विधानसभा चुनाव राउंड-अप: असम में राहुल गांधी ने कहा कि सांसद बदरूद्दीन अजमल और उनकी पार्टी एआईयूडीएफ के ख़िलाफ़ भाजपा का लगातार अप्रिय बातें कहना राज्य की भाईचारे की संस्कृति और शांति पर हमला है. पश्चिम बंगाल के लिए अपने घोषणापत्र में वाम मोर्चा ने किसी भी परिस्थिति में सीएए को लागू न होने देने का वादा किया. केरल के तीन निर्वाचन क्षेत्रों से एनडीए उम्मीदवारों के नामांकन ख़ारिज.
नई दिल्ली/कोलकाता/बांकुड़ा/पूर्वी मेदिनीपुर/कांचीपुरम/पुदुचेरी/गुवाहाटी/कन्नूर/त्रिशूर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को घोषणा की कि यदि पश्चिम बंगाल में उसकी सरकार बनती है तो राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, पांच साल के भीतर प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार और मंत्रिमंडल की पहली बैठक में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू किया जाएगा.
सभी महिलाओं के लिए KG से PG तक की पढ़ाई निशुल्क होगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सभी महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की जाएगी: अमित शाह #WestBengalElections2021 https://t.co/V13yu4frqn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 21, 2021
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र ‘सोनार बांग्ला संकल्प पत्र’ जारी करते हुए यह भी दावा कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना की शुरुआत की जाएगी और इसके तहत प्रत्येक शरणर्थी परिवार को पांच साल तक प्रति वर्ष 10 हजार रुपये दिए जाएंगे.
शाह ने यह भी कहा कि बांग्ला को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव प्रयास करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि नागरिकता संशोधन कानून को पहली ही कैबिनेट में लागू करेंगे और मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना के तहत प्रत्येक शरणार्थी परिवार को पांच साल तक सीधे बैंक खाते में 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जाएंगे.’
• We will ensure strictest border security and stop infiltration.
• We will allow festivals to be celebrated without any restrictions.
• Education from KG to PG will be free for all women.
• Free transport for women in public transport.#SonarBanglaSonkolpoPotro
— BJP (@BJP4India) March 21, 2021
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देने के साथ ही 75 लाख किसानों को जो 18 हजार रुपये तीन साल से ममता दीदी ने नहीं पहुंचाया है, वह भी सीधे किसानों को बैंक खाते में देंगे.’
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हर वर्ष किसानों को भारत सरकार की ओर से जो 6000 रुपये दिए जाते हैं, उसमें राज्य सरकार का चार हजार रुपया जोड़कर दिया जाएगा. इसके अलावा मत्स्य पालकों को हर वर्ष छह हजार रुपये दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद पांच साल में हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार देंगे.’
• For every landless farmer, we will provide Rs 4000 yearly.
• We will build three new AIIMS in several areas.
• Employment to at least one person per family.
• Will implement the 7th Pay Commission.#SonarBanglaSonkolpoPotro
— BJP (@BJP4India) March 21, 2021
घोषणा पत्र जारी करने के अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेशा के भाजपा सांसद सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.
शाह ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को हमेशा एक संकल्प पत्र के रूप में स्थान दिया है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी का संकल्प है कि कैसे पश्चिम बंगाल को ‘सोनार बांग्ला’ के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस संकल्प पत्र के लिए भाजपा ने विभिन्न माध्यमों से बंगाल के जन-जन तक पहुंचने का प्रयत्न किया और फिर यह संकल्प पत्र तैयार किया.
उन्होंने कहा, ‘संकल्प पत्र हमारे सोनार बांग्ला के संकल्प पर आधारित है और यह बजट के अनुकूल हो इसका भी ध्यान रखा गया है.’
उन्होंने कहा कि बंगाल ने सदियों तक भारत की अगुवाई की है और वह चाहे आजादी का संग्राम रहा हो, चाहे राजनीति का क्षेत्र या फिर विज्ञान, शिक्षा और साहित्य का.
राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा कि पिछले 10 वर्षों में बंगाल के अंदर तृणमूल कांग्रेस के कुशासन ने एक ‘काले अध्याय’ की शुरुआत की है, जिसकी वजह से चारों ओर निराशा व्याप्त है.
उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी ने अपने वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण को चरम सीमा पर पहुंचाया है. देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों को भी इन्होंने वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर देखा. परंपरागत उत्सवों को भी वोट बैंक की राजनीति का जरिया बनाया.’
बंगाल में भाजपा असली परिवर्तन लाकर दिखाएगी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि उनका ‘मां, माटी मानुष’ का वादा बेमानी था क्योंकि उनके 10 वर्षों के शासन में आम जनता बेहाल रही जबकि उनकी पार्टी के नेता ‘मालामाल’ होते चले गए.
एक चुनावी रैली को यहां संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्थाएं मिलें, विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले और महाविद्यालयों व विश्वविद्याालयों की आधुनिकता बढ़े, इसके लिए भाजपा की सरकार जरूरी है.
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति ने आपको क्या बना दिया है. आपने अपना ये असली चेहरा 10 साल पहले दिखा दिया होता तो बंगाल में कभी आपकी सरकार नहीं बनती. ये हिंसा, ये अत्याचार, ये उत्पीड़न ही करना था तो फिर मां-माटी-मानुष की बात क्यों की आपने?’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल में ‘असली परिवर्तन’ लाने के भाजपा के संकल्प का मतलब है कि यहां एक ऐसी सरकार लाना है, जो सरकारी योजनाओं का पैसा सौ फीसदी गरीबों तक पहुंचाए, ‘तोलाबाजों और सिंडिकेट’ को जेल भेजे और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई करे.
उन्होंने कहा, ‘अब भ्रष्टाचार का खेल नहीं चलेगा. अब सिंडिकेट का खेल नहीं चलेगा. अब कट मनी का खेल नहीं चलेगा. बंगाल के लोगों ने ठान लिया है. दो मई को दीदी जा रही है. असॉल पोरिबोर्तोन (असली परिवर्तन) आ रहा है. असली परिवर्तन बंगाल के विकास के लिए, बंगाल के गौरव को बढ़ाने के लिए. ऐसी सरकार लाने के लिए जो गरीबों की सेवा लाने लिए. असली परिवर्तन अब बंगाल में भाजपा लाकर दिखाएगी.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा ‘स्कीम’ पर चलती है और टीएमसी ‘स्कैम’ पर चलती है.
उन्होंने कहा, ‘स्कीम किसी भी सरकार की हो, किसी ने भी लागू की हो लेकिन तृणमूल कांग्रेस स्कैम के लिए कोई न कोई तरीका निकाल ही लेती है. तृणमूल कांग्रेस का मंत्र ही है कि जहां स्कीम, वहां स्कैम.’
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि केंद्र के आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि और ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ से जुड़ी योजनाओं में ‘स्कैम’ संभव नहीं था इसलिए ममता सरकार ने इन्हें लागू करने से ही इनकार कर दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जब चुनावी रैली को संबोधित करने सभा स्थल पहुंच रहे थे, तब उन्होंने देखा कि यहां ‘दीदी के लोग दीवारों पर तस्वीरें बना रहे हैं जिसमें ‘दीदी मेरे सिर पर अपना पैर मार रही हैं.’
मोदी ने कहा, ‘दीदी मेरे सिर के साथ फुटबॉल खेल रही हैं.’ उन्होंने पूछा, ‘आप बंगाल के संस्कार, यहां की महान परंपरा का अपमान क्यों कर रही हैं दीदी?’
प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि वह अब उन्हें बंगाल के लोगों के सपनों और गरीब आदिवासी-वनवासी भाई-बहनों को ‘लात’ नहीं मारने देंगे.
