केरलः नाबालिग लड़की से यौन शोषण के 29 मामले दर्ज, 18 गिरफ़्तार

केरल के मलप्पुरम का मामला. लड़की पिछले महीने अपने भाई के घर से लापता हो गई थी, जिसके कुछ दिनों बाद पुलिस ने लड़की को पलक्कड़ से हिरासत में लिया और बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसलिंग के दौरान यौन शोषण की घटना उजागर हुई.

केरल के मलप्पुरम का मामला. लड़की पिछले महीने अपने भाई के घर से लापता हो गई थी, जिसके कुछ दिनों बाद पुलिस ने लड़की को पलक्कड़ से हिरासत में लिया और बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसलिंग के दौरान यौन शोषण की घटना उजागर हुई.

Malappuram

तिरुवनंतपुरमः केरल के मलप्पुरम जिले में एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण से संबंधित 29 मामले दर्ज किए हैं. पुलिस का कहना है कि पॉक्सो एक्ट के तहत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आरोपियों की वास्तिवक संख्या का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने भाई के साथ रहने वाली लड़की पिछले महीने लापता हो गई थी. कुछ दिनों बाद पुलिस ने लड़की को हिरासत में ले लिया था और बाल कल्याण समिति की ओर से की गई काउंसिलिंग के दौरान लड़की के साथ यौन शोषण होने का मामला सामने आया.

पुलिस का कहना है कि लड़की के साथ पहली बार 2016 में दुर्व्यवहार किया गया था और सीडब्ल्यूसी द्वारा संचालित आश्रय गृह में उसे रखा गया था.

2017 में उससे संबंधित पॉक्सो के एक दूसरे मामले के बाद सीडब्ल्यूसी ने लड़की को सरकारी आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया, लेकिन उसके भाई ने उसकी हिरासत की मांग की थी.

पुलिस एक सूत्र के बताया, ‘मामले में परिवार के किसी सदस्य के शामिल न होने की वजह से सीडब्ल्यूसी ने उसकी कस्टडी उनके भाई को देने की अनुमति दे दी थी.’

पिछले महीने लड़की अपने भाई के घर से लापता हो गई थी. मामले की जांच करते हुए पुलिस ने पलक्कड़ से लड़की को हिरासत में लिया था.

सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग के दौरान लड़की ने कथित तौर पर कहा कि उसका कई बार यौन शोषण हुआ. लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ 29 मामले दर्ज किए.

सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन शाजेश भास्कर के मुताबिक, ‘जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के मुताबिक शेल्टर होम ही आखिरी आश्रय गृह होना चाहिए. लड़की का परिवार इन कथित घटनाओं में शामिल नहीं था. सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग के बाद इस यौन शोषण का पता चला.’

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