अमेरिका के एफडीए ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी नहीं दी

अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक (एफडीए) ने भारत बायोटेक के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंज़ूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) पाने के लिए अनुरोध करे. ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंज़ूरी मिलने में थोड़ा और वक़्त लग सकता है.

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कोवैक्सीन. (फोटो साभार: ट्विटर/@DrSJaishankar)

अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक (एफडीए) ने भारत बायोटेक के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंज़ूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) पाने के लिए अनुरोध करे. ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंज़ूरी मिलने में थोड़ा और वक़्त लग सकता है.

कोवैक्सीन. (फोटो साभार: ट्विटर/@DrSJaishankar)
कोवैक्सीन. (फोटो साभार: ट्विटर/@DrSJaishankar)

हैदराबाद/नई दिल्ली: भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को झटका देते हुए अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक (एफडीए) ने इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूए) नहीं दी. नियामक ने भारत बायोटेक के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक (Ocugen) को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) मार्ग से अनुरोध करे.

ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंजूरी मिलने में थोड़ा और वक्त लग सकता है.

ओक्यूजेन ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि वह एफडीए की सलाह के अनुसार कोवैक्सीन के लिए बीएलए दाखिल करेगी.

बीएलए, एफडीए की ‘पूर्ण अनुमोदन’ व्यवस्था है, जिसके तहत दवाओं और टीकों की मंजूरी दी जाती है.

ओक्यूजेन ने कहा, ‘कंपनी अब कोवैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति (ईयूए) पाने की कोशिश नहीं करेगी. एफडीए ने मास्टर फाइल के बारे में ओक्यूजेन को प्रतिक्रिया दी है. यह सलाह दी गई है कि ओक्यूजेन को अपनी वैक्सीन के लिए ईयूए आवेदन के बजाय बीएलए अनुरोध दाखिल करना चाहिए. इसके साथ ही कुछ अतिरिक्त जानकारी और डेटा के लिए अनुरोध भी किया गया है.’

ओक्यूजेन ने कहा कि इसके चलते अमेरिका में कोवैक्सीन की पेशकश में देरी हो सकती है.

बीएलए अनुरोध के लिए जरूरी अतिरिक्त जानकारी को समझने के लिए ओक्यूजेन एफडीए के साथ चर्चा कर रही है. कंपनी का अनुमान है कि आवेदन की स्वीकृति के लिए एक अतिरिक्त नैदानिक परीक्षण के आंकड़ों की जरूरत होगी.

ओक्यूजेन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक शंकर मुसुनुरी ने कहा, ‘हालांकि हम अपने ईयूए आवेदन को अंतिम रूप देने के बेहद करीब थे, लेकिन एफडीए ने हमें बीएलए के जरिये अनुरोध करने की सलाह दी है. इससे ज्यादा वक्त लगेगा, लेकिन हम कोवैक्सीन को अमेरिका में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

भारत में बनी या विकसित हुई किसी भी वैक्सीन को कभी भी अमेरिका के एफडीए से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी या पूर्ण लाइसेंस नहीं मिला है.

इस बीच भारत बायोटेक ने कहा कि एक बार मंजूरी मिलने पर यह भारत में टीकों के नवाचार और विनिर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.

ओक्यूजेन ने हाल में घोषणा की थी कि उसे कनाडा में कोवैक्सीन के व्यावसायीकरण के लिए विशेष अधिकार मिले हैं और नियामक अनुमोदन के लिए हेल्थ कनाडा के साथ चर्चा की जा रही है.

बता दें कि कोवैक्सीन को भारत में तीन जनवरी 2021 को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद यह देश की दो सबसे प्रमुख वैक्सीन में से एक बन गई थी.

इससे पहले मार्च 2021 में एफडीए ने कहा था कि वह अमेरिका में मंजूरी के लिए वैक्सीन के आवेदनों पर विचार नहीं करेगा. हालांकि ओक्यूजेन के बयान से यह भरोसा आता है कि यह नियम कोवैक्सीन पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ओक्यूजेन पिछले साल से एफडीए के साथ इस पर चर्चा कर रहा है.

इसके विपरीत भारत की एक अन्य वैक्सीन कोवीशील्ड को यूरोप और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मंजूरी मिल चुकी है.

एफडीए के फैसले से हमारे टीकाकरण कार्यक्रम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा: सरकार

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति को खारिज करने के बीच भारत सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह फैसले का सम्मान करती है, लेकिन इसका भारत के टीकाकरण कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

कोवैक्सीन के आपात उपयोग की अनुमति को खारिज किए जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा, ‘प्रत्येक देश की अपनी नियामक प्रणाली होती है, जिसका भारत सम्मान करता है और उम्मीद करता है कि निर्माता जो कुछ भी करने की आवश्यकता है, उसे करके इसका पालन करने में सक्षम होंगे.’

उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक देश की अपनी नियामक प्रणाली होती है. कुछ मानदंड सामान्य हो सकते हैं, जबकि कुछ भिन्न हो सकते हैं, जिनका हम सम्मान करते हैं. हमारे देश की नियामक प्रणाली भी इसी तरह से निर्णय लेती है. वैज्ञानिक ढांचा समान है. ये विशेष रूप से उन देशों में वैज्ञानिक विचार हैं, जहां विज्ञान मजबूत है और हमारे लिए विनिर्माण मजबूत है.’

पॉल ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे निर्माता जो कुछ भी करने की आवश्यकता है, उसे करके इसका पालन करने में सक्षम होंगे. इसका हमारे कार्यक्रम पर स्पष्ट रूप से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम संतुष्ट हैं कि हमारे नियामक ने इसे मंजूरी दे दी है.’

बता दें कि ओक्यूजेन ने हाल में घोषणा की थी कि उसे कनाडा में कोवैक्सीन के व्यावसायीकरण के लिए विशेष अधिकार मिले हैं और नियामक अनुमोदन के लिए हेल्थ कनाडा के साथ चर्चा की जा रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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