मनमोहन सिंह ने कहा, कितने लोगों को टीका लगा, इसके बजाय टीकाकरण बढ़ाने का प्रयास अहम होना चाहिए

कोविड-19 पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मनमोहन सिंह की आलोचना की है.

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मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

कोविड-19 पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मनमोहन सिंह की आलोचना की है.

मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)
मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में कोविड-19 के हालात से निपटने के लिए रविवार को पांच उपाय सुझाते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को पत्र लिखा और इस बात पर जोर दिया है कि महामारी से मुकाबले के लिए टीकाकरण तथा दवाओं की आपूर्ति बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए, बल्कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है, इसे देखा जाना चाहिए.

उन्होंने ये सुझाव भी दिए कि दवा निर्माताओं के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रावधान लागू किए जाने चाहिए और राज्यों को टीकाकरण के लिए अग्रिम मोर्चे के लोगों की श्रेणी तय करने में छूट देनी चाहिए, ताकि 45 साल से कम उम्र के ऐसे लोगों को भी टीके लग सकें.

सिंह ने अपने पत्र में लिखा, ‘कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण बढ़ाने के प्रयास अहम होने चाहिए. हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है.’

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अभी केवल आबादी के छोटे से हिस्से का ही टीकाकरण हुआ है. उन्होंने विश्वास जताया कि सही नीति के साथ हम इस दिशा में बेहतर तरीके से और बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमें महामारी से लड़ने के लिए बहुत सी चीजें करनी होंगी, लेकिन इस प्रयास का बड़ा हिस्सा टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूत करने का होना चाहिए.’

सिंह ने अपने पत्र में अनेक सुझाव दिए.

उन्होंने कहा कि राज्यों को टीकाकरण के लिए अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की श्रेणी तय करने में कुछ ढील मिलनी चाहिए, जिससे वे 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी टीकाकरण का पात्र बना सकें.

इस समय देश में 45 साल से अधिक उम्र के लोग ही टीका लगवाने के लिए पात्र हैं.

सिंह ने कहा कि कुछ राज्य स्कूल शिक्षकों, बस, तिपहिया और टैक्सी चालकों, नगर निगम तथा पंचायत कर्मचारियों और अदालतों में जाने वाले वकीलों को अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले योद्धाओं की श्रेणी में सूचीबद्ध करना चाहते हैं और ऐसे में उनकी उम्र 45 साल से कम होने पर भी टीका लगाया जा सकता है.

एक दिन पहले ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए जरूरी प्रयासों पर चर्चा हुई थी.

सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को अगले छह महीने के टीकों की खुराक के ऑर्डर और आपूर्ति के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘अगर हम इस अवधि में एक लक्षित संख्या का टीकाकरण चाहते हैं तो हमें पहले ही पर्याप्त ऑर्डर देने होंगे, ताकि उत्पादक आपूर्ति के तय कार्यक्रम के अनुसार काम कर सकें.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि टीकों की यह अपेक्षित आपूर्ति एक पारदर्शी फॉर्मूले के आधार पर राज्यों में कैसे वितरित की जाएगी.

उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार आपात जरूरतों के लिए 10 प्रतिशत खुराक रख सकती है और राज्यों को संभावित उपलब्धता का स्पष्ट संकेत होना चाहिए, ताकि वे अपनी योजना तैयार कर सकें.

सिंह ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा टीका निर्माता बनकर उभरा है और इस सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति में सरकार को टीका निर्माताओं को धन और अन्य रियायतें देकर उनकी उत्पादन क्षमता तेजी से बढ़ाकर उनका समर्थन करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह कानून में अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रावधान लागू करने का समय है ताकि अनेक कंपनियां लाइसेंस के तहत टीकों का उत्पादन कर सकें. मुझे याद आता है कि एचआईवी/एड्स की बीमारी से निपटने के लिए पहले ऐसा हुआ था.’

