महाराष्ट्र: कराड में 40 लोग हिरासत में लिए गए
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों द्वारा बुलाए गए ‘चक्का जाम’ के तहत महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड शहर में शनिवार को ‘रास्ता रोको’ का आयोजन किया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कराड में कोल्हापुर नाका पर दोपहर के समय व्यस्त सड़क पर प्रदर्शन करने के चलते पुलिस ने कम से कम 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया, जिनमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की पत्नी सत्वशीला चव्हाण भी शामिल रहीं. हालांकि, बाद में सभी को रिहा कर दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आह्वान पर शनिवार को देश के विभिन्न इलाकों में चक्काजाम किया गया. किसानों ने आंदोलन स्थलों के पास के क्षेत्रों में इंटरनेट पर रोक लगाए जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर देशव्यापी चक्काजाम की घोषणा की थी.
किसानों के चक्काजाम के दौरान शनिवार को गाजीपुर बाॅर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों का अभिवादन करते भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट. (फोटोः पीटीआई)
नई दिल्ली/चंडीगढ़/जयपुर/मुंबई: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 28 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को तीन घंटे का चक्काजाम कर इन कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग फिर से दोहराई है.
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट ने कहा, ‘हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को दो अक्टूबर तक का समय दिया है. इसके बाद हम आगे की योजना बनाएंगे. हम दबाव में आकर सरकार के साथ इन पर चर्चा नहीं करेंगे.’
किसानों के आह्वान पर शनिवार को देश के विभिन्न इलाकों में उनके समर्थन में चक्काजाम किया गया. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि राज्यों में चक्काजाम करते हुए प्रदर्शन किए गए. इस दौरान पुलिस द्वारा तमाम लोगों को हिरासत में लिए जाने की सूचना है.
इस प्रदर्शन में दिल्ली को शामिल नहीं किया गया था.
राकेश टिकैत ने बीते शुक्रवार को कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ छह फरवरी के लिए आयोजित चक्काजाम दिल्ली में नहीं होगा. दिल्ली की तीन सीमाओं- गाजीपुर, टिकरी और सिंघू पर किलेबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा था, ‘दिल्ली में हम नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने खुद किलेबंदी कर ली है, हमारे जाम करने की जरूरत नहीं है.’
किसानों के चक्का जाम के आह्वान के समर्थन में कथित रूप से प्रदर्शन करने के लिए शनिवार को मध्य दिल्ली के शहीदी पार्क के पास 50 व्यक्तियों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की सूचना है.
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सभी सीमा बिंदुओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है. अर्धसैनिक बलों सहित हजारों कर्मचारियों को ‘चक्का जाम’ से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है. गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त उपाय किए हैं, जिसमें सुरक्षा कड़ी निगरानी शामिल है.
पुलिस प्रदर्शन स्थलों पर कड़ी नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है.
पुलिस ने प्रदर्शन स्थलों पर बहुस्तरीय अवरोधक लगाने, कंटीली तारें लगाने और सड़कों पर कीलें लगाने समेत कई कदम एहतियातन उठाए हैं. अधिकारियों ने बताया कि बलों के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए सोशल मीडिया की सामग्री पर नजर रखी जा रही है.
किसान संगठनों ने अपने आंदोलन स्थलों के पास के क्षेत्रों में इंटरनेट पर रोक लगाए जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर छह फरवरी को देशव्यापी ‘चक्काजाम’ की घोषणा की थी, जिस दौरान उन्होंने दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध करने की बात कही थी.
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा और बर्बरता के बाद गाजीपुर, सिंघू और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. दिल्ली की इन तीनों सीमाओं पर हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं. बहुत बड़े क्षेत्र में कंटीले तारों की बैरिकेडिंग की गई है, जबकि टिकरी और गाजीपुर में प्रदर्शनस्थल की ओर जा रही सड़क पर पुलिस ने लोहे की कीलें गाड़ दी हैं.
विरोध स्थलों पर फिर से इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित
गृह मंत्रालय ने दिल्ली की सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर इंटरनेट सेवाओं को किसानों के ‘चक्का जाम’ आह्वान के मद्देनजर शनिवार की रात 12 बजे तक निलंबित करने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि इन तीन विरोध स्थलों के अलावा इंटरनेट सेवाएं छह फरवरी को 23:59 बजे तक इनके आसपास के क्षेत्रों में भी निलंबित रहेंगी.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकालीन या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शनिवार को किसान यूनियनों के ‘चक्का जाम’ के आह्वान के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गई हैं.
इससे पहले सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं और इनके आसपास के इलाकों में 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के आदेश दिए गए थे. बाद में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि को दो फरवरी तक बढ़ा दिया गया था.
गौरतलब है कि किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के कारण 26 जनवरी को दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.
दिल्ली में 10 मेट्रो स्टेशन बंद रहे, प्रदर्शन खत्म होने के बाद खोले गए
चक्काजाम के दौरान शनिवार को दिल्ली में मंडी हाउस और आईटीओ समेत दिल्ली मेट्रो के 10 प्रमुख स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद रहे और अपराह्न तीन बजे प्रदर्शन खत्म होने के बाद उन्हें खोल दिया गया.
डीएमआरसी ने शाम को ट्वीट किया कि चक्काजाम के मद्देनजर बंद किए गए सभी 10 मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार फिर से खोल दिए गए हैं और सामान्य सेवा फिर से शुरू कर दी गई है.
पंजाब और हरियाणा में किसानों सड़कें अवरुद्ध कीं
राष्ट्रव्यापी चक्काजाम के दौरान पंजाब और हरियाणा में नए केंद्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं.
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और यातायात का मार्ग बदलने के लिये सभी प्रबंध कर लिए हैं.
विभिन्न किसान निकायों से जुड़े प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को विभिन्न स्थानों पर राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा.
भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने कहा कि वे पंजाब के संगरूर, बरनाला और बठिंडा समेत 15 जिलों के 33 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर रहे हैं.
इससे पहले सुबह के समय किसानों ने दोनों राज्यों में चक्काजाम के लिए प्रदर्शन स्थलों पर एकत्रित होना शुरू कर दिया था.
देशहित में किसानों का सत्याग्रह, पूर्ण समर्थन: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘चक्का जाम’ का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं. पूर्ण समर्थन!’
राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने देश और घर, दोनों का बजट बिगाड़ दिया है.’
राजस्थान में किसानों ने अनेक जगह चक्काजाम किया
किसान यूनियनों के समर्थन में किसानों ने राजस्थान में शनिवार को अनेक जगह चक्काजाम किया. राज्य के गंगानगर, हनुमानगढ़, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं, जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर धरने पर बैठे हैं.
एक अधिकारी के अनुसार फिलहाल किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है. राज्य में किसानों के इस चक्काजाम को विभिन्न किसान संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट किया, ‘आंदोलनरत किसानों द्वारा आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग चक्काजाम करने के आह्वान का राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी समर्थन करती है. सभी कांग्रेसजनों से निवेदन है कि इस शांतिपूर्ण चक्काजाम को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.’