​मोदी विरोधी पोस्टर: श्रमिक और ड्राइवर आदि पकड़े गए, राहुल गांधी बोले- मुझे भी गिरफ़्तार करो

दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना वाले पोस्टर लगाने के मामले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें पोस्टर-बैनर लगाने वाले, प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शामिल हैं. इस क़दम की आम आदमी पार्टी समेत कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने निंदा की है.

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(फोटो साभार: ट्विटर/आम आदमी पार्टी)

दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना वाले पोस्टर लगाने के मामले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें पोस्टर-बैनर लगाने वाले, प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शामिल हैं. इस क़दम की आम आदमी पार्टी समेत कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने निंदा की है.

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दिल्ली में कई जगहों पर ऐसे पोस्टर लगाए गए थे. (फोटो: ट्विटर/AAP)

नई दिल्ली: कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में कथित तौर पर प्रधानमंत्री की आलोचना वाले पोस्टर लगाने पर कई लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की रविवार को निंदा की और सरकार को चुनौती दी कि वह कोविड रोधी टीकों के निर्यात पर सवाल उठाने पर उन्हें भी गिरफ्तार करके दिखाए.

कथित मोदी विरोधी पोस्टर लगाने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किए 25 लोगों में से अधिकांश छोटे-मोटे काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी हैं. इनमें ड्राइवर और प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले आदि शामिल हैं. कुछ ऐसे हैं, जो पैसे लेकर पोस्टर-बैनर लगाने का ही काम करते थे.

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने टि्वटर पर अपनी परिचय तस्वीरें (डीपी) बदलकर यह सवाल करता पोस्टर लगा लिया कि कोरोना टीके विदेश क्यों भेजे गए.

विपक्षी दल ने कहा कि यदि लोगों को टीके, दवा और ऑक्सीजन नहीं मिलती तो प्रधानमंत्री से कड़े सवाल पूछे जाएंगे. गांधी ने ट्वीट किया, ‘मुझे भी गिरफ्तार करिए.’

उन्होंने संबंधित पोस्टर की तस्वीर साझा की जिसमें लिखा है, ‘मोदी जी आपने हमारे बच्चों के टीके विदेश क्यों भेजे.’

टीकों के मुद्दे पर पोस्टर लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा कई लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद कांग्रेस ने यह चुनौती दी.

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती दी कि वे उन्हें गिरफ्तार करके दिखाएं. रमेश ने कहा कि वह भी अपने परिसर की दीवार पर ऐसे पोस्टर लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘क्या प्रधानमंत्री की आलोचना से जुड़े पोस्टर लगाना अब कोई अपराध है? क्या भारत अब मोदी दंड संहिता से संचालित है? क्या महामारी के बीच दिल्ली पुलिस के पास कोई काम नहीं बचा है?’

रमेश ने कहा, ‘कल अपने परिसर की दीवार पर मैं पोस्टर लगाने जा रहा हूं. आइए और मुझे गिरफ्तार करिए.’

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं आपको चुनौती देता हूं कि मुझे गिरफ्तार करके दिखाइए. मेरा टीका कहां है, मेरी ऑक्सीजन कहां है? हम आपसे प्रश्न पूछना जारी रखेंगे.’ 

उन्होंने आरोप लगाया, ‘सवाल पूछने पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है.’

खेड़ा ने कहा कि अधिकतर मौतों को टाला जा सकता था और लोग कोविड की वजह से नहीं, बल्कि महामारी से निपटने में कुप्रंबधन की वजह से मर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आवश्यक चीजों की मानव-निर्मित कमी उत्पन्न की और हर तरफ अफरातफरी मच गई. खेड़ा ने कहा, ‘भारत सरकार संकट से सही ढंग से नहीं निपट पाई.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी चाहते थे कि उन्हें वैक्सीन गुरु के रूप में जाना जाए, लेकिन अब पूरा विश्व और हर भारतीय कड़े सवाल पूछ रहा है.’

खेड़ा ने कहा, ‘आप निर्णय का केंद्रीकरण और दायित्व का विकेंद्रीकरण नहीं कर सकते.’ उन्होंने कहा, ‘हमने जो देखा, वह छवि प्रबंधन है, जो सरकार का सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है. यह देश के लिए घातक है.’

