जेएनयू: लाइब्रेरी में तोड़फोड़ और सुरक्षाकर्मियों से मारपीट के आरोप में छात्रों पर केस दर्ज

दिल्ली पुलिस ने कहा कि 35-40 छात्रों का एक समूह पुस्तकालय के बाहर बीते आठ जून को इकट्ठा हुआ था, जो महामारी के कारण छात्रों के लिए बंद है. उन्होंने गेट के सामने विरोध किया और गार्ड से लाइब्रेरी के गेट खोलने को कहा, लेकिन गार्ड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. छात्रों ने विरोधस्वरूप पुस्तकालय के फाटकों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की.

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय. (फाइल फोटो: पीटीआई)

दिल्ली पुलिस ने कहा कि 35-40 छात्रों का एक समूह पुस्तकालय के बाहर बीते आठ जून को इकट्ठा हुआ था, जो महामारी के कारण छात्रों के लिए बंद है. उन्होंने गेट के सामने विरोध किया और गार्ड से लाइब्रेरी के गेट खोलने को कहा, लेकिन गार्ड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. छात्रों ने विरोधस्वरूप पुस्तकालय के फाटकों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की.

New Delhi: Delhi police vehicles are seen parked at admin block of JNU Campus in New Delhi, Monday, Jan. 13, 2020. A team of Delhi Police's Crime branch on Monday visited the Jawaharlal Nehru University and questioned three students, including Aishe Ghosh in connection with the January 5 violence on the varsity's campus. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI1_13_2020_000146B)
जेएनयू. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिन्होंने कथित तौर पर केंद्रीय पुस्तकालय में तोड़फोड़ की और परिसर में सुरक्षा गार्डों के साथ मारपीट की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि 35-40 छात्रों का एक समूह पुस्तकालय के बाहर इकट्ठा हुआ जो महामारी के कारण छात्रों के लिए बंद है.

उन्होंने गेट के सामने विरोध किया और गार्ड से लाइब्रेरी के गेट खोलने को कहा लेकिन गार्ड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. घटना मंगलवार आठ जून की सुबह करीब 10:40 बजे की है.

प्राथमिकी के अनुसार, विरोध कर रहे और पुस्तकालय में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लिए गार्ड ने क्विक रिस्पांस टीम को बुला लिया था.

एफआईआर में कहा गया, छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की और पुस्तकालय के गेट को लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. गेट का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. सुरक्षाकर्मियों ने हमले का विरोध किया और छात्रों को तीन प्रवेश द्वारों से प्रवेश नहीं करने दिया. उन्हें (छात्रों को) तब एक छोटा सा गेट मिला, उसका शीशा तोड़ा और पुस्तकालय में प्रवेश किया. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को लाइब्रेरी से निकाला.

पुलिस ने कहा कि छात्रों ने विरोध जारी रखा और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की. उन्होंने विरोध करके कोविड मानदंडों का उल्लंघन किया और पुस्तकालय के फाटकों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.

वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम, डीडीएमए अधिनियम, महामारी रोग अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

वहीं, छात्रों ने इस घटना के बारे में ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रशासन ने महामारी के दौरान पुस्तकालय को बंद कर दिया है. उन्होंने छात्रों के लिए केंद्रीय पुस्तकालय को तुरंत फिर से खोलने की मांग की.

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