पाॅक्सो के तहत यौन उत्पीड़न के दोषी को बरी करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो और आईपीसी के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को पॉक्सो से जुड़े मामले में बरी करते हुए कहा था कि स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के बिना यौन हमला नहीं माना जा सकता. इस फैसले पर विवाद होने के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ कर फ़ैसले पर स्वतः संज्ञान लिया था.

/
New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)
(फोटो: पीटीआई)

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो और आईपीसी के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को पॉक्सो से जुड़े मामले में बरी करते हुए कहा था कि स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के बिना यौन हमला नहीं माना जा सकता. इस फैसले पर विवाद होने के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ कर फ़ैसले पर स्वतः संज्ञान लिया था.

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)
सुप्रीम कोर्ट (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी को पॉक्सो मामले से बरी कर दिया था.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि त्वचा से त्वचा का संपर्क हुए बिना नाबालिग बच्ची की छाती छूना यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि इस फैसले के खतरनाक परिणाम होंगे, जिसके बाद यह रोक लगाई गई है.

बॉम्ब हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने 19 जनवरी को सत्र अदालत के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें 39 साल के एक शख्स को पॉक्सो एक्ट की धारा आठ के तहत दोषी ठहराया गया था और तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.

दरअसल दोषी ने 12 साल की एक बच्ची को अमरूद देने के बहाने अपने घर ले गया था और उसकी छाती दबाई थी.

इस फैसले पर विवाद होने के बाद केके वेणुगोपाल के जरिये केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर फैसले पर स्वतः संज्ञान लिया था.

चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में पीठ ने कहा, ‘हाईकोर्ट ने पॉक्सो की धारा आठ के तहत आरोपी को इस आधार पर बरी कर दिया था कि आरोपी का अपराध करने का कोई इरादा नहीं था क्योंकि कोई प्रत्यक्ष रूप से स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट (त्वचा से त्वचा का संपर्क) नहीं हुआ था.’

सीजेआई ने कहा, ‘बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट नहीं हुआ था. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि आदेश बेतुका था और इससे खतरनाक मिसाल पेश हो सकती है. हम अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल को आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं.’

इसके बाद अदालत ने पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत आरोपी को बरी करने पर रोक लगा दी. इसके अलावा शीर्ष अदालत ने आरोपी और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किए और दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तर्क दिया था कि पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध में अधिक सजा का प्रावधान है. दोषसिद्धि के लिए उच्च सबूतों की जरूरत है और आरोप अधिक गंभीर थे.

बता दें कि पॉक्सो कानून के तहत जब कोई यौन मंशा के साथ बच्ची/बच्चे के निजी अंगों, वक्ष को छूता है या बच्ची/बच्चे से अपना या किसी व्यक्ति के निजी अंग को छुआता है या यौन मंशा के साथ कोई अन्य कृत्य करता है जिसमें संभोग किए बगैर यौन मंशा से शारीरिक संपर्क शामिल हो, उसे यौन हमला कहा जाता है.

मालूम हो कि 19 जनवरी को दिए एक बेहद विवादित फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि त्वचा से त्वचा का संपर्क हुए बिना नाबालिग पीड़िता का स्तन स्पर्श करना, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के तहत यौन हमला नहीं कहा जा सकता.

पीठ ने इस आधार पर कि एक शख्स को पॉक्सो कानून के तहत यौन उत्पीड़न के मामले से बरी कर दिया था.

नागपुर खंडपीठ की जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने अपने फैसले में कहा था कि यौन हमले की घटना मानने के लिए यौन इच्छा के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क होना चाहिए.

कई सामाजिक और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले की तीखी आलोचना की थी. कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य, अपमानजनक और घृणित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq