टीआरपी रेटिंग में हेरफेर को लेकर बार्क के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करेगा टाइम्स नेटवर्क

बीसीसीएल ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2020 की बार्क की फॉरेंसिक रिपोर्ट तथा कई ईमेल और वॉट्सऐप चैट से बार्क के अधिकारियों के द्वारा टाइम्स नाउ की टीआरपी कम करने की बात स्पष्ट रूप से पता चलती है, जिसे लेकर वे बार्क के ख़िलाफ क़ानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.

(फोटो साभार: लिंक्डइन)

बीसीसीएल ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2020 की बार्क की फॉरेंसिक रिपोर्ट तथा कई ईमेल और वॉट्सऐप चैट से बार्क के अधिकारियों के द्वारा टाइम्स नाउ की टीआरपी कम करने की बात स्पष्ट रूप से पता चलती है, जिसे लेकर वे बार्क के ख़िलाफ क़ानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.

(फोटो साभार: लिंक्डइन)
(फोटो साभार: लिंक्डइन)

नई दिल्ली: भारत के शीर्ष समाचार-पत्र प्रकाशक और टेलीविजन चैनल मालिक बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) ने सोमवार को कहा कि वह टीवी रेटिंग के हेरफेर में कथित भूमिका को लेकर बार्क के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रही है.

बीसीसीएल ने एक बयान में कहा कि वह प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिक टीवी को अंग्रेजी समाचार श्रेणी में उसके समूह के टाइम्स नाउ न्यूज चैनल से आगे घोषित करने में कथित धोखाधड़ी को लेकर ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है.

कंपनी ने कहा कि जुलाई 2020 की बार्क की फॉरेंसिक रिपोर्ट तथा कई ईमेल और वॉट्सऐप चैट से बार्क के अधिकारियों के द्वारा टाइम्स नाउ की टीआरपी कम करने की बात स्पष्ट रूप से पता चलती है.

कंपनी ने कहा कि उसका चैनल टाइम्स नाउ लगातार सबसे आगे था, इसके बाद भी बार्क ने धोखा करके रिपब्लिक टीवी को सबसे लोकप्रिय चैनल बताया.

टाइम्स नेटवर्क ने बयान में कहा, ‘बार्क के इस अस्वीकार्य और अनुचित कार्य के कारण टाइम्स नेटवर्क को प्रतिष्ठा की हानि के साथ ही भारी वित्तीय नुकसान और अपूरणीय क्षति हुई है. टाइम्स नेटवर्क/बीसीसीएल उपलब्ध विकल्पों के आधार पर अपनी शिकायतों का निवारण नहीं किए जाने के चलते बार्क के खिलाफ सभी संभावित कानूनी कार्रवाइयों पर विचार कर रहा है.’

टाइम्स नेटवर्क ने कहा कि वह आपराधिक व नागरिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्यवाही शुरू करने का भी इरादा तय किया है.

टाइम्स नेटवर्क ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कई बार बार्क से स्पष्टीकरण की मांग की है, जिसे हर बार खारिज कर दिया गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आगे कहा है कि जुलाई 2020 के फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में व्यापक अनियमितता का पता लगने के बाद भी बार्क के वर्तमान प्रबंधन और बोर्ड ने इस मामले को दबाकर रखा और अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसके अलावा कुछ अधिकारियों से चुपचाप इस्तीफा देने के लिए कहा गया.

टाइम्स नेटवर्क ने कहा, ‘जहां तक हम देख रहे हैं, निष्क्रियता व्यवस्थित और जानबूझकर की गई थी. अगर बार्क का धोखाधड़ी करने का कोई इरादा नहीं था तो वे हमें प्रभावित पक्ष के रूप में सूचित करें या दंडित करें.’

इससे एक नैतिक मर्यादा कायम हुई थी, लेकिन वर्तमान बार्क बोर्ड तथा प्रबंधन के विश्वासघात से आचार संहिता और नैतिक मानकों पर सवाल उठता है.

बयान में कहा, ‘यह सोचने योग्य है कि क्या ऐसा बोर्ड और प्रबंधन वास्तव में एक ऐसी प्रणाली की अध्यक्षता कर सकता है, जो रेटिंग देती है व विज्ञापन पर प्रतिवर्ष 30,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करता है और प्रसारण क्षेत्र में लगे हजारों कर्मचारियों की आजीविका को प्रभावित करता है.’

आगे कहा कि साल 2017 के बाद से, खासकर मई 2017 में रिपब्लिक टीवी के लॉन्च के बाद, बीसीसीएल/टाइम्स नेटवर्क ने कई एलसीएन के अवैध उपयोग और रिपब्लिक टीवी द्वारा ईपीजी प्लेसमेंट से बाहर होने से संबंधित रेटिंग के बड़े पैमाने पर हेरफेर का संदेह जताया था.

इसने रिपब्लिक टीवी की बाजार-वार रेटिंग में महत्वपूर्ण असामान्यताएं पाई थी, जो स्पष्ट रूप से जमीनी स्तर पर छेड़छाड़ और कच्चे डेटा स्तर पर जानबूझकर हस्तक्षेप का संकेत देता है.

टाइम्स नेटवर्क, जो देश के सबसे बड़े मीडिया समूह टाइम्स समूह का हिस्सा है, ने कहा कि लगभग दो सालों से बार-बार इन अनियमितताओं के बारे में बार्क से शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला.

उसने कहा कि अब मुंबई पुलिस के जांच में बार्क टीआरपी घोटाले का खुलासा हुआ है. पुलिस की स्टेटमेंट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 2017-18 से रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुंचाने के लिए बार्क अधिकारियों द्वारा हेरफेर किया जा रहा था.

टाइम्स नेटवर्क समाचार चैनलों ‘टाइम्स नाउ, ईटी नाउ और मिरर नाउ’ का प्रसारण करता है.

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज पूरक चार्जशीट के अनुसार ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए हाथ से लिखे एक बयान में दावा किया है कि उन्हें टीआरपी से छेड़छाड़ करने के बदले रिपब्लिक चैनल के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन सालों में दो फैमिली ट्रिप के लिए 12,000 डॉलर और कुल चालीस लाख रुपये मिले थे.

बता दें कि टीआरपी घोटाला पिछले साल अक्टूबर महीने में उस समय सामने आया था, जब टीवी चैनलों के लिए साप्ताहिक रेटिंग जारी करने वाली बार्क ने हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों के खिलाफ टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी.

एफआईआर में बार्क और रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के भी नाम थे. मुंबई पुलिस कथित तौर पर टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले में फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा, न्यूज नेशन, महामूवीज और वॉव म्यूजिक जैसे अन्य चैनलों की भूमिका की भी जांच कर रही है.

बीते दिनों इस मामले में मुंबई पुलिस ने गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच वॉट्सऐप चैट जारी की थी, जिसमें दोनों ने प्रतिद्वंद्वी चैनलों के बारे में बात की और रिपब्लिक से बेहतर प्रदर्शन कर रहे उन चैनलों को लेकर निराशा जताई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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