मध्य प्रदेश: बिजली बिल जमा न करने पर हुई कुर्की से क्षुब्ध किसान ने आत्महत्या की

छतरपुर ज़िले के 35 वर्षीय मुनेंद्र द्वारा बिजली का बिल भुगतान न करने पर विभाग ने उनकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल ज़ब्त कर ली थी. मुनेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके मरने के बाद उनका शरीर शासन को दे दिया जाए ताकि उनके अंग बेचकर शासन का कर्ज़ चुक सके.

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छतरपुर ज़िले के 35 वर्षीय मुनेंद्र द्वारा बिजली का बिल भुगतान न करने पर विभाग ने उनकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल ज़ब्त कर ली थी. मुनेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके मरने के बाद उनका शरीर शासन को दे दिया जाए ताकि उनके अंग बेचकर शासन का कर्ज़ चुक सके.

Chhatarpur

छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में विद्युत विभाग की कार्रवाई से परेशान किसान ने आत्महत्या कर ली. मामला मातगुवां गांव का है. 35 वर्षीय मुनेंद्र राजपूत ने बुधवार को फांसी लगा ली और एक सुसाइड नोट छोड़ा.

पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय युवक ने गांव में आत्महत्या की. बिजली का बिल भुगतान न करने पर ऊर्जा कंपनी ने उसकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर ली थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

ऑउटलुक के मुताबिक, यह घटना छतरपुर से 17 किलोमीटर दूर मातगुवां गांव में बुधवार को हुई. आत्महत्या करने से पहले किसान ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने लिखा है कि उसके मरने के बाद उसका शरीर शासन को दे दिया जाए ताकि उनका अंग बेचकर सरकार अपना कर्जा चुका ले.

मुनेंद्र राजपूत ने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘मेरी तीन पुत्री और एक पुत्र है. किसी की उम्र 16 वर्ष से अधिक नहीं है. मेरी परिवार से प्रार्थना है कि मेरे मरने के उपरान्त मेरा शरीर शासन के सुपुर्द कर दें, जिससे मेरे शरीर का एक-एक अंग बेच कर शासन का कर्जा चुक सके.’

उसने कर्ज न चुका सकने का कारण भी लिखा है, ‘मेरी एक भैंस करंट लगने से मर गई, तीन भैंस चोरी हो गई, आषाढ़ में (खरीफ फसल) खेती में कुछ नहीं मिला, लॉकडाउन में कोई काम नहीं और न ही चक्की चली. इस कारण हम बिल नहीं दे सके.’

राजस्थान पत्रिका के मुताबिक युवक ने आत्महत्या करने से पहले तीन खत लिखे थे – एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरा मध्य प्रदेश सरकार और तीसरा खत किसान भाइयों को अपील करते हुए लिखा.

रिपोर्ट के मुताबिक मुनेंद्र राजपूत पर 88 हजार से अधिक का बिजली बिल बकाया था, जिसे वह नहीं चुका पा रहा था.

छतरपुर जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक की मां हरबाई के नाम 5 एचपी विद्युत कनेक्शन स्वीकृत है जिसका 88,508 रुपये का भुगतान तीन सालों से लंबित है.

उन्होंने बताया कि बकाया राशि वसूली के लिए अक्टूबर-नवंबर में नोटिस जारी किए गए थे और दिसंबर में आरआरसी जारी की गई.

मृतक के भाई ने बिजली कंपनी के कर्मचारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसके भाई की चक्की और बाइक जब्त कर ले गए और उसके साथ दुर्व्यवहार किया.

मृतक के भाई लोकेंद्र राजपूत ने कहा, ‘मेरे भाई मुनेंद्र राजपूत ने बुधवार दोपहर लगभग एक बजे अपने खेत पर लगे आम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बिजली बिल साल भर से न भरने की वजह से बिजली विभाग ने कुर्की वारंट जारी कर सोमवार को उसकी चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर लिया. उन्हें अपमानित किया गया. वह निवेदन करते रहे कि कुछ वक्त दे दो, पर उनकी एक नहीं सुनी गई.’

उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के लिए मार्च में लगे लॉकडाउन एवं इस लॉकडाउन के खुलने के बाद मुनेंद्र को चक्की से पर्याप्त आमदनी नहीं हो रही थी. खरीफ की फसल हुई नहीं थी और गुजारा करने के लिए वह चक्की चलाते थे.’

लोकेंद्र ने बताया कि इस वर्ष चक्की बहुत ही कम चलने के बाद भी बिजली विभाग वाले रीडिंग की बजाय साल भर से औसतन बिल दे रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘अधिक बिल और फसल न होने से उनके पास देने के लिए कुछ भी नहीं था. ऐसे में उन्होंने खेत पर पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.’

मातगुवां पुलिस थाना प्रभारी कमलजीत सिंह ने बताया, ‘हमने मामला दर्ज करके विवेचना शुरू कर दी है.’ उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट भी मिला है.

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