुक्त प्रक्रिया को मजबूत बनाने और हार का उचित आकलन करने की मांग की थी.

बिहार से जुड़े कई नेताओं ने खराब प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा की पैरवी की

बिहार से संबंधित कई कांग्रेस नेताओं ने हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर बुधवार को व्यापक समीक्षा की पैरवी की और कहा कि आलाकमान से निर्देश मिलने के बाद वे इस दिशा में आगे बढ़ेंगे.

सूत्रों ने बताया कि कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश भी की है. उनके मुताबिक, कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और कई दूसरे नेताओं ने पार्टी आलाकमान को अपना इस्तीफा भी भेजा है.

यह जानकारी सामने आई है कि बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन वह आलाकमान के आगे के निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं. झा ने कुछ भी कहने से इनकार किया और सिर्फ यह कहा कि वह इस बारे में पार्टी के भीतर बात करेंगे.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq