उन्नाव बलात्कार पीड़िता के भतीजे का अपहरण के चार महीने बाद भी पता नहीं चला, चार्जशीट दाख़िल

उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले की 23 वर्षीय युवती से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. दिसंबर 2019 को जब वह मामले की सुनवाई के लिए अदालत जा रही थीं, तब ज़मानत पर छूटे बलात्कार के दो आरोपियों ने उन्हें जला दिया था. दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. अक्टूबर 2020 में युवती के भतीजे का अपहरण किया गया था.

(फोटो साभार: IndiaRail Info)

उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले की 23 वर्षीय युवती से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. दिसंबर 2019 को जब वह मामले की सुनवाई के लिए अदालत जा रही थीं, तब ज़मानत पर छूटे बलात्कार के दो आरोपियों ने उन्हें जला दिया था. दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. अक्टूबर 2020 में युवती के भतीजे का अपहरण किया गया था.

(फोटो साभार: IndiaRail Info)
(फोटो साभार: IndiaRail Info)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के छह साल के भतीजे के कथित अपहरण के संबंध में पुलिस ने गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.

पीड़िता के भतीजे का दो अक्टूबर 2020 को उसके घर के बाहर से कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी पांचों आरोपी उन्नाव की 23 साल की पीड़िता के गैंगरेप और हत्या मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवार के सदस्य हैं.

बता दें कि बलात्कार पीड़िता को उस समय जला दिया गया था, जब वह गैंगरेप मामले की सुनवाई के लिए अदालत जा रही थी.

उन्नाव के पुलिस अधीक्षक सुरेशराव ए. कुलकर्णी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट दायर की गई है.

उन्नाव जिले के बिहार पुलिस स्टेशन के एसएचओ संतोष कुमार सिंह का कहना है, ‘आरोपी जेल में बंद हैं और हमने बीते हफ्ते आईपीसी की धारा 364 (अपहरण और हत्या के लिए अपहरण) के तहत चार्जशीट दायर की थी. लड़के का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं.’

सूत्रों का कहना है कि लापता लड़के के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी मुहैया कराने के लिए एक लाख रुपये का ऐलान किया गया है. पुलिस की कई टीमों का गठन किया गया और तलाश जारी है.

मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए दायर की गई याचिका हाईकोर्ट में लंबित हैं.

एसएचओ सिंह ने कहा, ‘आरोपी पर किए गए पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट का अभी इंतजार है. हम लखनऊ में फॉरेसिंक साइंस लैब को पत्र भेज रहे हैं कि वे हमें पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट भेजें.’

बता दें कि पिछले साल दो अक्टूबर को पहली कक्षा का छात्र उस समय लापता हो गया था, जब वह अपने दोस्तों के साथ अपने घर के बाहर खेल रहा था.

पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत में बलात्कार पीड़िता की बहन ने कहा था कि दो स्थानीय लोगों ने लड़के को आखिरी बार आरोपी के साथ देखा था.

लड़के के लापता होने के बाद बलात्कार पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए तीनों पुलिस कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया था.

पुलिस का कहना है कि बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी से अपहरण के मामले में पूछताछ की गई, लेकिन उसने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया.

बता दें कि उन्नाव जिले की 23 वर्षीय युवती से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. दिसंबर 2019 को जब वह गैंगरेप मामले की सुनवाई के लिए अदालत जा रही थी, तब जमानत पर छूटे बलात्कार के दो आरोपियों ने उसे जला दिया था. इसके बाद युवती की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.