हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों पर हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप में मामला दर्ज

केंद्र के तीन कृषि क़ानून को लेकर किसानों ने ​दो दिवसीय दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था. किसानों को रोकने के दौरान पुलिस की उनसे झड़प हुई थी. अंबाला में किसान विरोध के दौरान पुलिस के वाटर कैनन को बंद करने वाले एक युवक के ख़िलाफ़ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.

Ambala: Police personnel use water canons on farmers to stop them from crossing the Punjab-Haryana border during Delhi Chalo protest march against the new farm laws, near Ambala, Thursday, Nov. 26, 2020. (PTI Photo)(PTI26-11-2020 000140B)

केंद्र के तीन कृषि क़ानून को लेकर किसानों ने दो दिवसीय दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था. किसानों को रोकने के दौरान पुलिस की उनसे झड़प हुई थी. अंबाला में किसान विरोध के दौरान पुलिस के वाटर कैनन को बंद करने वाले एक युवक के ख़िलाफ़ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.

Ambala: Police personnel use water canons on farmers to stop them from crossing the Punjab-Haryana border during Delhi Chalo protest march against the new farm laws, near Ambala, Thursday, Nov. 26, 2020. (PTI Photo)(PTI26-11-2020 000140B)
(फोटोः पीटीआई)

अंबाला/चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने भारतीय किसान संघ (बीकेयू) की प्रदेश इकाई के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुणी और अन्य किसानों पर ‘दिल्ली चलो’ मार्च के दौरान हत्या का प्रयास, दंगे करने, सरकारी काम में बाधा पैदा करने और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है.

पराव पुलिस थाने में हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप कुमार की शिकायत पर 26 नवंबर को धारा 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगा करने), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने), 186 (लोकसेवकों के सरकारी काम में बाधा पहुंचाना) और 269 (संक्रमण फैलाने जैसे लापरवाही भरे काम कर दूसरों के जीवन को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया.

एफआईआर में चारुणी और कई अन्य अज्ञात किसानों को नामजद किया गया है.

एफआईआर में कहा गया है कि घटनास्थल पर पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपाधीक्षक राम कुमार ने चारुणी को आगे बढ़ने से रोका, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.

इसमें कहा गया है कि चारुणी और अन्य किसानों ने अपने ट्रैक्टरों की मदद से पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए.

एफआईआर के अनुसार, कुछ पुलिस अधिकारी बचकर वहां से निकले अन्यथा वे दिल्ली की ओर बढ़ रहे ट्रैक्टरों से कुचले जा सकते थे. इन लोगों पर कोविड-19 महामारी से संबंधित दिशानिर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप है.

पुलिस बैरियर तोड़ने व अन्य आरोपों में पंजाब के कुछ किसानों के खिलाफ पानीपत में भी मामला दर्ज किया गया .

डीजीपी ने बयान जारी कर कहा कि पूरे प्रकरण में न केवल काफी संख्या में पुलिसकर्मी जख्मी हुए, बल्कि पुलिस के और निजी वाहनों को क्षति भी पहुंची.

प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए हरियाणा के कई हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है.

वाटर कैनन को बंद करने वाले युवक पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज

हरियाणा के अंबाला में किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान वाटर कैनन को बंद करने वाले युवक के खिलाफ पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है.

26 वर्षीय नवदीप सिंह ने 25 नवंबर को अंबाला में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करने वाली पुलिस की गाड़ी पर चढ़कर उसे बंद कर दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नवदीप सिंह को उसी मामले में नामजद किया गया है, जिसमें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चारुनी को किया गया था.

नवदीप सिंह के पिता जय सिंह जल्बेरा भी इसी एफआईआर में नामजद हैं.

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पुलिस ने नवदीप को पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली से पुलिसकर्मियों को कुचलने के प्रयास का आरोपी बनाया है.

बता दें कि पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार किए जाने के बीच अंबाला-दिल्ली राजमार्ग पर पुलिस की बैरिकेडिंग की वजह से किसानों का दिल्ली पहुंचना मुश्किल हो रहा था.

सूत्रों का कहना है कि इस दौरान नवदीप वाटर कैनन की गाड़ी पर चढ़ गए और उसने पानी की बौछार की दिशा उस तरफ कर दी, जिस तरफ पुलिसकर्मी खड़े थे. इस बीच एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बैरिकेड को पार कर गई, जिससे साथी किसान आगे बढ़ सके.

इस पूरे मामले पर नवदीप का कहना है, ‘किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.’ 2015 में हरियाणा की कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन कर चुके नवदीप ने कहा, ‘हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. हम सिर्फ अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे.’

किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नए कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी.

बता दें कि केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. इन कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा दो दिनों के संघर्ष के बाद दिल्ली की सीमा में प्रवेश की मंजूरी मिल गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)