कुंभ से लौटने के बाद नदीम-श्रवण जोड़ी में शामिल संगीतकार श्रवण राठौड़ का कोरोना से निधन

संगीतकार श्रवण राठौड़ के बेटे संजीव ने बताया कि कुंभ से लौटने के बाद उनके पिता ने सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायत की थी. जांच के बाद उनके माता-पिता संक्रमित पाए गए थे. संजीव और उनके भाई भी संक्रमित हैं. नदीम-श्रवण की जोड़ी को आशिकी, सड़क, साजन, दीवाना, राजा हिंदुस्तानी, जुदाई, सिर्फ़ तुम जैसी फिल्मों के संगीत के लिए जाना जाता है.

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संगीतकार श्रवण राठौड़. (फोटो साभारः ट्विटर)

संगीतकार श्रवण राठौड़ के बेटे संजीव ने बताया कि कुंभ से लौटने के बाद उनके पिता ने सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायत की थी. जांच के बाद उनके माता-पिता संक्रमित पाए गए थे. संजीव और उनके भाई भी संक्रमित हैं. नदीम-श्रवण की जोड़ी को आशिकी, सड़क, साजन, दीवाना, राजा हिंदुस्तानी, जुदाई, सिर्फ़ तुम जैसी फिल्मों के संगीत के लिए जाना जाता है.

संगीतकार श्रवण राठौड़. (फोटो साभारः ट्विटर)
संगीतकार श्रवण राठौड़. (फोटो साभारः ट्विटर)

मुंबई: हिंदी सिनेमा की प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ियों में से एक नदीम-श्रवण में से एक श्रवण राठौड़ की बीते बृहस्पतिवार को कोराना वायरस संबंधी जटिलताओं की वजह से निधन हो गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दिन पहले 66 वर्षीय श्रवण अपनी पत्नी के साथ हरिद्वार में हुए कुंभ में शामिल हुए थे. वहां से लौटने के बाद उन्होंने सांसद लेने में तकलीफ की शिकायत की थी. जांच के बाद दोनों कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे.

श्रवण के बेटे संजीव ने बताया, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी परिवार इतने कठिन समय से गुजरेगा. मेरे पिता का देहांत हो गया. मैं और मेरी मां भी कोरोना संक्रमित हैं. मेरा भाई भी पाॅजिटिव है और होम आइसोलेशन में है.’

90 के दशक और 2000 के दशक की शुरुआत में सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक नदीम-श्रवण को 1990 में आई फिल्म आशिकी के साथ बड़ा ब्रेक मिला था.

राहुल राॅय और अनु अग्रवाल की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म ने संगीत की बिक्री में रिकॉर्ड बनाया है और इसका संगीत आज भी लोगों द्वारा पसंद किया जाता है. इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का फिल्मफेयर अवाॅर्ड मिला था. फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था.

इस फिल्म के बाद नदीम-श्रवण की जोड़ी ने महेश भट्ट की कई फिल्मों को संगीत से सजाया. इन फिल्मों में दिल है के मानता नहीं (1991), साजन (1991), सड़क (1991) और हम हैं राही प्यार के (1993) जैसी फिल्में शामिल रहीं.

इसके अलावा दोनों संगीतकारों की जोड़ी ने फूल और कांटे (1991), दीवाना (1992), दिल का क्या कसूर (1992), जान तेरे नाम (1992), बलमा (1993), आदमी खिलौना है (1993), दामिनी (1993), दिलवाले (1994), राजा (1995), बरसात (1995), जीत (1996), राजा हिंदुस्तानी (1996), अग्निसाक्षी (1996), जुदाई (1997), परदेस (1997), सिर्फ तुम (1999), धड़कन (2000), कसूर (2000), राज (2002) और अंदाज (2003), जैसी फिल्मों में संगीत दिया था.

1973 में आई भोजपुरी फिल्म दंगल के लिए दोनों ने पहली बार साथ में संगीत दिया था. साल 2005 में दोनों अलग हो गए थे. दोनों ने साल 2005 में आई फिल्म दोस्तीः फ्रेंड्स फाॅरएवर में आखिरी बार संगीत दिया था.

साल 2009 में आई फिल्म डू नाॅट डिस्टर्ब में दोनों ने साथ वापसी की थी, लेकिन एकसाथ इनका सफर आगे बढ़ नहीं सका. इसके बाद श्रवण राठौड़ उसके बाद से संगीत की दुनिया में बहुत कम नजर आए.