इजराइल का उदाहरण देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत भी यह काम बहुत तेजी से कर सकता है.

सिंह ने कहा कि घरेलू आपूर्तियां सीमित किए जाने के मद्देनजर ऐसे किसी टीके को घरेलू परीक्षणों पर जोर दिये बिना आयात करने की अनुमति होनी चाहिए जिन्हें यूरोपीय मेडिकल एजेंसी या यूएसएफडीए (अमेरिका का खाद्य और दवा प्रशासन) जैसे किसी प्रामाणिक प्राधिकार ने इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.

उन्होंने कहा, ‘हम अभूतपूर्व आपात स्थिति से गुजर रहे हैं और मैं समझता हूं कि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की ढील आपात स्थिति में उचित है.’

सिंह ने कहा कि एक सीमित अवधि के लिए ढील दी जा सकती है, जिनमें भारत में पूरक परीक्षण पूरे किए जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे सभी टीकों के उपभोक्ताओं को इस तरह की चेतावनी दी जा सकती है कि इन टीकों को संबंधित विदेशी प्राधिकार द्वारा प्रदत्त मंजूरी के आधार पर उपयोग के लिए इजाजत दी जा रही है.

उन्होंने कहा कि वह सकारात्मक सहयोग की भावना से ये सुझाव दे रहे हैं, जिनमें वह हमेशा से भरोसा करते आए हैं.

सिंह ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि सरकार इन सुझावों को तत्काल स्वीकार करेगी और फौरन कार्रवाई करेगी.’

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने उम्मीद जताई है कि सरकार इन सुझावों को मानेगी.

उन्होंने कहा, ‘डॉ मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महामारी से लड़ने के लिए पांच विशिष्ट सुझाव दिए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि इन सुझावों को तत्काल स्वीकार करें और फौरन कार्रवाई करें.’

चिदंबरम ने कहा, ‘सरकार अच्छे सुझावों को स्वीकार करती है या नहीं, इस पत्र पर उसकी कार्रवाई से पता चल जाएगा. सरकार की कार्रवाई से यह भी पता चल जाएगा कि सरकार महामारी को फैलने से रोकने के बारे में गंभीर है या नहीं.’

हर्षवर्धन ने साधा मनमोहन पर निशाना, कहा- कांग्रेस शासित राज्य टीके पर जताते रहे संदेह

कोविड-19 प्रबंधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह पर पलटवार करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के लिए कांग्रेस शासित राज्य जिम्मेदार हैं, जो कथित रूप से लोगों के टीकाकरण के बजाय टीकों पर संदेह जताने में व्यस्त थे.

हर्षवर्धन ने दावा किया कि मनमोहन सिंह के पत्र तैयार करने वाले लोगों ने उनकी साख को नुकसान पहुंचाया है.

हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह को ट्वीट किए गए एक पत्र में दावा किया, ‘डॉ. मनमोहन सिंह जी अगर आपकी सकारात्मक सहयोग की पेशकश और मूल्यवान सलाह को ऐसे कठिन समय में आपके कांग्रेस के नेता ही मान लें तो इतिहास आपका आभारी होगा.’

उन्होंने दावा किया, ‘ऐसा नहीं लगता कि आपकी पार्टी में और राज्यों में आपकी पार्टी की सरकारों में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आपके विचारों से सहमत हैं.’

भारत में पिछले कुछ दिन से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. देश में 15 अप्रैल से लगातार पांचवें दिन संक्रमण के दो लाख से अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं. 11 अप्रैल के बाद यह लगातार नौवां दिन है, जब देश में एक दिन में 1.5 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके अलावा सात अप्रैल के बाद यह लगातार 13वां दिन है, जब एक लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं.

सोमवार को बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक 273,810 नए मामले आने के साथ कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ के पार हो गई है. इसके अलावा 24 घंटे में ही रिकॉर्ड 1,619 लोगों की मौत के साथ मृतक संख्या बढ़कर 178,769 हो चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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