प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़ा करने के लिए भी ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा, ‘दीदी अभी से ईवीएम पर सवाल खड़े करने लगी हैं. 10 साल जिस ईवीएम ने उन्हें सत्ता सौंपी, वही ईवीएम अब उन्हें रास नहीं आ रही है. साफ है, दीदी आपको पराजय दिन में भी दिखता है और पराजय रात में भी दिखता है.’
‘दीदी’ अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं, प्रधानमंत्री सोनार बांग्ला बनाना चाहते हैं: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उद्देश्य चुनाव जीतकर अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को मुख्यमंत्री बनाना है जबकि भाजपा का लक्ष्य राज्य के पुराने गौरव को लौटाना और ‘सोनार बांग्ला’ का निर्माण करना है.
जिले के एग्रा स्थित एक स्कूल मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद वह राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए ना सिर्फ सातवां वेतन आयोग लागू करेगी बल्कि ऐसी नीति लाएगी ताकि रोजगार के लिए युवाओं को बाहर का रुख ना करना पड़े.
उन्होंने कहा, ‘सैंतीस साल तक आपने वामपंथियों की सरकार चुनी और फिर आपने दीदी की सरकार चुनी. लेकिन इनमें से किसी ने बंगाल का भला नहीं किया. यहां हर काम के लिए कटमनी देना पड़ता है, तोलाबाजी हो रही है.’
उन्होंने कहा कि वामपंथी शासन से तंग आकर राज्य की जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ तृणमूल कांग्रेस को चुना था क्योंकि ‘दीदी’ ने बदलाव का वादा किया था.
शाह ने लोगों से पूछा कि क्या पिछले 10 सालों में यहां बदलाव आया है? उन्होंने कहा, ‘राज्य में घुसपैठ का सिलसिला जारी है. कोई बदलाव नहीं आया है. ममता दीदी क्या बंगाल को घुसपैठ से मुक्ति दिला सकती हैं?… नहीं दिला सकतीं…हमारी सरकार बनी तो हम राज्य को घुसपैठियों से मुक्त करेंगे.’
शाह ने कहा, ‘ममता दीदी अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को सोनार बांग्ला में तब्दील करना चाहते हैं. यदि आप सोनार बांग्ला देखना चाहते हैं तो राज्य में भाजपा की सरकार सुनिश्चित कीजिए.’
उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि हम यहां ऐसी सरकार लाएंगे, जिसके रहते बंगाल के युवा को बंगाल के बाहर रोजगार के लिए नहीं जाना पड़ेगा. ये जो तुष्टिकरण और घुसपैठ हो रही है, उसको भी रोकने का काम भाजपा सरकार करेगी.’
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने वादा किया कि भाजपा की सरकार बनते ही सातवें वेतन आयोग को लागू कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार शिक्षकों का वेतन भी बढ़ाएगी, मछुआरों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की आर्थिक मदद देगी और क्षेत्र की स्थानीय जनता के कौशल विकास के लिए योजनाएं चलाएगी.
शाह ने ममता सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसरण में किसी प्रकार की दखलअंदाजी ना हो.
उन्होंने कहा कि स्कूलों में सरस्वती पूजा के आयोजन के लिए शिक्षकों को पीटा जाता है. भाजपा की सरकार बनने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस पर किसी प्रकार की कोई रोक ना हो .
ममता बनर्जी ने अधिकारी परिवार के असली चेहरे को न पहचान पाने के लिए खुद को दोषी ठहराया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को पूर्ब मेदिनीपुर जिले के प्रभावशाली अधिकारी परिवार के ‘असली चेहरे’ को नहीं पहचान पाने के लिए खुद को दोषी ठहराया.
गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं.
बनर्जी ने यहां एक चुनावी रैली में अधिकारी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने यह भी सुना था कि अधिकारी परिवार ने 5,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद वह इसकी जांच करवाएंगी.
जिले में काफी राजनीतिक दबदबा रखने वाले अधिकारी परिवार के अधिकांश सदस्य या तो भाजपा में शामिल हो गए हैं या भाजपा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है.
शुभेंदु अधिकारी के पिता व वरिष्ठ टीएमसी सांसद शिशिर अधिकारी रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में रविवार को भाजपा में शामिल हो गए.
उन्होंने अधिकारी परिवार की तुलना ‘मीर जाफ़र’ (गद्दार) से की और कहा कि क्षेत्र के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और अपने वोट से इसका जवाब देंगे.
बनर्जी ने रैली में कहा, ‘मैं कहती हूं कि मैं बहुत बड़ी मूर्ख हूं (आमी एकटा बरा गधा) कि उन्हें पहचान नहीं पाई. मुझे नहीं पता, लेकिन लोगों का कहना है कि उनका ‘साम्राज्य’ 5,000 करोड़ रुपये का है और वे वोट खरीदने के लिए पैसे का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन आप लोग उन्हें वोट न दें.’ टीएमसी प्रमुख ने भाजपा को ‘दुष्टों और गुंडों’ की पार्टी करार दिया.
भले ही एआईएडीएमके एक सीट जीत जाए पर विजेता भाजपा का विधायक होगा: स्टालिन
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने यहां रविवार को कहा कि छह अप्रैल को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके एक भी सीट जीत गई तो भी जीत ‘भाजपा विधायक’ की होगी और इसलिए लोगों को उनकी पार्टी और गठबंधन सहयोगियों को वोट देना चाहिए.
यहां नजदीक में उथीरामेरुर में प्रचार करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी तमिलनाडु की 234 में से 200 सीटें जीतेगी.
राज्य में उनके प्रचार को मिल रही लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, शीर्ष डीएमके नेता ने कहा, ‘ सिर्फ हम ही सभी 234 सीटें जीतेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘ भले ही एआईएडीएमके तमिलनाडु में एक सीट जीत भी जाती है, तो भी विजेता एआईएडीएमके विधायक नहीं, बल्कि भाजपा विधायक होगा.’
स्टालिन ने दावा किया कि थेनी से लोकसभा में एआईएडीएमके के एकमात्र सदस्य और उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बेटे पी रविंद्रनाथ ‘भाजपा सांसद’ के तौर पर काम करते हैं और इससे उनकी मंशा साबित होती है.
स्टालिन ने कहा, ‘… हमें भाजपा को जीतने नहीं देना चाहिए और इसी तरह एआईएडीएमके को भी कामयाब नहीं होने देना चाहिए.’
मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को दोहराते हुए डीएमके प्रमुख ने दावा किया कि एआईएडीएमके भाजपा की एक ‘शाखा’ है.
पलानीस्वामी भ्रष्टाचार के आरोपों को झूठा बताकर खारिज कर चुके हैं.
पश्विम बंगाल में वाम मोर्चा ने चुनाव घोषणापत्र जारी किया, सीएए न लागू करने का दिया भरोसा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए वाम मोर्चा ने शनिवार को अपना घोषणापत्र जारी किया. इसमें राज्य में कानून का राज स्थापित करने और किसी भी परिस्थिति में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लागू नहीं होने देने का वादा किया गया है.
माकपा नीत वाम मोर्चा ने घोषणापत्र में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर अडिग रहने और मुस्लित सहित सभी धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वचन दिया है.
घोषणापत्र माकपा मुख्यालय में वाम मार्चे के अध्यक्ष विमान बोस ने जारी किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘ केंद्र में भाजपा की सरकार देश के धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवाद के तानेबाने पर हमला कर रही है. नागरिकता की पहचान करने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है. अल्पसंख्यकों के अधिकार धीरे-धीरे कम हो रहे हैं.’
वाम दलों ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल पार्टी की सरकार पर भी ‘सांप्रदायिकता का कार्ड ’ खेलने का आरोप लगाया.
