विश्व के बेहतरीन फुटबाल खिलाड़ियों में शुमार डिएगो मैराडोना का निधन

डिएगो मैराडोना को प्रसिद्धि तब मिली, जब उन्होंने 1986 विश्व कप में अपने देश अर्जेंटीना की कप्तानी की और जीत दिलाई. इसी विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ क्वार्टर फाइनल में ‘हैंड ऑफ गॉड’ नाम से मशहूर हुए गोल से वह फुटबॉल की किवदंतियों में शुमार हो गए थे.

डिएगो माराडोना. (फोटो: रॉयटर्स)

डिएगो मैराडोना को प्रसिद्धि तब मिली, जब उन्होंने 1986 विश्व कप में अपने देश अर्जेंटीना की कप्तानी की और जीत दिलाई. इसी विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ क्वार्टर फाइनल में ‘हैंड ऑफ गॉड’ नाम से मशहूर हुए गोल से वह फुटबॉल की किवदंतियों में शुमार हो गए थे.

डिएगो माराडोना. (फोटो: रॉयटर्स)
डिएगो मैराडोना. (फोटो: रॉयटर्स)

ब्यूनस आयर्स/रियो डि जिनेरियो/नई दिल्ली: दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत के नायक डिएगो मैराडोना का बुधवार रात निधन हो गया.

पेले के साथ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में गिने जाने वाले मैराडोना 60 वर्ष के थे. पिछले लंबे समय से वह कोकीन की लत और मोटापे से जुड़ी कई परेशानियों से जूझ रहे थे.

30 अक्टूबर 1960 को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स के एक उपनगर लेनस में जन्मे मैराडोना एक फैक्टरी कर्मचारी के आठ में से पांचवी संतान थे.

अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है. दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमियों में इस खबर से शोक की लहर दौड़ गई है और सोशल मीडिया पर इस महान फुटबॉलर को शृद्धांजलि दी जा रही है.

दो सप्ताह पहले ही दिमाग के ऑपरेशन के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी.

विश्व कप 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में ‘हैंड ऑफ गॉड’ वाले गोल के कारण फुटबॉल की किवदंतियों में अपना नाम शुमार कराने वाले मैराडोना दो दशक से लंबे अपने कैरियर में फुटबाल प्रेमियों के नूरे नजर रहे. नशे की लत और राष्ट्रीय टीम के साथ नाकामी ने उनकी साख को ठेस पहुंचाई, लेकिन फुटबॉल के दीवानों के लिये वह ‘गोल्डन बॉय’ बने रहे.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अर्जेंटीना के एक स्लम से अपनी जिंदगी का सफर शुरू करने वाले मैराडोना ने जब 1986 में अपने देश को फुटबाल विश्व कप जिताया, तब उन्हें साथी देशवासियों चे गवेरा और एविटा पेरॉन (फर्स्ट लेडी ऑफ अर्जेंटीना) के बराबर दर्जा दिया.

इतिहास में सबसे नायाब तोहफे वाला फुटबॉलर माने जाने वाले मैराडोना को प्रसिद्धि तब मिली, जब उन्होंने 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की कप्तानी की और जीत दिलाई.

मैक्सिको में 1986 में अर्जेंटीना को जीत दिलाने वाले मैराडोना ने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ एक खेल में दो मशहूर गोल किए थे. पहला गोल उनकी मुट्ठी से किया गया एक बदनाम गोल था, जबकि दूसरे गोल को सदी का गोल कहा जाता है.

2-1 से मैच जीतने के बाद उन्होंने कहा था, यह आंशिक रूप से भगवान के हाथ से और आंशिक रूप से मैराडोना के सिर से था.

हालांकि, इसके बाद उनकी जिंदगी का बुरा दौर तब शुरू हो गया, जब उन्हें 1994 में डोपिंग के लिए विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

सालों तक ड्रग्स के इस्तेमाल, ओवरइटिंग और शराब की लत के कारण उनका चमकता करिअर बर्बाद हो गया और फिर वे मैदान से गायब हो गए. कोकीन के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण साल 2000 में वे मरते-मरते बचे थे.

साल 2008 में उन्होंने अर्जेंटीना टीम के कोच के रूप में जबरदस्त वापसी की, क्योंकि अधिकारियों को लगा कि कोचिंग की अनुभवहीनता के बावजूद वे अपने करिश्मे से टीम को प्रोत्साहित कर सकेंगे.

एक दिन आसमान में साथ में फुटबॉल खेलेंगे, पेले ने मैराडोना को शृद्धांजलि दी

‘एक दिन आसमान में कहीं मैराडोना के साथ फुटबॉल खेलूंगा’, ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले ने अर्जेंटीना के करिश्माई खिलाड़ी मैराडोना के निधन पर कुछ इस तरह शृद्धांजलि दी.

