कोविड-19 से भोपाल गैस त्रासदी के 254 पीड़ितों की मौत, डाव केमिकल अतिरिक्त मुआवजा दे: संगठन

गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने कहा कि भोपाल में कोविड-19 से त्रासदी पीड़ितों की मृत्यु दर अन्य लोगों से करीब 6.5 गुना ज्यादा है. हालांकि भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास निदेशक ने इस दावे को ख़ारिज किया है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने कहा कि भोपाल में कोविड-19 से त्रासदी पीड़ितों की मृत्यु दर अन्य लोगों से करीब 6.5 गुना ज्यादा है. हालांकि भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास निदेशक ने इस दावे को ख़ारिज किया है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

इस संगठनों ने कहा कि भोपाल में कोविड-19 से भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित लोगों की मृत्यु दर अन्य लोगों से करीब 6.5 गुना ज्यादा है. इसलिए कोरोना वायरस महामारी से साबित हुए दूरगामी शारीरिक क्षति के लिए यूनियन कार्बाइड और उसके वर्तमान मालिक डाव केमिकल अतिरिक्त मुआवजा दें.

हालांकि, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास निदेशक बसंत कुर्रे ने कहा, ‘दो दिसंबर तक कोविड-19 से भोपाल जिले में कुल 518 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से मात्र 102 लोग भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे. भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित जिन 102 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 69 लोगों की उम्र 50 साल से अधिक थी, जबकि 33 लोगों की उम्र 50 साल से कम थी.’

भोपाल गैस पीड़ितों के हितों के लिए लंबे अरसे से काम करने वाले संगठन ‘भोपाल ग्रुप फॉर इनफॉरमेशन एंड एक्शन’ की सदस्य रचना ढींगरा ने बुधवार को दावा किया, ‘भोपाल जिले में कोविड-19 की वजह से अब तक 518 मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में 18 अक्टूबर तक इस बीमारी से जिन 450 लोगों की मौत का जिक्र था, उनके घर-घर जाकर हमने पता लगाया कि वे भोपाल गैस पीड़ित थे या नहीं. इसमें हमें पता चला है कि इन 450 मृतकों में से 254 लोग भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे.’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से अन्य लोगों की तुलना में भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित लोग ज्यादा मर रहे हैं.

जब उनसे पूछा गया कि राज्य सरकार भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित केवल 102 लोगों की कोविड-19 से मरने की पुष्टि कर रही है, तो उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के संक्रमण से मरे इन 254 लोगों के पास भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार के लिए बनाए गए अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) का स्मार्ट कार्ड और इस गैस कांड के मुआवजे के आदेश की प्रतिलिपि थी.’

ढींगरा ने कहा, ‘हमने ये स्मार्ट कार्ड एवं मुआवजे के आदेश की प्रतिलिपि इन मृतक लोगों के घर-घर जाकर उनके परिजनों से ली हैं और उनकी पहचान भोपाल गैस पीड़ित के रूप में की है.’

उन्होंने ये भी कहा, ‘हमने ये दस्तावेज मुख्य चिकित्सा अधिकारी (गैस राहत) रवि वर्मा को भी सौंपे हैं.’

उन्होंने कहा कि भोपाल गैसकांड के पीड़ितों के चार संगठनों- भोपाल ग्रुप फॉर इनफॉरमेशन एंड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा एवं चाइल्ड अगेंस्ट डाव-कार्बाइड-  ने मांग की है कि ‘कोविड-19 से साबित हुए दूरगामी शारीरिक क्षति के लिए यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाव केमिकल भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा दें.’

ढींगरा ने बताया कि इन संगठनों ने आधिकारिक दस्तावजों से यह दर्शाया कि गैस पीड़ित आबादी में कोरोना की वजह से मृत्यु की दर जिले के अन्य लोगों की तुलना में 6.5 गुना ज्यादा है.

बीते जून महीने में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भोपाल में कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों में 75 प्रतिशत गैस पीड़ित हैं.

ढींगरा ने दावा किया कि दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड के भोपाल स्थित कारखाने से रिसी जहरीली गैस मिक (मिथाइल आइसोसाइनाइट) से अब तक 20,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और लगभग 5.68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को गैस त्रासदी की 36वीं बरसी पर पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे और गैस पीड़ित महिलाओं को एक हजार रुपये पेंशन फिर से शुरू करने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, ‘जो गैस पीड़ित भाई-बहन बचे हैं उनकी जिंदगी कैसे गुजरी हम जानते हैं. मेरी वो विधवा बहनें जिनका सब कुछ त्रासदी में चला गया, उनकी 1000 रुपये की पेंशन जो 2019 में बंद कर दी गई थी दोबारा शुरू की जाएगी ताकि अंतिम समय उनका ऐसे संकटों से न गुजरे.’

बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के हित में काम करने वाला एक गैर सरकारी संगठन मध्य प्रदेश सरकार से इस आपदा के कारण विधवा हुईं महिलाओं की पेंशन फिर से शुरू करने की मांग कर रहा था.

केंद्र सरकार के 30 करोड़ रुपये की सहायता से 2011 में 4,998 विधवा महिलाओं के लिए पेंशन शुरू की गई थी, जिसे दिसंबर 2019 से बंद कर दिया गया है.

साथ ही मुख्यमंत्री ने गैस त्रासदी में जान गंवाने वालों के नाम स्मारक बनाने की बात कही.

उन्होंने कहा, ‘भोपाल गैस त्रासदी का स्मारक हमें भोपाल में जल्द बनाना चाहिए, ताकि ये स्मारक दुनिया को सबक दे. हमें याद दिलाए कि कोई शहर भोपाल न बने. हम असुरक्षा से कोई चीज न बनाए जो इंसान पर भारी पड़े. जैसे हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम का उपयोग न हो ये सीख देते हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq