किसान आंदोलन: भारत के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लंदन में प्रदर्शन, कई गिरफ़्तार

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन विभिन्न दलों के 36 ब्रिटिश सांसदों के एक समूह द्वारा ब्रिटेन के विदेश मंत्री को पत्र लिखने बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस बारे में अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर को अवगत कराएं.

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भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में लंदन में प्रदर्शन करते लोग. (फोटो: ट्विटर)

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन विभिन्न दलों के 36 ब्रिटिश सांसदों के एक समूह द्वारा ब्रिटेन के विदेश मंत्री को पत्र लिखने बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस बारे में अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर को अवगत कराएं.

भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में लंदन में प्रदर्शन करते लोग. (फोटो: ट्विटर)
भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में लंदन में प्रदर्शन करते लोग. (फोटो: ट्विटर)

लंदन: ब्रिटेन के मध्य लंदन में रविवार को भारतीय उच्चायोग के बाहर भारत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में किए गए प्रदर्शन के दौरान स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया.

स्कॉटलैंड यार्ड ने भारतीय उच्चायोग के बाहर ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले चेतावनी दी थी.

मध्य लंदन में ‘हम पंजाब के किसानों के साथ खड़े हैं’ प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कई पुलिसकर्मी सड़क पर उतरे और चेताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े नियम लागू हैं और अगर 30 से ज्यादा लोग जमा होते हैं तो गिरफ्तारी की जा सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है.

मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमांडर पॉल ब्रोगडेन ने कहा, ‘अगर आप निर्धारित 30 लोगों से अधिक की संख्या में एकत्र होकर नियम तोड़ते हैं तो आप अपराध कर रहे हैं जो दंडनीय है और जुर्माना लगाया जाएगा.’

उन्होंने लोगों से प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की अपील भी की. प्रदर्शन में मुख्य रूप से ब्रिटिश सिख शामिल थे जो तख्तियां पकड़े हुए थे, जिनपर ‘किसानों के लिए न्याय’ जैसे संदेश लिखे थे.

रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि कुल 13 लोगों को कोविड-19 नियमों के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किया गया था. उनमें से चार ने जब बाद में अपनी पहचान बताई तब उन पर जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया गया. अन्य नौ हिरासत में हैं.

इस दौरान तीन युवाओं को एक भीड़ को पुतला जलाते देखा गया और पुलिस ने उसे जब्त कर लिया. उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया और पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन से कोई घायल नहीं हुआ है.

भारतीय उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शन भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार प्रदर्शनकारियों से बात कर रही है.

बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन ब्रिटिश सिख लेबर सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में विभिन्न दलों के 36 ब्रिटिश सांसदों के एक समूह द्वारा विदेश मंत्री डॉमिनिक राब को पत्र लिखने बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के ब्रिटिश पंजाबी लोगों पर प्रभाव के बारे में वह अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर को अवगत कराएं.

विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि उसे अभी तक पत्र नहीं मिला है और यह मामला भारत का एक आंतरिक मुद्दा है. एफसीडीओ के प्रवक्ता ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों को संभालने का पुलिस का तरीका भारत सरकार का आतंरिक मामला है.

ब्रिटेन में भारतीय दूतावास ने कहा है कि उसने भारत सरकार द्वारा लाए गए ऐतिहासिक कृषि सुधार कानूनों की मूलभूत विशेषताओं के बारे में ब्रिटिश सरकार और संसद में प्रासंगिक वार्ताकारों को विस्तार से बताया है.

बता दें कि केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर बीते 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन 26 नवंबर को शुरू हुआ था.

मौजूदा समय में किसान नेता अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे हैं. हालांकि शनिवार तक हुई पांच दौर की वार्ता के बाद अभी तक इस संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका है. इस बीच किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)

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