म्यांमार में तख़्तापलट के बाद सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 800 से अधिक लोगों की मौत हुई: रिपोर्ट

असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर की गई जुंटा की कार्रवाई में सोमवार तक 802 लोगों की मौत हो चुकी है. कार्यकर्ता समूह ने कहा कि वर्तमान में 4,120 लोगों को हिरासत में रखा गया है, जिनमें 20 को मौत की सज़ा सुनाई गई है. म्यांमार की मिस यूनिवर्स प्रतियोगी थूजर विंट ल्विन ने भी प्रतियोगिता के मंच से दुनिया से जुंटा की सेना के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की अपील की है.

(फोटो: रॉयटर्स)

असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर की गई जुंटा की कार्रवाई में सोमवार तक 802 लोगों की मौत हो चुकी है. कार्यकर्ता समूह ने कहा कि वर्तमान में 4,120 लोगों को हिरासत में रखा गया है, जिनमें 20 को मौत की सज़ा सुनाई गई है. म्यांमार की मिस यूनिवर्स प्रतियोगी थूजर विंट ल्विन ने भी प्रतियोगिता के मंच से दुनिया से जुंटा की सेना के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की अपील की है.

(फोटो: रॉयटर्स)
यंगून में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन करने जुटे लोगों के पास से सड़क पार करते सैनिक. (फोटो: रॉयटर्स)

म्यांमार: एक कार्यकर्ता समूह ने कहा है कि फरवरी में तख्तापलट में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद देशभर में लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद से म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा 800 से अधिक लोग मारे गए हैं.

गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने बीते एक फरवरी को तख्तापलट कर नोबेल विजेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को बेदखल करते हुए और उन्हें व उनकी पार्टी के अअन्य नेताओं को नजरबंद करते हुए देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बीते 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से ही कई हफ्तों तक प्रदर्शन हुए और इसके जवाब में सेना ने घातक तरीके से उसे दबाने की कोशिश की, जबकि सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना और जातीय विद्रोहियों और नवगठित मिलिशिया बलों के बीच लड़ाई में तेजी आई है.

‘असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर की गई जुंटा की कार्रवाई में सोमवार तक 802 लोगों की मौत हो चुकी है.

समूह ने प्रतिदिन जारी की जाने वाली अपनी जानकारी में कहा, ‘यह संख्या असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स द्वारा पुष्ट है. मृतकों की वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है.’

यह संगठन मरने वालों और गिरफ्तार लोगों की दैनिक संख्या जारी करता है. ये आंकड़े काफी व्यापक रूप से विश्वसनीय माने जाते हैं, क्योंकि मौत के नए मामलों को तब तक शामिल नहीं किया जाता, जब तक उनकी पुष्टि नहीं हो जाती और उनका विवरण वेबसाइट पर नहीं दे दिया जाता.

इसने चिन राज्य के कस्बों और मांडले और यांगून के मुख्य शहरों के जिलों सहित छह अतिरिक्त मौतों का विवरण दिया.

रॉयटर्स ने इन आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की और सेना के एक प्रवक्ता ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया.

जुंटा ने पहले मारे गए नागरिकों की संख्या पर आपत्ति जताई और कहा था कि विरोध के दौरान सुरक्षा बलों के दर्जनों सदस्य भी मारे गए थे.

कार्यकर्ता समूह ने कहा कि वर्तमान में 4,120 लोगों को हिरासत में रखा गया है, जिनमें 20 को मौत की सजा सुनाई गई है.

1 फरवरी के तख्तापलट के बाद हुई सबसे घातक लड़ाई हाल में मिंडत में हुई थी जो कि भारतीय सीमा से 100 किमी दूर चिन राज्य में है और वहां सेना का सामना स्थानीय मिलिशिया से हुआ था.

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उत्तर पश्चिमी म्यांमार के पहाड़ी शहर में हजारों निवासी सेना के हमले के बाद सोमवार को जंगलों, गांवों और घाटियों में छिपे हुए थे.

