मध्य प्रदेश: मरीज़ की मौत के बाद के डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार की एम्स आरडीए ने निंदा की

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी जेपी अस्पताल में मरीज़ की मौत के बाद कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और उनके सहयोगियों पर वहां के एक डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा था. घटना के बाद डॉक्टर इस्तीफ़ा दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया.

(फोटो सभार: http://www.jphospital.org/)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी जेपी अस्पताल में मरीज़ की मौत के बाद कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और उनके सहयोगियों पर वहां के एक डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा था. घटना के बाद डॉक्टर इस्तीफ़ा दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया.

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(फोटो सभार: http://www.jphospital.org/)

नई दिल्ली: एम्स रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडीए) ने भोपाल में कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा एक सरकारी चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने की निंदा की और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की कि षड्यंत्रकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए.

एक रोगी की मौत के बाद कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा द्वारा कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने के बाद सरकारी जेपी अस्पताल के डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी द्वारा मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन देने के बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आरडीए ने कहा कि घटना से अग्रिम मोर्चे के कई कर्मचारियों का हौसला टूटेगा, जिन्होंने कोविड-19 महामारी और उससे पहले भी अपने हित नहीं देखकर लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी है.

इसने मांग की कि षड्यंत्रकारियों पर कार्रवाई की जाए.

संगठन ने कहा, ‘यह घटना कोई अलग नहीं थी और पूरे देश में चिकित्सकों को इस तरह की घटनाओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन पर रोगियों का बोझ होता है और काम का तनाव होता है, खासकर कोविड-19 महामारी के समय में.’

इंडिया टुडे के मुताबिक घटना के एक वीडियो में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और कांग्रेस के पूर्व नगर सेवक योगेंद्र चौहान भोपाल के जेपी अस्पताल में डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव पर चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे हैं.

डॉक्टर के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते 10 अप्रैल को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कांग्रेस विधायक द्वारा किए गए व्यवहार को शर्मनाक बताया था.

मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट कर कहा था, ‘भोपाल के जेपी अस्पताल में जिस प्रकार कुछ लोगों ने डॉक्टर्स और वहां मौजूद स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार किया, हंगामा खड़ा किया वह बेहद शर्मनाक है. किसी भी व्यक्ति को हमारे डॉक्टर्स के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है.’

वहीं, वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपने एक समर्थक के व्यवहार के लिए व्यक्तिगत रूप से खेद जताया था.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मेरे विधानसभा का निवासी झुग्गीवासी स्व. तखत सिंह की जेपी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से मृत्यु होने पर मैं अपनी ओर से श्रद्धांजलि देता हूं. स्व. तखत सिंह के परिजनों ने मेरे पास आकर कहा था कि डॉक्टर द्वारा उन्हें प्राइवेट अस्पताल में ले जाने की बात कर रहे हैं.’

एक अन्य ट्वीट में कहा था, ‘इस पर मेरी और मेरे साथियों की बहस जरूर हुई परंतु किसी डॉक्टर से दुर्व्यवहार नहीं हुआ और लौटते समय डॉक्टर श्रीवास्तव से सीएमओ के सामने मिलकर भी आया व अपनी ओर से खेद भी व्यक्त करके भी आया था.’

उन्होंने कहा था, ‘मैं समझता हूं कि मुख्यमंत्री जी उस गरीब स्व. तखत सिंह के परिवार, जिसमें पत्नी व दो बच्चियां हैं, के साथ भी न्याय करेंगे व जेपी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव व निगेटिव मरीजों की जान बचाने के लिए अस्पताल प्रंबधन को निर्देश देंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)