मोर्चा ने कहा, ‘राज्य में सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लागू नहीं किया जाएगा.’
वाम मोर्चे ने 16 पृष्ठ के घोषणापत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने, बड़े उद्योगों की स्थापना को सुगम बनाने की नीति बनाने और शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा कराने का भी वादा किया है.
बंगाल नगर निगमों में राजनीतिक नियुक्ति वाले प्रशासक बोर्ड के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकते: आयोग
निर्वाचन आयोग ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शनिवार को पश्चिम बंगाल के नगर निगमों में राजनीतिक नियुक्ति के तहत नियुक्त प्रशासकों के आचार संहिता लागू रहने तक बोर्ड के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी.
आयोग ने एक बयान में कहा कि चुनाव प्रक्रिया की पादर्शिता एवं निष्पक्षता को लेकर मतदाओं के मन में होने वाली वाजिब आशंका से बचने के लिए यह आदेश जारी किया गया है.
आयोग ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग की अध्यक्षता वाली समिति को निर्वाचन आयोग के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए आचार संहिता लागू रहने तक प्रशासक या प्रशासकों के बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए.
आदेश में राज्य सरकार से सोमवार सुबह 10 बजे तक अनुपालन रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए 27 मार्च से आठ चरणों में मतदान होने हैं जबकि मतणना दो मई को होगी.
बदरूद्दीन अजमल पर भाजपा का हमला असम पर हमला है: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा सदस्य बदरूद्दीन अजमल और इनकी पार्टी एआईयूडीएफ के खिलाफ भाजपा का लगातार अप्रिय बातें कहना असम, इसके भाईचारे की संस्कृति और शांति पर हमला है.
गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) असम, इसकी संस्कृति, भाषा, परंपरा, इतिहास और अस्मिता पर हमले कर रहे हैं.
कांग्रेस के गठबंधन सहयोगी एआईयूडीएफ की भाजपा द्वारा निंदा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा, ‘यह अजमल पर हमला नहीं है, बल्कि असम पर हमला है. यह यह असम के भाईचारे और शांति पर हमला है. ’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने राज्य और देश को नोटबंदी तथा जीएसटी के जरिए नुकसान पहुंचाया है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘यह सिर्फ ‘हम दो, हमारे दो’ के बारे में सोचती है. इसने देश को बर्बाद कर दिया. असम में हमारा (चुनाव) घोषणापत्र उस नुकसान को ठीक करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है. यह असम की बुनियाद मजबूत करने की कोशिश है. ’
उन्होंने कहा, ‘यह (घोषणापत्र) अजमल के लिए नहीं है, बल्कि असम की संस्कृति, भाषा, परंपरा, इतिहास और अस्मिता की रक्षा करने के लिए है. ’
कांग्रेस असम में 2001 से 15 साल तक सत्ता में रही थी. उसने इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए का मुकाबला करने के लिए एक महागठबंधन बनाया है, जिसमें एआईयूडीएफ भी शामिल है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक, भाजपा के हर नेता पार्टी की चुनावी रैलियों में कांग्रेस के एआईयूडीएफ से गठजोड़ के मुद्दे को उठा रहे हैं.
असम चुनाव: अखिल गोगोई ने दमदार गैर-भाजपाई उम्मीदवार को वोट देने की अपील की
जेल में बंद राइजोर दल के प्रमुख अखिल गोगोई ने शनिवार को एक खुले पत्र के जरिये असम के मतदाताओं से विधानसभा चुनाव में हर सीट पर दमदार गैर-भाजपाई उम्मीदवार को वोट देने की अपील की.
शिवसागर विधानसभा सीट से उम्मीदवार गोगोई का जेल से भेजा गया खुला पत्र उनके राजनीतिक दल के सलाहकार डॉक्टर सीतानाथ काहकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पढ़कर सुनाया.