पिछले हफ्ते मिंडत में मार्शल लॉ घोषित किया गया था, जब सेना ने एक नवगठित चिनलैंड रक्षा बल के खिलाफ तोपखाने और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके अपना हमला शुरू किया था.

मुख्य रूप से शिकार राइफलों से लैस मिलिशिया ने कहा कि उसने अतिरिक्त नागरिकों को गोलीबारी में फंसने से बचाने के लिए अपने कदम पीछे खींच लिए थे.

रॉयटर्स के संपर्क में आने वाले कई निवासियों ने कहा कि भोजन की आपूर्ति में कमी थी और अनुमान है कि 5,000 से 8,000 लोग शहर से भाग गए थे. सड़कों को बंद कर दिया गया था और सड़कों पर सैनिकों की मौजूदगी उनकी वापसी को रोक रही थी.

अमेरिका और ब्रिटेन ने नागरिकों की मौत होने से बचाने के लिए सेना का आह्वान किया है, जबकि आंग सान सू ची के वफादारों द्वारा गठित एक राष्ट्रीय एकता सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है.

राजनयिकों ने कहा कि मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में म्यांमार को सभी हथियारों और युद्ध सामग्री की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आपूर्ति, बिक्री या हस्तांतरण पर तत्काल रोक लगाने का आह्वान करने वाले एक मसौदा प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग को टाल दिया गया.

फिलहाल यह पता नहीं चला है कि वोटिंग कब तक के लिए टाली गई है. कुछ राजनयिकों ने कहा कि अधिक समर्थन हासिल करने के प्रयास में इसमें देरी हुई है.

मसौदा प्रस्ताव म्यांमार सेना से आपातकाल की स्थिति को समाप्त करने, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी हिंसा को रोकने और नवंबर के चुनाव के परिणामों में व्यक्त लोगों की इच्छा का सम्मान करने का आह्वान करता है.

वहीं, म्यांमार की मिस यूनिवर्स प्रतियोगी थूजर विंट ल्विन ने रविवार को प्रतियोगिता के मंच से दुनिया से जुंटा की सेना के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की.

प्रतियोगा के लिए एक वीडियो संदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे लोग मर रहे और हर दिन सेना द्वारा उन्हें गोली मारी जा रही है.’

उन्होंने मंच पर अपने राष्ट्रीय परिधान के साथ परेड किया और उन्होंने एक तख्ती पकड़ रखी थी जिसमें लिखा था, ‘म्यांमार के लिए प्रार्थना करें’.

हालांकि, ल्विन मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के अंतिम दौर में जगह नहीं बना सकीं, लेकिन उन्होंने सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय पोशाक का पुरस्कार जीता, जो उत्तर-पश्चिमी म्यांमार के उनके चिन लोगों की जातीय पोशाक पर आधारित थी, जहां हाल के दिनों में सेना और जुंटा विरोधी मिलिशिया लड़ाकों के बीच लड़ाई छिड़ गई है.

थूजर विंट ल्विन म्यांमार की उन दर्जनों हस्तियों, अभिनेताओं, सोशल मीडिया प्रभावितों और खेल के लोगों में से हैं, जिन्होंने तख्तापलट का विरोध किया है.

गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने बीते एक फरवरी को तख्तापलट कर आंग सान सू ची और अन्य नेताओं को नजरबंद करते हुए देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी.

म्यांमार की सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में लेते हुए कहा था कि उसने देश में नवंबर में हुए चुनावों में धोखाधड़ी की वजह से सत्ता कमांडर इन चीफ मिन आंग ह्लाइंग को सौंप दी है.

सेना का कहना है कि सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह है कि वह व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रहीं.

पिछले साल नवंबर में हुए चुनावों में सू ची की पार्टी ने संसद के निचले और ऊपरी सदन की कुल 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी, जो बहुमत के आंकड़े 322 से कहीं अधिक था, लेकिन 2008 में सेना द्वारा तैयार किए गए संविधान के तहत कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीटें सेना को दी गई थीं.

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