नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली बोले, भारत से वापस लेंगे कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद के उच्च सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के साथ विवादित क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों को उठाने का साहस किया है जबकि पिछली सरकारें इस मुद्दे पर चुप थीं.

/
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद के उच्च सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के साथ विवादित क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों को उठाने का साहस किया है जबकि पिछली सरकारें इस मुद्दे पर चुप थीं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

काठमांडू: सीमा गतिरोध के चलते प्रभावित हुए द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य किए जाने के प्रयासों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को कहा कि वह कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्र को भारत से वापस लेंगे.

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीव ग्यावली के 14 जनवरी को प्रस्तावित भारत दौरे से ठीक पहले ओली ने नेशनल असेंबली (उच्च सदन) को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.

रिश्तों में तनाव आने के बाद वह नेपाल से भारत आने वाले वह सबसे वरिष्ठ राजनेता होंगे.

ओली ने कहा, ‘सुगौली संधि के मुताबिक महाकाली नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख नेपाल का भाग हैं. हम भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के जरिये इन्हें वापस लेंगे.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे विदेश मंत्री 14 जनवरी को भारत दौरे पर जाएंगे और इस दौरान उनकी वार्ता के केंद्र में नक्शे का मुद्दा रहेगा जिसमें हमने उक्त तीनों क्षेत्रों को शामिल किया है.’

उल्लेखनीय है कि नेपाल सरकार ने पिछले साल भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख के अपना होने का दावा करते हुए विवादित नक्शा जारी किया था, जिसका भारत ने कड़े शब्दों ने विरोध जताया था.

रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने दोहराया कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान भारत द्वारा अपने सैनिकों को तैनात किए जाने के बाद उन क्षेत्रों में पर नेपाल सरकार ने कभी दावा नहीं किया.

ओली ने कहा, ‘कुछ लोग बेचैन हैं क्योंकि मेरी सरकार ने अतिक्रमित नेपाली क्षेत्रों को शामिल करते हुए नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया. वास्तव में, हमारे शासकों ने भारतीय अतिक्रमण के खिलाफ बोलने में संकोच किया. अब, हम (सरकार) इन क्षेत्रों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं.’

बता दें कि पिछले महीने नेपाली संसद के निचले सदन को भंग किए गए जाने के बाद ओली ने पहली बार भारत के खिलाफ कुछ कहा है. वहां इस साल अप्रैल और मई में मध्यावधि चुनाव होंगे जो तय समयानुसार 2022 में होने थे.

नेपाली प्रधानमंत्री ने दावा किया कि देश को दो दिग्गज पड़ोसियों भारत और चीन के साथ उनकी सरकार में रिश्ते नए शिखर पर पहुंचे हैं.

हालांकि, वास्तविकता यह है कि ओली सरकार द्वारा भारत के एक सीमाई सड़क बनाने का विरोध करने के कारण दोनों देशों के रिश्ते 2019 से ही बेहद खराब हो गए हैं.

मालूम हो कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बीते आठ मई को उत्तराखंड के धारचूला के साथ लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध में तनाव आ गया था.

नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन का विरोध करते हुए दावा किया था कि यह उसके क्षेत्र से गुजरती है. इसके कुछ दिन बाद नेपाल एक नया नक्शा लेकर आया जिसमें कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को उसने अपने क्षेत्र के रूप में दिखाया.

भारत ने भी नवंबर 2019 में एक नया नक्शा प्रकाशित किया था, जिसमें इन क्षेत्रों को उसके क्षेत्र के रूप में दिखाया गया था.

नेपाल द्वारा नक्शा जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘एकतरफा कार्रवाई’ बताया था और काठमांडू को आगाह किया था कि इस तरह की कार्रवाई स्वीकार्य नहीं होगी.

हालांकि, साल 2020 के अंत में रिश्तों में कुछ गर्मजोशी देखी गई जब भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने नवंबर में काठमांडू का दौरा किया.

रविवार को अपने संबोधन में ओली ने कहा, ‘हम संप्रभु समानता के आधार पर भारत के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए काम कर रहे हैं. वास्तव में, हम सच्चे अर्थों में भारत के साथ संबंधों को गहरा करना चाहते हैं और हमें भारत के साथ वास्तविक चिंताओं के मुद्दों को उठाने में संकोच नहीं करना चाहिए.’

उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली 14 जनवरी को सीमा और अन्य मामलों पर चर्चा करने के लिए भारत का दौरा करेंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25