गोगोई ने कहा, ‘मैं असम और उसकी जनता के भविष्य को लोकतंत्र-विरोधी भाजपा से बचाने के लिएजेल से यह पत्र भेज रहा हूं.’
उन्होंने जोर देकर कहा कि असम और उसकी जनता का भविष्य ‘भाजपा के शासनकाल में अंधकारमय’ है.
गोगोई ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और भाजपा का विरोध करने वाले सभी लोगों से विधानसभा चुनाव में मिलकर भाजपा के खिलाफ वोट देने का अनुरोध किया.
उन्होंने अपील की, ‘असम का भविष्य उसकी जनता के हाथों में है और उन्हें राज्य को बचाने के लिएअंतिम निर्णय लेना होगा. अगर असम को बचाना है तो भाजपा या उन लोगों को वोट न दें जो सीएए का समर्थन करते हैं.’
गोगोई ने कहा, ‘पार्टी ने असम के संसाधनों को बेचकर राज्य का भविष्य दिल्ली के हवाले कर दिया. लिहाजा हमें चुनाव में मिलकर भाजपा और उसके गठबंधन साझेदारों को हराना है. समय की यही पुकार है और यही हमारा कर्तव्य है. यह जिंदगी और मौत का मामला है.’
मोदी एक महिला के ट्वीट से दुखी हैं, लेकिन असम के बाढ़ पीड़ितों के लिए नहीं: प्रियंका गांधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को आरोप लगाया कि वह 22 वर्षीय महिला के एक ट्वीट से दुखी हैं, लेकिन असम में आयी बाढ़ से तबाह हुए लोगों के लिए नहीं.
मोदी के असम के चाबुआ में एक चुनावी रैली में टूलकिट और कांग्रेस की कथित साजिश का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की बेटी ने कहा कि मोदी बाढ़ के दौरान लोगों की परेशानियों को लेकर और नागरिकता संशोधन कानून से ‘संस्कृति पर हमले’ को लेकर चुप थे.
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के दौरान ब्रह्मपुत्र में आई बाढ़ से करीब 28 लाख लोग प्रभावित हुए थे.
प्रियंका ने कहा, ‘मैं कल प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थी. उन्होंने बहुत गंभीरता से कहा कि वह एक घटना से बहुत दुखी हैं. मुझे लगा वह असम के विकास के बारे में या असम में भाजपा ने कैसा काम किया इस बारे में बोलेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं यह सुनकर हैरान रह गई कि प्रधानमंत्री 22 वर्षीय महिला के एक ट्वीट के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने असम के चाय उद्योग को खत्म करने की साजिश रची. वह कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर दो गलत तस्वीरें गलती से डालने को लेकर भी दुखी थे.’
प्रियंका जाहिर तौर पर जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के लिए ‘22 साल की महिला’ कह रही थीं. दिशा को किसानों के प्रदर्शन के संबंध में सोशल मीडिया पर एक ‘टूलकिट’ साझा करने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह अब जमानत पर रिहा हैं.
प्रियंका ने मोदी से सवाल किया कि वह बाढ़ से प्रभावित लोगों और सीएए विरोधी आंदोलन के लिए दुखी क्यों नहीं हैं, जिसमें पांच युवक मारे गए थे.
कांग्रेस नेता ने मोदी से सवाल किया, ‘आप तब असम क्यों नहीं आए जब लोग डूब रहे थे? आप तब दुखी क्यों नहीं थे, जब भाजपा ने सभी बड़े वादे पूरे नहीं किए? क्या आप चाय बागान गए और कामगारों से उनकी दिक्कतों के बारे में बात की? ’
कांग्रेस महासचिव ने दो मार्च को असम के विश्वनाथ में एक चाय बागान का दौरा किया था और श्रमिकों से बात की थी. उन्होंने चाय पत्तियां तोड़ने में भी चाय बागान की महिला श्रमिकों की मदद की थी, जिसे भाजपा नेताओं ने ‘नौटंकी’ करार दिया था.
