चक्रवात ‘यास’: बंगाल, ओडिशा, झारखंड में 21 लाख से अधिक लोग प्रभावित, कम से कम 15 की मौत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. इसी माह के मध्य में पश्चिमी तट ने चक्रवात ताउते का प्रकोप झेला. ताउते अति भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरात तट से टकराया और उसने कई राज्यों में तबाही मचाई और क़रीब 50 लोगों की जान चली गई थी.

(फोटो: पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. इसी माह के मध्य में पश्चिमी तट ने चक्रवात ताउते का प्रकोप झेला. ताउते अति भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरात तट से टकराया और उसने कई राज्यों में तबाही मचाई और क़रीब 50 लोगों की जान चली गई थी.

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रांची/पटना/भुवनेश्वर/कोलकाता: चक्रवाती तूफान यास के असर से देश के विभिन्न हिस्सों में तमाम मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लगातार हुई बारिश की वजह से खेत पानी से भर गए हैं. इस चक्रवात से बचने के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के तकरीबन 21 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

चक्रवात यास 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से देश के पूर्वी तट से बीते 26 मई को टकराया था. इसकी वजह से विभिन्न राज्यों में कम से कम 15 लोगों की मौत के मामले भी सामने आए हैं.

चक्रवात यास ने 26 मई की सुबह लगभग 10:30 बजे उत्तरी ओडिशा में दस्तक दी, तेज हवाओं और भारी ज्वार ने ओडिशा-पश्चिम बंगाल सीमा के दोनों किनारों पर कई तटीय कस्बों और गांवों को अपनी चपेट में ले लिया था. निचले इलाकों में पानी भर गया और इन इलाकों के तमाम पेड़ उखड़ गए. इस दिन कम से कम तीन लोगों की मौत हुई, इनमें से दो लोग ओडिशा और एक पश्चिम बंगाल के थे.

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दस्तक देने के बाद 26 मई की मध्यरात्रि से भयंकर चक्रवाती तूफान यास ने झारखंड और बिहार को प्रभावित किया. चक्रवात की असर की वजह से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन थम सा गया था.

चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई. बीते शुक्रवार तक झारखंड में कम से कम पांच लोगों की मौत की सूचना है. बिहार में कम से कम सात लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं.

बता दें कि इसी माह के मध्य में पश्चिमी तट ने चक्रवात ताउते का प्रकोप झेला. ताउते अति भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरात तट से टकराया और उसने कई राज्यों में तबाही मचाई और करीब 50 लोगों की जान चली गई.

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की और कहा कि केंद्रीय दल तीनों राज्यों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा.

साथ ही उन्होंने इस चक्रवात से देश के विभिन्न हिस्सों में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की.

प्रधानमंत्री ने चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित ओडिशा और पश्चिम बंगाल के इलाकों का शुक्रवार को दौरा करने के बाद यह घोषणा की.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘मोदी ने तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. ओडिशा को तत्काल 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. शेष 500 करोड़ रुपये की घोषणा पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए की गई है, जिसे नुकसान के आधार पर जारी किया जाएगा.’

बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार एक अंतर-मंत्रालयी दल का गठन करेगी, जो प्रभावित राज्यों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा तथा अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा. इसके आधार पर आगे वित्तीय सहायता दी जाएगी.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लोगों के साथ खड़ी है. साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में संसाधनों को पुन: बहाल करने और अन्य कार्यों में हरसंभव मदद करेगी.

उन्होंने कहा कि वित्त आयोग भी आपदा की गंभीरता को कम करने के लिए 30,000 करोड़ रुपये तक के कोष के प्रावधानों पर काम कर रहा है.

इससे पहले प्रधानमंत्री सुबह भुवनेश्वर पहुंचे और एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से ओडिशा के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की.

समीक्षा बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के तत्काल बाद राज्य का दौरा करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और बार-बार आने वाली चक्रवात की समस्या से निजात के लिए दीर्घकालिक समाधानों और आपदा अनुकूल शक्ति तंत्र के प्रावधानों पर जोर दिया.

बाद में उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश अभी कोविड-19 महामारी का सामना कर रहा है इसलिए राज्य सरकार ने केंद्र से तत्काल किसी केंद्रीय सहायता की मांग नहीं की और वह अपने संसाधनों से व्यवस्था कर लेगा.

बैठक में प्रधानमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

पटनायक ने बैठक में एक आपदा अनुकूल शक्ति संसाधन और चक्रवातों से तटीय क्षेत्रों को बचाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की गई.

इसके बाद प्रधानमंत्री ने बालासोर और भद्रक के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और वहां से फिर पश्चिम बंगाल पहुंचे.

ममता बनर्जी ने 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से कलाइकुंडा हवाई पट्टी पर मुलाकात की, ‘यास’ से हुए नुकसान पर उन्हें एक रिपोर्ट सौंपी और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की.

बनर्जी हालांकि मोदी के साथ समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं हुईं. इस बैठक में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और देवश्री चौधरी तथा बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंद्रु अधिकारी मौजूद थे.