उन्होंने कहा कि भारत अतीत में टीकाकरण अभियानों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर चुका है और पोलियो जैसी बीमारियों का उन्मूलन हो गया है.

कांग्रेस ही नहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर वही वाक्य पोस्ट किया है, जिसके चलते दिल्ली में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना करने वाले पोस्टर चिपकाने के मामले में 25 प्राथमिकी दर्ज कीं और 25 लोगों को गिरफ्तार किया है.

अधिकारियों ने बीते शनिवार को बताया कि ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगाए गए. इनमें लिखा था, ‘मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?’

उन्होंने बताया कि बीते 13 मई को पुलिस को पोस्टरों के बारे में सूचना मिली, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क किया गया. शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत विभिन्न जिलों में 25 प्राथमिकी दर्ज की.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए इन लोगों में एक 30 वर्षीय रिक्शाचालक, लकड़ी का फ्रेम बनाने वाले एक 61 वर्षीय व्यक्ति जैसे लोग शामिल हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अगर इस संबंध में और शिकायतें मिलती हैं तो और प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. फिलहाल यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि किसके कहने पर शहर के विभिन्न स्थानों पर ये पोस्टर लगाए गए और इसके मुताबिक ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.’

पुलिस ने बताया कि तीन प्राथमिकी उत्तर पूर्वी दिल्ली में दर्ज की गई और वहां से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तीन प्राथमिकी पश्चिम दिल्ली में दर्ज की गईं और वहां से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया.

जबकि तीन प्राथमिकी बाहरी दिल्ली में दर्ज की गईं और वहां से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया. राजधानी के उत्तर-पश्चिम इलाके में इस मामले में चार प्राथमिकी दर्ज की गईं और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया.

उन्होंने बताया कि शहर के मध्य हिस्से में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. दो प्राथमिकी रोहिणी में दर्ज की गईं और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक प्राथमिकी पूर्वी दिल्ली में दर्ज की गई और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

एक प्राथमिकी द्वारका में दर्ज की गई और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. दक्षिणी दिल्ली में भी इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है.

पुलिस ने बताया कि एक प्राथमिकी उत्तरी दिल्ली में दर्ज की गई और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि इस व्यक्ति ने दावा किया है कि उसे तीन पोस्टर चिपकाने के लिए 500 रुपये दिए गए. आरोप है कि कुछ आप नेताओं ने भी ऐसा करने के लिए लोगों को पैसे दिए थे.

एक अन्य मामला शाहदरा में दर्ज किया गया है, जहां पुलिस ने घटना की सीसीटीवी फुटेज बरामद की और इस घटना में शामिल लोगों को पकड़ने की कोशिश की.

पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी से गिरफ्तार चार लोगों में राहुल त्यागी (24 वर्ष), राजीव कुमार (19 वर्ष), दिलीप तिवारी (35 वर्ष) और शिवम दुबे (24 वर्ष) शामिल हैं. राहुल और राजीव दोनों पोस्टर लगाने का ही काम करते हैं.

पश्चिम दिल्ली के कीर्ति नगर से गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में देवेंद्र कुमार (51 वर्ष), तिलकराज छाबड़ा (47 वर्ष), अनिल गुलाटी (61 वर्ष), मुरारी (45 वर्ष) और राकेश कुमार (42 वर्ष) हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इनमें से देवेंद्र कुमार ठेकेदार हैं. छाबड़ा प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं. गुलाटी लकड़ी का फ्रेम बनाने का काम करते हैं. राकेश ऑटो चलाते हैं, जबकि मुरारी ऐसे ही पोस्टर चिपकाने का काम करते हैं.

बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी से गिरफ्तार किए गए तीन लोग राहुल कुमार (26 वर्ष), राजेश शर्मा (38 वर्ष) और अनिल कुमार (30 वर्ष) हैं. राहुल सेल्स एजेंट, राजेश प्रिंटिंग प्रेस के मालिक और अनिल रिक्शा चालक हैं.

द्वारका से गिरफ्तार मोहम्मद सोहेल (26 वर्ष) और मोहम्मद अख्तर को गिरफ्तार किया गया है. उत्तर दिल्ली के तिमारपुर से तारकेश्वर जायसवाल (24 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है. एक 19 वर्षीय संजय कुमार को गिरफ्तार किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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