प्रधानमंत्री ने कोविड-19 को लेकर केवल अपने ‘मन की बात’ की: हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री ‘काम की बात’ करते और ‘काम की बात’ सुनते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के लिए भाजपा नेताओं ने सोरेन पर आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल किया है.

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Ranchi: Jharkhand Mukti Morcha (JMM) executive president Hemant Soren addresses a press conference ahead of Jharkhand Assembly Elections, in Ranchi, Sunday, Sept. 15, 2019. (PTI Photo) (PTI9_15_2019_000038B)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटोः पीटीआई)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री ‘काम की बात’ करते और ‘काम की बात’ सुनते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के लिए भाजपा नेताओं ने सोरेन पर आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल किया है.

Ranchi: Jharkhand Mukti Morcha (JMM) executive president Hemant Soren addresses a press conference ahead of Jharkhand Assembly Elections, in Ranchi, Sunday, Sept. 15, 2019. (PTI Photo) (PTI9_15_2019_000038B)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर उनसे सिर्फ अपने ‘मन की बात’ की.

सोरेन ने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री ‘काम की बात’ करते और ‘काम की बात’ सुनते.

उनकी प्रतिक्रिया ऐसे वक्त आई है, जब मोदी ने उनसे और आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों से बृहस्पतिवार को कोविड-19 की स्थिति को लेकर बातचीत की.

झारखंड के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया. उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की. बेहतर होता यदि वह काम की बात करते और काम की बात सुनते.’

सूत्रों ने बताया कि सोरेन नाखुश हैं, क्योंकि उन्हें अपने राज्य से संबंधित मुद्दे के बारे अवगत कराने की अनुमति नहीं दी गई और प्रधानमंत्री ने केवल कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुबर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आलोचना की है. उन्होंने कहा, ‘हेमंत जी द्वारा माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी अमर्यादित है. वे लगातार अपनी अक्षमता प्रदर्शित करते रहे हैं. उनसे राज्य नहीं संभल रहा हो और केंद्र की मदद के बिना एक काम भी नहीं कर सकते हैं तो उन्हें सत्ता केंद्र सरकार को ही सौंप देनी चाहिए.’

रघुबर दास की इस टिप्पणी पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की गढ़वा इकाई ने कहा है, ‘आपकी टिप्पणी में संस्कार झलक रहे हैं न रघुबर दास जी! पहले खुद अपने अंदर की जमीर को झांकिए, उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री के ऊपर आरोप लगाइएगा! वैसे ये संस्कार बाबूलाल मरांडी जी को याद करने की आवश्यकता है!’

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘यह ट्वीट भारत में कोरोना संकट के बारे में सब कुछ बताता है. हमारे प्रधानमंत्री सिर्फ बात करते हैं. वह सुनते नहीं है, यहां तक की मुख्यमंत्रियों की भी नहीं सुनते.’

प्रधानमंत्री की आलोचना के लिए भाजपा नेताओं ने सोरेन को लिया आड़े हाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के लिए भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल किया.

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट किया, ‘कुछ नेता इस स्तर तक गिर गए हैं. प्रधानमंत्री फोन करते हैं और कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करते हैं. कम से कम अपने पद की गरिमा का तो ख्याल रखना चाहिए.’

भाजपा सांसद और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने भी हेमंत सोरेन की आलोचना की.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘न आपको देश के संघीय ढांचे का ज्ञान, न सामान्य शिष्टाचार की समझ, न बड़ों से व्यवहार का प्रशिक्षण और न ही अपनी कुनीतियों से बेहाल झारखंड की चिंता है हेमंत सोरेन. जनता आपकी गलत नीतियों की भेंट न चढ़े. आप झारखंड के लोगों को उनके हाल पर छोड़ सकते हो मगर मोदी सरकार हर क्षण उनके साथ है.’

असम भाजपा के नेता हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि सोरेन का ट्वीट सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है और लोगों की परेशानियों का मजाक उड़ाने जैसा है क्योंकि प्रधानमंत्री ने उनका हालचाल के लिए फोन किया था.

उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने पद की गरिमा को धूमिल किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)