बनर्जी ने दावा किया कि चक्रवाती तूफान से राज्य को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

दीघा में आयोजित एक प्रशासनिक बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘हमने दीघा और सुंदरबन के पुनर्विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है. यह भी हो सकता है कि हमें कुछ न मिले.’

ममता बनर्जी ने बीते 27 मई को बताया था कि इस चक्रवात की वजह से राज्य को तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय ने बताया था कि तूफान के चलते 1.16 लाख हेक्टेयर के कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जिससे तकरीबन 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

झारखंड में 700 गांवों एवं दस जिलों के दस लाख लोग प्रभावित, दो की मौत, 18 घायल

झारखंड में चक्रवाती तूफान ‘यास’ के कारण पिछले दो दिनों में 700 गांवों एवं दस जिलों के कम से कम दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं और तूफान से संबंधित घटनाओं में अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत की सूचना है. वहीं, 18 अन्य लोग घायल हो गए तथा एक लापता है.

इस बीच शुक्रवार शाम तक झारखंड में ‘यास’ तूफान का प्रभाव लगभग समाप्त हो गया.

झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन से चार दिनों में तूफान के चलते लगभग बीस हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन तेज बारिश के प्रभाव में पिछले दो दिनों में कम से कम डेढ़ हजार मकान ध्वस्त हो गए, जिनमें से अधिकतम कच्चे मकान और झोपड़ियां थीं.

उन्होंने कहा कि शुक्रवार देर शाम तक तूफान का प्रभाव राज्य के सभी हिस्सों से समाप्त हो गया, फिर भी नदियों में बहने और मकानों के मलबों में दबने से जहां दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, डेढ़ दर्जन अन्य घायल हो गए जिनमें कुछ की हालत गंभीर है.

कौशल ने बताया कि तूफान के चलते राज्य में किसानों की 70 से 80 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें खराब हो गईं.

उन्होंने बताया कि तूफान से बृहस्पतिवार को भी जहां रांची में मकान गिरने की घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कोडरमा में भी एक दीवार गिरने की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि राज्य में अनेक स्थानों पर छोटे पुल बह गए और बिजली के खंभे और तार टूट गए जिससे अनेक क्षेत्रों में लोगों को घंटों तक अंधेरे में रहना पड़ा.

अधिकारियों के अनुसार तूफान के प्रभाव से राज्य में दस लाख की आबादी प्रभावित हुई और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ हालांकि शुक्रवार शाम तक इसका प्रभाव लगभग समाप्त हो गया.

इससे पूर्व 26 मई की रात्रि लगभग साढ़े आठ बजे ‘यास’ तूफान ने झारखंड में ओडिशा के रास्ते दस्तक दी थी, लेकिन इसका प्रभाव पूर्वी झारखंड में कुछ विशेष नहीं पड़ा, क्योंकि झारखंड में प्रवेश से पहले ही हवाओं की गति गिरकर चालीस से पचास किलोमीटर प्रति घंटे ही रह गई थी.

इस बीच गोड्डा में चक्रवाती तूफान यास के कारण हो रही लगातार मूसलधार बारिश से ठाकुरगंगटी एवं मेहरमा प्रखंड में आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. सुजांकित्ता के पास एक नदी के पुल पर फंसे हुए लोगों को आठ घंटे बाद बचाया जा सका.

वहीं झमारिया नदी में दो युवाओं के तेज धार में बह जाने के बाद एक को कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया, जबकि दूसरा देर शाम तक लापता था.

बिहार में सात की मौत, नीतीश का पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपये देने का निर्देश

बिहार में चक्रवात यास के कारण कुल सात लोगों की मौत हो गई, जबकि चक्रवाती तूफान के मद्देनजर कम दबाव का क्षेत्र बनने से शुक्रवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई.

पटना, दरभंगा, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, गया और भोजपुर में चक्रवात से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.

पटना में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्तियों की मौतों पर दुख जताया है. कुमार ने मरने वालों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि का तत्काल भुगतान करने का आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी निर्देश दिया कि बेगूसराय में चक्रवात से घायल चार व्यक्तियों और गया और बांका में एक-एक घायल को उचित चिकित्सा प्रदान की जाए.

चक्रवात के कारण राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा हुई.

पटना मौसम कार्यालय के अधिकारी एसके मंडल के अनुसार, कटिहार और सारण जैसे उत्तर बिहार के जिलों में 200 मिमी के करीब या उससे अधिक बारिश हुई.

पटना जिले में तेज हवाएं चलने के साथ ही यहां कल से 90 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जिसके परिणामस्वरूप राजधानी के मुख्य इलाकों सहित कई हिस्सों में भारी जल-जमाव हो गया.

खराब मौसम के कारण बृहस्पतिवार शाम को बाधित हुआ हवाई यातायात सुबह फिर से शुरू हो गया. मौसम विभाग ने शनिवार को भी उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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