अगले विधानसभा चुनाव में यूपी से भाजपा सरकार हटाने के लिए सपा से गठबंधन करेंगे: शिवपाल यादव

2017 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी. पिछले हफ़्ते अखिलेश यादव ने भी शिवपाल यादव के दल से गठबंधन के संकेत दिए थे.

शिवपाल यादव के साथ अखिलेश यादव. (फाइल फोटो साभार: फेसबुक)

2017 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी. पिछले हफ़्ते अखिलेश यादव ने भी शिवपाल यादव के दल से गठबंधन के संकेत दिए थे.

शिवपाल यादव के साथ अखिलेश यादव. (फाइल फोटो साभार: फेसबुक)
शिवपाल यादव के साथ अखिलेश यादव. (फाइल फोटो साभार: फेसबुक)

कानपुर: वरिष्ठ समाजवादी नेता और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन को अपनी प्राथमिकता बताया है.

शिवपाल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भाजपा सरकार को हटाने के लिए वह अन्य दलों से गठबंधन करेंगे.

उन्होंने एक सवाल पर कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन उनकी प्राथमिकता में है.

शिवपाल का यह बयान सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाल के उस बयान के परिप्रेक्ष्य में खासा महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सपा से तालमेल करती है तो सत्ता में आने पर वह शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे.

शिवपाल ने कहा कि उनकी पार्टी का संगठन प्रदेश के सभी 75 जिलों में तैयार है. उनकी पार्टी का वजूद बना रहेगा और वहां सपा के साथ-साथ अन्य पार्टियों से भी गठबंधन करेंगे.

इससे पहले बीते मंगलवार को भी एक निजी समारोह में पहुंचे शिवपाल ने कहा था, ‘अखिलेश यादव से मेरा कोई मनभेद नहीं है, मतभेद होना स्‍वाभाविक है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए.

उन्होंने उस समय भी कहा था कि विधानसभा चुनाव में अगर उन्हें सम्‍मान जनक सीटें मिलीं तो वे सपा से गठबंधन करेंगे. उनका यह भी कहना था कि 2022 में भाजपा को हराने के लिए हम अपनी विचारधारा से मेल खाने वाले सभी राजनीतिक दलों से गठबंधन करेंगे.

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकारों ने जनता से जो भी वादे किए थे वे सब खोखले निकले. भाजपा सरकार का एक भी फैसला देश हित में नहीं रहा इससे जनता बहुत दुखी है.

गौरतलब है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल के बीच सरकार तथा संगठन पर वर्चस्व को लेकर तल्ख़ियां बहुत बढ़ गई थीं.

सपा के सत्ता से बाहर होने के बाद शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के रूप में एक अलग पार्टी बना ली थी.

शिवपाल यादव के ये बयान यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उन बयानों के बाद आए हैं, जिसमें उनकी ओर से शिवपाल यादव की पार्टी के साथ गठबंधन के संकेत दिए गए थे.

बीते शनिवार को अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) से गठबंधन के स्पष्ट संकेत देते हुए को कहा कि तालमेल की स्थिति में सरकार बनने पर वह शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे.

अखिलेश ने विधानसभा चुनाव में बसपा से भी किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए कहा था कि छोटे दलों से तो एडजस्टमेंट होगा लेकिन बड़े दलों से कोई गठबंधन नहीं होगा.

शिवपाल यादव से भी गठबंधन के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा था, ‘उस पार्टी को भी एडजस्ट करेंगे. जसवंतनगर उनकी (शिवपाल) सीट है. समाजवादी पार्टी ने वह सीट उनके लिए छोड़ दी है और आने वाले समय में उनके लोग मिलें, सरकार बनाएं, हम उनके नेता को कैबिनेट मंत्री भी बना देंगे… और क्या एडजस्टमेंट चाहिए?’

गौरतलब है कि इससे पहले भी शिवपाल यादव भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा जता चुके थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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