असम में अपने पिछले दौरे में चाय बागान जाने का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा कि उन्हें चाय बागान श्रमिकों की जीवनशैली के बारे में पता चला और महसूस हुआ कि ‘चाय बागान में काम करने वाली बहनें संस्कृति और पहचान की संरक्षक हैं.’
असम में ‘डबल इंजन’ की सरकार वाले प्रधानमंत्री के चर्चित बयान के बारे में प्रियंका ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि राज्य में अभी ‘दो मुख्यमंत्री’ हैं.
उन्होंने शक्तिशाली मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के बीच सत्ता को लेकर खींचतान होने की अटकलों का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके पास डबल इंजन की सरकार है, लेकिन असम के पास दो मुख्यमंत्री हैं. मुझे नहीं पता कि कौन से ईंधन से कौन-सा इंजन चलेगा. असम में असम सरकार नहीं चल रही है…असम गण परिषद भी अब दिल्ली गण परिषद हो गयी है क्योंकि वह भी दिल्ली की मंजूरी के बिना काम नहीं कर सकती. भगवान आपको बचाए.’
असम गण परिषद सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘असम की सरकार इस समय रिमोट कंट्रोल से चल रही है. अगर आप उन्हें दोबारा चुनेंगे तो नुकसान में रहेंगे. इसलिए कांग्रेस की सरकार बनाइए और अपना मुख्यमंत्री बनाइए.’
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने युवाओं, किसानों और चाय बागान श्रमिकों समेत समाज के सभी वर्गों के साथ धोखा किया है, क्योंकि उसने पांच साल पहले किया अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया.
प्रधानमंत्री पर निशाना साधना जारी रखते हुए प्रियंका ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने असमिया संस्कृति और लोगों का अपमान किया और जनता हमें माफ नहीं करेगी. क्या यह पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का अपमान नहीं है, जो आज इस दुनिया में नहीं हैं? गोगोई असम के लिए जीते रहे और अंतिम सांस तक यहां के लोगों के लिए काम करते रहे.’.
केरल: दो विधानसभा सीटों पर भाजपा, एक पर एआईएडीएमके उम्मीदवार का नामांकन खारिज
केरल में थालास्सेरी, गुरुवायूर और देवीकुलम निर्वाचन क्षेत्रों से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को जांच के बाद निर्वाचन अधिकारियों ने खारिज कर दिया है.
राज्य में आगामी छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. कन्नूर जिले में थालास्सेरी और त्रिशूर जिले में गुरुवायूर में भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज होना पार्टी के लिए एक झटका माना जा रहा है.
भाजपा राज्य में माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों के एक विकल्प के रूप में उभरने का प्रयास कर रही है.
सूत्रों ने बताया कि इडुक्की जिले के देवीकुलम में भाजपा के सहयोगी एआईएडीएमके के उम्मीदवार आरएम धनलक्ष्मी के नामांकन को कथित तौर पर अपूर्ण फॉर्म जमा करने के कारण खारिज कर दिया गया था.
उन्होंने बताया कि थालास्सेरी और गुरुवायूर में भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन को अनिवार्य दस्तावेजों की मांग को लेकर खारिज कर दिया गया.
भाजपा के कन्नूर जिला अध्यक्ष एन. हरिदास थालास्सेरी के लिए पार्टी के उम्मीदवार थे. नामांकन खारिज होने के साथ ही थालास्सेरी में पार्टी का अब कोई उम्मीदवार नहीं है जहां 2016 के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक मत 22,215 वोट हासिल किए थे.
हरिदास ने कहा कि पार्टी निर्वाचन अधिकारी के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.
गुरुवायूर सीट से भाजपा उम्मीदवार निवेदिता ने दावा किया कि उनके नामांकन में केवल एक मामूली तकनीकी त्रुटि थी, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने राहत देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इसे कानूनी रूप से लड़ेंगी.
इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एनडीए उम्मीदवारों ने चुनावों में माकपा की मदद के लिए अधूरे नामांकन पत्र जमा किए.
