गोवा मेडिकल कॉलेज में 26 कोविड मरीज़ों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री ने हाईकोर्ट से जांच की मांग की

गोवा के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना. स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन की कमी होने की बात कहते हुए मामले की जांच हाईकोर्ट से कराने का अनुरोध किया है. वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि उन्हें किसी ने गुमराह किया है.

/
प्रमोद सावंत (बांए) और विश्वजीत राणे (फोटो साभार: फेसबुक)

गोवा के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना. स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन की कमी होने की बात कहते हुए मामले की जांच हाईकोर्ट से कराने का अनुरोध किया है. वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि उन्हें किसी ने गुमराह किया है.

प्रमोद सावंत (बांए) और विश्वजीत राणे (फोटो साभार: फेसबुक)
प्रमोद सावंत (बांए) और विश्वजीत राणे (फोटो साभार: फेसबुक)

पणजी: गोवा में बीते मंगलवार को एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक रात में कोविड-19 से संक्रमित 26 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. हालांकि मौत के कारणों को लेकर राज्य की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बयानों में मतभेद सामने आए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने जहां ऑक्सीजन की कमी की बात करते हुए मामले की जांच हाईकोर्ट से कराने का आग्रह किया है, वहीं मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन की कमी होने से इनकार किया है.

यह घटना राज्य के सबसे बड़े कोविड केंद्र सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में हुई. गोवा में मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक 75 लोगों की मौत इस महामारी से हुई थी.

गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने मंगलवार को कहा कि सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में तड़के कोरोना वायरस के 26 मरीजों की मौत हो गई और उन्होंने मौत का उचित कारण पता लगाने के लिए हाईकोर्ट द्वारा मामले की जांच की मांग की है.

उन्होंने बताया कि इन मरीजों की मौत (सोमवार और मंगलवार की रात) देर रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच हुई, लेकिन मौत के कारण स्पष्ट नहीं है.

जीएमसीएच का दौरा करने वाले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था, ‘मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और जीएमसीएच में कोविड-19 वार्ड तक इसकी आपूर्ति के बीच अंतर से रोगियों को कुछ समस्याएं हुई हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति में देरी से अस्पताल की केंद्रीय आपूर्ति में दबाव कम हो गया है और यह नहीं कहा जा सकता है कि मौत इसी वजह से हुई है.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

वहीं स्वास्थ्य मंत्री राणे ने पत्रकारों से बात करते हुए सोमवार को जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की बात स्वीकार की.

रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री के बयान को लेकर जीएमसीएच के डीन एसएम बांडेकर ने पत्रकारों से कहा, ‘हम घटना के संबंध में विस्तृत ब्योरा जमा कर रहे हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं से 25 मिनट में जीएमसीएच की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा था.

उन्होंने कहा, ‘हमने आपूर्तिकर्ता को ऑक्सीजन की न्यूनतम 55 ट्रॉलियों और 600 जंबो सिलेंडरों को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है. आपूर्तिकर्ता को अतिरिक्त वाहनों और ड्राइवरों के जरिये यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि ऑक्सीजन 25 मिनट के भीतर जीएमसीएच तक पहुंच जाए, तभी अस्पताल में इसके दबाव को ठीक रखा जा सकता है.

ऑक्सीजन की कमी के कारण जीएमसीएच में 26 मौतों के स्वास्थ्य मंत्री के दावों के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने कहा, ‘ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट या अन्य कारणों से कितने रोगियों की मृत्यु हुई, यह कुछ ऐसा है जो केवल डॉक्टर ही बता सकते हैं, मैं एक विशेषज्ञ नहीं हूं.’

रिपोर्ट के अनुसार, गोवा सरकार ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा स्थित पीठ में एक हलफनामे में दायर कर कहा कि केंद्र ने राज्य के ऑक्सीजन आवंटन को 11 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 26 मीट्रिक टन कर दिया है और उसने 55 मीट्रिक टन प्रतिदिन की आवश्यकता के खिलाफ आपूर्तिकर्ताओं से 35 मीट्रिक टन की खरीद की है.

संयोग से हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते दायर कई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को जीएमसीएच के डीन और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक से कहा था कि वे बुधवार को अस्पताल और तीन अन्य सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्थिति बताते हुए हलफनामा दायर करें. अदालत ने कहा था कि हलफनामे में यह जानकारी भी देने को कहा था कि क्या ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी से भी किसी की मौत का मामला सामने आया है.

मुख्यमंत्री के जीएमसीएच के दौरे के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘हाईकोर्ट को मौत के उचित कारणों का पता लगाने के लिए जांच करनी चाहिए. हाईकोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में श्वेत पत्र तैयार करना चाहिए, जिससे चीजें दुरुस्त करने में मदद मिलेगी.’

राणे ने कहा कि सोमवार को यहां मेडिकल ऑक्सीजन के 1200 बड़े सिलेंडर की जरूरत थी, लेकिन केवल 400 की ही आपूर्ति की गई.

उन्होंने कहा, ‘अगर मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी है तो इस कमी को दूर करने के लिए चर्चा की जानी चाहिए.’

राणे ने कहा कि राज्य सरकार ने जीएमसीएच में कोविड-19 के इलाज पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारियों की जिस तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है, उसे मुख्यमंत्री को इस संबंध में जानकारी देनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री को देर रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होने वाली मौतों के कारणों की जांच करने और (जीएमसीएच कामकाज की देखरेख के लिए नियुक्त) तीन नोडल अधिकारियों  पर सवाल उठाया. हाईकोर्ट भी इस बारे में पूछताछ करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर सकता है. वास्तव में यह बेहतर होगा अगर हाईकोर्ट ऐसा करता है.’

स्वास्थ्य मंत्री राणे के अनुसार, राज दो बजे से छह बजे तक का समय बेहद नाजुक होता है और इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर और नर्स बेबसी के चलते रोने की कगार पर पहुंच जाते हैं.

उन्होंने कहा, ‘जीएमसीएच में पूरे कोविड प्रबंधन की हाईकोर्ट द्वारा जांच होने दें. मुझे कोई समस्या नहीं है, क्योंकि मेरा अंतर्मन साफ है. मुझे लगता है कि किसी ने उन्हें (सावंत) गुमराह किया है या कुछ गलत समझा दिया है.’

इससे पहले मुख्यमंत्री ने पीपीई किट पहनकर जीएमसीएच में कोविड-19 वार्ड का दौरा किया था, जहां उन्होंने मरीजों और उनके रिश्तेदारों से मुलाकात की थी.

मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘इन वार्ड में ऑक्सीजन को लेकर जो समस्याएं हैं, उसे दूर किए जाने की जरूरत है.’ उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वार्ड-वार एक तंत्र स्थापित करने की घोषणा भी की थी.

साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कड़े प्रयास कर रही है. सावंत ने कहा, ‘हमारे पास प्रचुर मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन है. राज्य में इसकी कोई कमी नहीं है.’

अधिकारियों ने बताया कि 10 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, गोवा में कोविड-19 के कुल 121,650 मामले सामने आए हैं और संक्रमण से 1,729 लोगों की मौत हुई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)