ट्रैक्टर परेड हिंसाः कांग्रेस नेता शशि थरूर, छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ पांच राज्यों में केस दर्ज

26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक में मामला दर्ज कराया गया है.

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शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई और मृणाल पांडेय. (फोटोः पीटीआई)

26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक में मामला दर्ज कराया गया है.

शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई और मृणाल पांडेय. (फोटोः पीटीआई)
शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई और मृणाल पांडेय. (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा और एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर भ्रामक ट्वीट करने के आरोप में कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ पांच राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई है. ताजा मामला शनिवार को दिल्ली में दर्ज किया गया है.

इनमें से अधिकांश राजद्रोह के तहत दर्ज किए गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शशि थरूर के अलावा इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई, नेशनल हेराल्ड की वरिष्ठ सलाहकार संपादक मृणाल पांडे, कौमी आवाज के संपादक जफर आग़ा, द कारवां पत्रिका के संपादक और संस्थापक परेश नाथ, द कारवां के संपादक अनंत नाथ और इसके कार्यकारी संपादक विनोद के. जोस के खिलाफ दर्ज किया गया है.

उनमें से ज्यादातर लोगों के खिलाफ राजद्रोह, आपराधिक धमकी, सार्वजनिक शांति को तोड़ने के लिए उकसाने, आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए आईपीसी की धाराओं का इस्तेमाल किया गया है.

इन सात लोगों के खिलाफ गुड़गांव और बेंगलुरु में बीते 29 जनवरी को और नोएडा में 28 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था. इससे पहले ऐसे चार मामले मध्य प्रदेश के चार जिलों में दर्ज कराए गए थे.

दिल्ली में एफआईआर दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील चिरंजीव कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई थी. कुमार ने एफआईआर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों ने 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी नवरीत सिंह की मौत के बारे में फर्जी खबरें फैलाईं, जिसमें दिल्ली पुलिस को ‘हिंसा’ के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.

शुरुआती कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि दिल्ली के आईटीओ पर एक युवा प्रदर्शनकारी नवरीत सिंह की गोली लगने से मौत हुई, लेकिन बाद में कहा गया कि नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया और सिर में चोट लगने से उनकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम में किसी भी गोली लगने की घटना से इनकार किया गया है.

शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों ने उस दिन ट्वीट किए थे और सिंह की मौत को हत्या बताकर फर्जी खबरें चलाई थीं.

डीसीपी (मध्य) जसमीत सिंह ने ट्वीट कर कहा, द कारवां द्वारा भ्रामक और झूठी जानकारी के कारण कि पुलिस गोलीबारी के कारण एक किसान प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है, आईपी एस्टेट थाने में मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर में कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं जिन्होंने जनता को गुमराह करने की कोशिश की.

गुड़गांव में, झारसा गांव के निवासी पंकज सिंह द्वारा एक शिकायत पर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था.

एसीपी (डीएलएफ) करन गोयल ने कहा, हमने एक स्थानीय निवासी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की है, और अब तक उनकी कोई भी राजनीतिक संबद्धता नहीं है. सात नामजद अभियुक्तों और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

अपनी शिकायत में सिंह ने खुद को कानून का पालन करने वाले और व्यापक दंगों से पीड़ित नागरिक के रूप में अपनी पहचान कराई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि एफआईआर में नामजद सात लोगों की हरकत ने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए गंभीर नुकसान पहुंचाया है.

बेंगलुरु में एक सामाजिक कार्यकर्ता राकेश शेट्टी उर्फ राकेश बीएस ने उक्त सात लोगों के खिलाफ राजद्रोह, आपराधिक साजिश और अन्य आरोपों में मामला दर्ज कराया है. शेट्टी की शिकायत परप्पना अग्रहारा पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई थी.

शिकायतकर्ता के अनुसार, एफआईआर में नामित लोगों द्वारा किए गए ट्वीट में भड़काने, राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने, विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने और समाज में विभाजन की बात है.

वहीं, मध्य प्रदेश में थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया गया है, जो कथित रूप से किसानों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक लाभ के लिए असत्यापित और अनौपचारिक जानकारी देने के लिए उकसा रहे हैं.

भोपाल, होशंगाबाद और बैतूल जिलों में दर्ज एफआईआर शिकायतकर्ताओं के लिखित आवेदन पर दर्ज हैं, ये आवेदन लगभग एक जैसे हैं. होशंगाबाद में दी गई शिकायत हिंदी में है और भोपाल तथा बैतूल में शिकायत अंग्रेजी में दी गई है.

सभी चार एफआईआर में शिकायतकर्ताओं ने सातों पर आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने नवरीत की गोली मारकर हत्या करने के बारे में समन्वित और अच्छी तरह से साजिश करते गलत सूचना देने का अभियान शुरू किया है.

नोएडा में एफआईआर सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है, जो कि दंगा और नुकसान के आरोप में एक स्थानीय शिकायतकर्ता अर्पित मिश्रा ने दर्ज कराई है.

बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल और गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई किसान नेताओं की अगुवाई में ट्रैक्टर रैली निकाली थी. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

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