मतदाताओं से चरण स्पर्श करवाने वाली तस्वीरों के कारण निशाने पर आए ई. श्रीधरन
केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पलक्कड़ से भाजपा प्रत्याशी ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन शनिवार को उस समय वाम दलों के निशाने पर आ गए जब प्रचार के दौरान मतदाताओं द्वारा उनके चरण पखारने और पैर छूने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं.
श्रीधरन ने इसका बचाव करते हुए कहा कि वे पारंपरिक भारतीय तरीके से उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर रहे थे.
भाकपा नेता और राज्यसभा सदस्य विनय विश्वम ने श्रीधरन की आलोचना करते हुए कहा कि यह बात स्पष्टता से उस दिशा को दर्शाती है जिस दिशा में भाजपा देश को ले जा रही है.
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित तस्वीरों में मतदाताओं को श्रीधरन के चरण पखारते और चरण स्पर्श करते हुए दिखाया गया है.
एक तस्वीर में एक मतदाता को उनके सामने घुटने टेकते देखा गया, जबकि एक अन्य तस्वीर में महिलाओं को उनके पैरों को छूते हुए देखा गया.
विवाद के बारे में पूछे जाने पर, श्रीधरन ने कहा कि तस्वीरें उस समय खींची गईं जब उनका पारंपरिक भारतीय तरीके से स्वागत किया जा रहा था.
भाजपा उम्मीदवार ने कहा, ‘यह हमारी भारतीय परंपरा है. इसमें गलत क्या है? वे अपना सम्मान व्यक्त कर रहे थे. वे (मेरी) पूजा नहीं कर रहे थे.’
श्रीधरन पर हमला करते हुए विश्वम ने आरोप लगाया कि श्रीधरन ने अपने चरण पखारने के कृत्य को ‘महिमामंडित’ किया.
इस सप्ताह की शुरुआत में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए श्रीधरन ने कहा था कि भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है.
पुदुचेरी: चुनाव संबंधी पार्टी गतिविधियों के समन्वय के कारण नहीं लड़ रहा चुनाव- नारायणसामी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पुदुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने रविवार को कहा कि वह छह अप्रैल को हो रहे विधानसभा चुनाव में नहीं लड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें इस केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव संबंधी कार्यों एवं पार्टी के कार्यक्रमों के बीच तालमेल कायम करने की जरूरत है.
उन्होंने यहां पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ए वी सुब्रमण्यम कराईकल (उत्तरी) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए उन्हें सांसद वी. वैद्यलिंगम के साथ चुनाव संबंधी पार्टी की गतिविधियों का समन्वय करना है.
उन्होंने कहा, ‘उनके चुनाव नहीं लड़ने का यही कारण है.’
सेकुलर डेमोक्रेटिक एलायंस (एसडीए) की अगुवाई कर रही कांग्रेस के लिए कुल 30 विधानसभा क्षेत्रों में से 15 छोड़ी गयी है. पार्टी ने यणम छोड़कर 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारा है.
नारायणसामी ने कहा, ‘ यणम के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार तय करने में देरी हुई.’
उन्होंने कहा कि निर्दलीय कोलापल्ली अशोक ने यणम के चुनाव में कांग्रेस का समर्थन मांगा. उन्होंने कहा, ‘हम अशोक के अनुरोध के जवाब में उनका समर्थन कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह से केंद्र सरकार के कुछ विभाग पुदुचेरी में प्रतिद्वंद्वी दल के नेताओं को निशाना बना रहे हैं और उनके विरूद्ध कार्रवाई कर रहे हैं. हालांकि, उन्होने उन केंद्रीय विभागों के नाम नहीं बताये.
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने इस आरोप के पक्ष में सबूत पेश करना चाहिए कि उन्होंने इस केंद्रशासित प्रदेश के लिएमिले केंद्रीय निधि के पैसे गांधी परिवार को दिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)