झारखंड: आश्रयगृह में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और उत्पीड़न के मामले में जांच के आदेश

मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जमशेदपुर: झारखंड राज्य-पंजीकृत एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की जांच का आदेश दे दिया गया है, जबकि आश्रयगृह से 40 नाबालिग बच्चों को दूसरे आश्रयगृह में स्थानांतरित किया जा रहा है. एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

इस जांच का आदेश आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों की शिकायतों पर दर्ज की गई प्राथमिकी के मद्देनजर दिया गया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका लगभग चार साल से यौन उत्पीड़न किया जा रहा था और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था.

आश्रयगृह ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित था, जिसका संत टेरेसा द्वारा स्थापित सिस्टर्स ऑफ चैरिटी से कोई संबंध नहीं है.

यद्यपि जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार ने बताया कि उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसमें पुलिस, प्रशासन एवं सभी संबद्ध विभागों के अधिकारी शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से इस महिला आश्रयगृह के 40 अल्पवयस्क बच्चों को दूसरे आश्रय गृह में स्थानांतरित किया जा रहा है.

जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम तमिलवानन ने बताया कि दोनों नाबालिगों ने संचालक समेत अन्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी जांच हो रही है.

उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के टेल्को थानाक्षेत्र के ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ के संचालक हरपाल सिंह थापर, जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की, वार्डेन गीता देवी, उसके पुत्र आदित्य सिंह, टोनी डेविड समेत अन्य के खिलाफ उनके द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह की दो नाबालिग लड़कियों ने यौन शोषण एवं उत्पीड़न की प्राथमिकी दर्ज कराई है.

इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि नामजद आरोपियों के संभावित ठिकानों तक पहुंचने के लिए टेल्को थाने की पुलिस ने संचालक के करीबी पांच लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है.

वहीं, उपायुक्त ने बताया कि विवादित ट्रस्ट के संचालक समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज कराने वाली दोनों नाबालिग लड़कियां वापस मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट जाने को तैयार नहीं थीं.

उन्होंने बताया कि दोनों डरी-सहमी हुई हैं जिसके कारण दोनों को सरायकेला-खरसावां जिले की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया गया.

जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक एम. तमिल वानन ने बताया कि दोनों नाबालिगों ने संचालक समेत अन्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी जांच की जा रही है.

जमशेदपुर की बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की को मामले में नामजद आरोपी बनाये जाने के बाद तत्काल प्रभाव से पद से हटाये जाने की मांग को लेकर अनेक संगठनों ने उपायुक्त सूरज कुमार को मांग पत्र दिए हैं.

एनडीटीवी के मुताबिक, तमिल वानन ने बताया कि पीड़ित 16 और 17 साल की लड़कियों ने वीडियो रिकॉर्डेड बयान दिए हैं. इसके अलावा विशेष पॉक्सो कोर्ट में अपने बयानों में लगाए गए सभी आरोपों को दोहराया है.

लड़कियों ने कहा कि उन्हें आश्रयगृह में शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और थापर द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया गया.

सीडब्ल्यूसी प्रमुख ने कहा कि लड़कियों ने कहा कि वे पिछले चार वर्षों से बाल गृह में हैं. तिर्की से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. एसएसपी ने कहा कि पुलिस कुछ अन्य संदिग्धों की संलिप्तता को भी जांच रही है.

उन्होंने कहा कि पुलिस दोनों लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

तमिल वानन ने कहा कि पुलिस उन आरोपों की भी जांच कर रही है जिसमें कहा गया कि थापर और तिर्की सरकारी धन और निजी दान को अपने व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित करते थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, खरंगाझार के शमशेर टॉवर स्थित आश्रय गृह में दूसरी मंजिल पर दो कमरों में लड़कियां थीं, जबकि वार्डन अपनी बेटी और बेटे के साथ उसी मंजिल पर दूसरे कमरे में रहती थी.

जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ) सत्य ठाकुर ने बताया, ‘सरकार पंजीकृत मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट में 24 लड़कियां और 16 लड़कों सहित 40 बच्चे हैं. उन सभी की उम्र 18 साल से कम है, एक लड़की और एक लड़के की उम्र 20 साल है. उन्हें शुक्रवार तक बीके बाल कल्याण सिंह संचालित पटामदा आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया गया. मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट पिछले 10 वर्षों से चलाया जा रहा था.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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