पेले ही वह खिलाड़ी हैं, जिनका नाम ‘फुटबॉल के बादशाह’ मैराडोना के साथ लिया जाता रहा है.

पेले ने ट्वीट किया, ‘बहुत की दुखद समाचार. मैंने एक अच्छा दोस्त और दुनिया ने एक महान खिलाड़ी खो दिया. बहुत कुछ कहना है लेकिन फिलहाल इतना ही कहूंगा कि ईश्वर उनके परिजनों को शक्ति दे. उम्मीद है कि एक दिन हम आसमान में कहीं साथ फुटबॉल खेलेंगे.’

पेले और मैराडोना एक दूसरे के खेल के प्रशंसक थे. दोनों की उम्र में दो दशक का फासला था लेकिन रिश्ता दोस्ती का था. फुटबॉल के खेल को खूबसूरत बनाने में इन दोनों के योगदान को दुनिया ने सराहा और इन दोनों ने एक दूसरे के हुनर को.

गांगुली समेत भारतीय खेलप्रेमियों ने दी मैराडोना को शृद्धांजलि

महान फुटबॉलर डिएगो मैराडोना के निधन से भारतीय खेल समुदाय भी शोक में डूब गया और सोशल मीडिया पर इस महानायक को शृद्धांजलि दी गई. भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि उन्होंने अपने नायक को खो दिया.

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई प्रमुख गांगुली ने लिखा, ‘मेरा हीरो नहीं रहा. माय मैड जीनियस रेस्ट इन पीस. मैं आपके लिए फुटबॉल देखता था.’

गांगुली ने 2017 में कोलकाता में मैराडोना के साथ एक चैरिटी मैच भी खेला था.

भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने ट्वीट किया, ‘अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो मैराडोना फुटबॉल के मैदान पर एक जादूगर की तरह थे. फुटबॉल ने आज एक नगीना खो दिया. उनका नाम फुटबॉल के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज रहेगा.’

क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘फुटबॉल और विश्व खेल जगत ने आज महानतम खिलाड़ियों में से एक खो दिया. ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे डिएगो मैराडोना. आपकी कमी खलेगी.’

बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा, ‘खेल के महानायकों में एक डिएगो मैराडोना का निधन. खेल जगत के लिए दुखद दिन. उनके परिवार, दोस्तों और हितैषियों के प्रति संवेदना.’

भारत के पूर्व हॉकी कप्तान वीरेन रासकिन्हा ने लिखा, ‘तमाम यादों और पागलपन के लिये धन्यवाद.’ भारत के पूर्व फुटबॉलर आईएम विजयन ने लिखा, ‘फुटबॉल के भगवान, भगवान आपकी आत्मा को शांति दे.’

भारतीय नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार डिएगो मैराडोना के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपने जादूई खेल से लाखों लोगों को सम्मोहित किया.

उप राष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया,v‘उनका अचानक निधन फुटबॉल की दुनिया का एक भारी नुकसान है. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो मैराडोना के निधन पर बृहस्पतिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि अपने करिअर के दौरान खेल के मैदान में उन्होंने खेल प्रेमियों को कई बेहतरीन लम्हों का अनुभव कराया.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘डिएगो मैराडोना फुटबॉल के एक दिग्गज खिलाड़ी थे, जिन्हें वैश्विक लोकप्रियता हासिल थी. अपने पूरे करिअर के दौरान उन्होंने हमें फुटबॉल के मैदान के कई बेहतरीन लम्हें दिए. उनके असामयिक निधन ने हम सभी को दुखी किया है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को महान फुटबॉलर डिएगो मैराडोना के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह ऐसे जादूगर थे, जिन्होंने लोगों को दिखाया कि फुटबॉल को खूबसूरत खेल क्यो कहा जाता है.

फुटबॉल के प्रशंसक राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘डिएगो मैराडोना, एक लीजैंड अब हमारे बीच नहीं रहे. वह ऐसे जादूगर थे जिन्होंने दिखाया कि फुटबॉल का खेल खूबसूरत क्यों कहा जाता है.’

उन्होंने कहा, ‘उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. ग्रासियास अर्जेंटीना.’

गोवा में लगेगी मैराडोना की विशाल प्रतिमा

गोवा सरकार अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो मैराडोना की विशाल प्रतिमा अगले साल की शुरुआत में पूर्वी जिले के तटीय इलाके में लगाएगी.

राज्य सरकार के सीनियर मंत्री और कालांगुटे के विधायक माइकल लोबो ने बताया, ‘मैराडोना की प्रतिमा पहले से ही बन रही है. महाराष्ट्र के एक कलाकार उस पर काम कर रहे हैं.’

लोबो ने 2018 में ही प्रदेश में मैराडोना की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी. उन्होंने बताया कि प्रतिमा कंडोलिम या कालांगुटे में लगाई जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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