पीएम की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन किसानों के आत्मसम्मान के लिए प्रतिबद्ध: नरेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह किसानों को बताए कि कृषि क़ानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह इन क़ानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है.

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नरेश टिकैत. (फोटो साभार: फेसबुक)

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह किसानों को बताए कि कृषि क़ानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह इन क़ानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है.

नरेश टिकैत. (फोटो साभार: फेसबुक)
नरेश टिकैत. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्लीः किसान नेता नरेश टिकैत का कहना है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं.

नरेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है.

टिकैत ने कहा कि सरकार को हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए.

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद टिकैत ने कहा, ‘एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचा जाना चाहिए. हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.’

बता दें कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर शनिवार को कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है.

टिकैत ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे. किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके.’

उन्होंने कहा, ‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्मसम्मान की रक्षा हो. बीच का कोई रास्ता खोजा जाना चाहिए. वार्ता होनी चाहिए.’

टिकैत ने कहा, ‘26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का हिस्सा थी. तिरंगा हर किसी से ऊपर है. हम किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे. इसे सहन नहीं किया जाएगा.’

भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताए कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे.

टिकैत ने सरकार से कहा, ‘सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?’

उन्होंने कहा, ‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है. हम ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं. हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे.’

टिकैत ने कहा, ‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी-डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और न ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है. किसान तभी घर लौटेंगे जब नए कानून वापस ले लिए जाएंगे.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि देश गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगे का अपमान देखकर दुखी हुआ.

इस पर टिकैत ने कहा, ‘पूरा देश राष्ट्रीय ध्वज से प्यार करता है और सरकार को तिरंगे का अपमान करने वालों को गिरफ्तार करना चाहिए.’

टिकैत ने कहा, ‘राष्ट्रीय ध्वज सभी का है. सरकार को उन लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने तिरंगे का अपमान किया है.’

टिकैत ने कहा, ‘वे सरकार से केवल तभी बातचीत करेंगे, जब सरकार कोई शर्त नहीं रखेगी.’

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में करीब 40 मामले दर्ज किए हैं और 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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