जम्मू कश्मीरः नए सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन-भत्ते पाने से पहले सीआईडी की मंज़ूरी अनिवार्य

सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से तीन मार्च को जारी सर्कुलर में कहा गया कि ऐसा देखा गया है कि कुछ विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में संदिग्ध चरित्र और व्यवहार वाले व्यक्तियों को सीआईडी के सत्यापन के बग़ैर वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जा रहा है.

श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर सचिवालय. (फोटो: पीटीआई)

सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से तीन मार्च को जारी सर्कुलर में कहा गया कि ऐसा देखा गया है कि कुछ विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में संदिग्ध चरित्र और व्यवहार वाले व्यक्तियों को सीआईडी के सत्यापन के बग़ैर वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जा रहा है.

श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर सचिवालय. (फोटो: पीटीआई)
श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर सचिवालय. (फोटो: पीटीआई)

जम्मूः जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने नए सरकारी कर्मचारियों के लिये वेतन और भत्ते प्राप्त करने से पहले अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से सुरक्षा मंजूरी लेना गुरुवार को अनिवार्य कर दिया.

सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.

तीन मार्च को जारी आदेश में कहा गया है, ‘नए सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्ते प्राप्त करने से पहले सीआईडी से सुरक्षा मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया गया है.’

द्विवेदी ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि कुछ विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में संदिग्ध चरित्र और व्यवहार वाले व्यक्तियों को सीआईडी के सत्यापन के बगैर वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जा रहा था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सभी प्रशासनिक सचिवों, संभागीय आयुक्तों, उपायुक्तों, विभागों के प्रमुख और सभी सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे ऐसे सभी कर्मचारियों की पहचान करें, जिनका सीआईडी सत्यापन नहीं हुआ है और इस काम को तेजी से पूरा किया जाए.

आदेश में कहा गया कि 1997 और 2016 के अलग-अलग आदेशों में नए सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्ते प्राप्त करने से पहले सीआईडी से सुरक्षा मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया है.

आदेश में कहा गया, ‘हालांकि यह देखा गया है कि कुछ विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में इन निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप संदिग्ध चरित्र और व्यवहार वाले लोगों को वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान अनिवार्य रूप से सीआईडी सत्यापन के बिना किया जा रहा है.’

संबंधित विभागों द्वारा सीआईडी को जो जानकारियां भेजी जानी हैं, उनमें पर्यवेक्षक के नाम और संपर्क विवरण जानकारी के अलावा कर्मचारियों के सोशल मीडिया अकाउंट शामिल हैं.

आदेश में कहा गया है, ‘साइबर सुरक्षा निर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए इन विवरणों वाले ईमेल को सरकारी ईमेल अकाउंट से भेजे जाने चाहिए. हालांकि आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदार अधिकारी गैर सरकारी ईमेल अकाउंट से भी संदर्भ भेज सकते हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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