मुस्लिम बुज़ुर्ग पर हमला: पीड़ित के साथ फेसबुक लाइव करने वाले सपा नेता दिल्ली से गिरफ़्तार

समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी ने धार्मिक कारणों से हमले का शिकार होने का दावा करने वाले 72 वर्षीय अब्दुल समद सैफ़ी के साथ फेसबुक लाइव वीडियो किया था. आरोप है कि उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी इलाके में चार युवकों ने सैफ़ी को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को मजबूर किया और उसकी दाढ़ी काटने के साथ उनके साथ मारपीट की.

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उम्मेद पहलवान इदरीशी. (फोटो: फेसबुक/Ummed Pahalwan Idrisi)

समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी ने धार्मिक कारणों से हमले का शिकार होने का दावा करने वाले 72 वर्षीय अब्दुल समद सैफ़ी के साथ फेसबुक लाइव वीडियो किया था. आरोप है कि उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी इलाके में चार युवकों ने सैफ़ी को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को मजबूर किया और उसकी दाढ़ी काटने के साथ उनके साथ मारपीट की.

उम्मेद पहलवान इदरीशी. (फोटो: फेसबुक/Ummed Pahalwan Idrisi)
उम्मेद पहलवान इदरीशी. (फोटो: फेसबुक/Ummed Pahalwan Idrisi)

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी इलाके में बुजुर्ग मुस्लिम से मारपीट से जुड़े मामले में समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी को शनिवार को गिरफ्तार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सपा नेता ने घटना के बाद पीड़ित बुजुर्ग के साथ एक फेसबुक लाइव किया था.

आरोप है कि सपा नेता ने धार्मिक कारणों से हमले का शिकार होने का दावा करने वाले बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी को वीडियो में यह कहने के लिए उकसाया था कि गाजियाबाद के लोनी इलाके में चार युवकों ने उन्हें ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को मजबूर किया और उसकी दाढ़ी काटने के साथ उनके साथ मारपीट की.

हालांकि ये आरोप पीड़ित बुजुर्ग ने घटना के बाद एक वीडियो जारी कर खुद लगाए थे.

गाजियाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लोनी बॉर्डर थाने में अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 16 जून से फरार उम्मेद पहलवान इदरीसी को शनिवार को दिल्ली से पकड़ा गया.

गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अमित पाठक ने संवाददाताओं को बताया, ‘दिल्ली में लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के पास से आरोपी उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद पुलिस की एक टीम ने पकड़ा. दिल्ली में गिरफ्तार किए जाने के बाद आगे कार्रवाई के लिए उन्हें यहां लाया जा रहा है.’

एक स्थानीय पुलिसकर्मी की शिकायत पर इदरीसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोप लगाया कि ‘अनावश्यक’ वीडियो बनाया था, जिसमें अब्दुल शमद सैफी अपनी आपबीती बताते हैं.

प्राथमिकी में कहा गया कि समाज में वैमनस्यता पैदा करने की मंशा से यह वीडियो बनाया गया और फेसबुक के अपने अकाउंट पर उन्होंने यह साझा किया.

उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच रंजिश बढ़ाने), 295 ए (जान-बूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी समूह की धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर किया गया अपमान) और 505 (शरारत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया.

सपा नेता के खिलाफ यह एफआईआर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ट्विटर इंक, ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया, न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’, पत्रकार मोहम्मद जुबेर, राणा अयूब, लेखक सबा नकवी के अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी और शमा मोहम्मद के खिलाफ सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक दिन बाद की गई थी.

साथ ही दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में अमित आचार्य नाम के व्यक्ति ने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें अभिनेत्री स्वरा भास्कर, ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी, द वायर की वरिष्ठ संपादक आरफा खानम शेरवानी, ट्विटर इंक, ट्विटर इंडिया और आसिफ खान का नाम है.

वहीं, अधिकारियों ने बताया कि 16 जून को जमावड़ा करते हुए कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने के लिए बुलंदशहर जिले में उनके और 100 अन्य लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार शाम को एक अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई है.

गौरतलब है कि 13 जून की शाम को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बुजुर्ग मुसलमान अब्दुल समद सैफी ने गाजियाबाद के लोनी इलाके में चार लोगों पर उन्हें मारने, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था.

15 जून को द वायर  ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मुस्लिम बुजुर्ग पर पांच जून को गाजियाबाद जिले के लोनी में उस समय हमला किया गया था, जब वह मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए जा रहे थे.

गाजियाबाद पुलिस ने दावा कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि आरोपी सैफी द्वारा बेचे गए एक ‘ताबीज’ से नाखुश थे और मामले में किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया है. दूसरी ओर पीड़ित सैफी के बड़े बेटे बब्बू ने द वायर को बताया कि उनके पिता हमलावरों में से किसी को नहीं जानते थे. उन्होंने कहा कि उनका पारिवारिक व्यवसाय बढ़ईगिरी का है और पुलिस का ताबीज का दावा गलत है.

इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी परवेश गुर्जर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि, एक स्थानीय अदालत ने सभी नौ आरोपियों को 17 अगस्त तक अंतरिम जमानत दे दी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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