यूपी क्षेत्र पंचायत चुनावः पुलिसकर्मी पर हमले के बाद भाजपा नेता समेत 126 लोगों के ख़िलाफ़ केस

उत्तर प्रदेश में बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली थी. प्रतापगढ़ ज़िले की थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में कथित फ़र्ज़ी मतदान को लेकर पुलिस पर किए गए पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में बीते 10 जुलाई की रात सपा के एक पूर्व विधायक सहित 161 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्‍या के प्रयास और मारपीट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटोः पीटीआई)

उत्तर प्रदेश में बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली थी. प्रतापगढ़ ज़िले की थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में कथित फ़र्ज़ी मतदान को लेकर पुलिस पर किए गए पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में बीते 10 जुलाई की रात सपा के एक पूर्व विधायक सहित 161 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्‍या के प्रयास और मारपीट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की कड़ी में बीते 10 जुलाई को संपन्न हुए क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान इटावा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रशांत कुमार प्रसाद को भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था. जिले के बरहपुरा में शनिवार को ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए भाजपा के एक नेता समेत 126 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

वहीं उन्नाव में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पर एक टीवी चैनल के पत्रकार को पीटने का आरोप लगा है. प्रतापगढ़ और सोनभद्र में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी हंगामा किया और तोड़फोड़ की. प्रतापगढ़ जिले में सपा के एक पूर्व विधायक समेत 161 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इटावा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रशांत कुमार प्रसाद के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद एफआईआर दर्ज की गई है.

दरअसल इस वीडियो में प्रसाद को कहते सुना जा सकता है कि भाजपा नेता बरहपुरा ब्लॉक के मतदान केंद्र के बाहर बम लेकर आए थे और उन्हें थप्पड़ भी मारा था.

बरहपुरा के स्टेशन हाउस ऑफिसर जितेंद्र कुमार शर्मा की शिकायत के आधार पर भाजपा नेता विमल भदौरिया और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

शिकायत के मुताबिक, ‘भाजपा नेता भदौरिया की अगुवाई में 100 से 125 लोगों ने बीते 10 जुलाई को दोपहर लगभग एक बजे बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया और मतदान केंद्र की ओर जाने की कोशिश की.’

शिकायत में कहा, ‘पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और आक्रामक हो गए और मारने के इरादे से पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. उन्होंने देशी पिस्तौल से गोलियां भी चलाईं और इस दौरान एसीपी को धक्का दिया गया, जिससे वे जमीन पर गिर गए और भाजपा नेता के साथ आए लोगों ने एसीपी को गालियां दीं.’

शिकायत के अनुसार, जब सीनियर सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो उन्हें अभी अपशब्द कहे गए और भाजपा नेता के साथ आए लोगों ने उनसे मारपीट की. हर तरफ अफरा-तफरी मच गई और कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई.

आरोपी और अन्य के खिलाफ दंगा करने और हत्या के प्रयास सहित कई मामलों में मामला दर्ज किया गया है.

बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में प्रसाद को कहते सुना जा सकता है. ‘सर ये लोग पत्थर लाए हैं. इन्होंने मुझे थप्पड़ भी मारा है. ये बम भी लाए हैं, भाजपा के लोग, विधायक और जिला प्रमुख हैं.’

शर्मा ने रविवार को कहा कि अन्य की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच जारी है.

इसी तरह सोनभद्र से मिली खबर के अनुसार, नगवां क्षेत्र पंचायत में भाजपा प्रत्याशी के चुनाव जीतने के बाद चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए सपा कार्यकर्ताओं ने बीते 10 जुलाई को जमकर बवाल किया, जिसमें पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत एक पुलिसकर्मी और रॉबर्ट्सगंज नगर पालिका के पूर्व प्रमुख घायल हो गए. उपद्रवियों द्वारा कुछ वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया.

पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि नगवां प्रखंड में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान एवं मतगणना हुई और उसके बाद भाजपा प्रत्याशी आलोक सिंह को विजयी घोषित किया गया, लेकिन उसके बाद सपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चक्का जाम करने का प्रयास किया और जमकर बवाल किया.

उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने जाम हटवाने का प्रयास किया तो उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया. जवाब में पुलिस ने भी लाठी भांजकर उपद्रवियों को खदेड़ा. इस घटना में क्षेत्राधिकारी (सदर) आशीष मिश्र और एक पुलिसकर्मी को चोट आई.

वहीं, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में खंड विकास समिति (बीडीसी) सदस्य के रिश्तेदार की हत्या के मामले में 10 जुलाई को एक थाना प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अशोक कुमार ने बताया कि बहराइच जिले में बीडीसी सदस्य के रिश्तेदार की हत्या के मामले में पुलिस अधीक्षक ने बीते 10 जुलाई को थाना प्रभारी व एक पुलिस आरक्षी को निलंबित कर दिया. मामले में अभी तक चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

हालांकि, मुख्य आरोपी की पत्नी भाजपा उम्मीदवार सरिता यज्ञसेनी क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव बड़े अंतर से जीत गई हैं.

कुमार ने बताया कि थाना खैरीघाट अंतर्गत दीनापुरवा गांव में महिला बीडीसी सदस्य यदुराई देवी को अगवा करने से रोकने पर उनके जेठ मायाराम (60) की शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी.

उन्‍नाव जिले में शनिवार को मियागंज क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद के चुनाव में मतदान के दौरान कुछ लोगों ने एक क्षेत्र पंचायत सदस्य को जबरदस्ती गाड़ी में खींचने का प्रयास किया तथा तभी मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उसे छुड़ाया. इस घटना को मौके पर मौजूद टीवी पत्रकारों ने कैमरे में कैद कर लिया.

आरोप है कि यह देखकर वहां पुलिस बल के साथ मौजूद मुख्‍य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने एक टीवी चैनल के पत्रकार को दौड़ाकर पकड़ा और उसे जमकर पीटा. इस घटना के बाद उपस्थित पत्रकारों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. पत्रकारों द्वारा प्रदर्शन की सूचना पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारी पत्रकारों को समझाने का प्रयास किया.

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट से शासन को अवगत कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि पत्रकार द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर कार्यवाही की जाएगी.

वहीं, प्रतापगढ़ जिले की थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में कथित फर्जी मतदान को लेकर पुलिस पर किए गए पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में बीते 10 जुलाई की रात सपा के एक पूर्व विधायक सहित 161 लोगों के खिलाफ नामजद व 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्‍या के प्रयास और मारपीट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है.

पुलिस उपाधीक्षक (क्षेत्राधिकारी) पट्टी दिलीप सिंह ने रविवार को बताया कि 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद की निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान समाजवादी पार्टी के समर्थकों और पूर्व विधायक राम सिंह पटेल आदि सैकड़ों की संख्या में लोगों ने फर्जी मत डालने का आरोप लगाते हुए पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी और मतपेटिका लूटने के इरादे के साथ अभद्रता, पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ की.

पुलिस ने थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह की तहरीर पर पटेल सहित 161 लोगों के खिलाफ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

बता दें कि बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के कम से कम 18 जिलों से हिंसा की सूचना मिली और इटावा में बरहपुरा ब्लॉक में पथराव और गोलीबारी हुई.

लखीमपुर खीरी जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसा में समाजवादी पार्टी से जुड़ीं दो महिलाओं के साथ कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दुर्व्यवहार किया गया.

इस दौरान समाजवादी पार्टी की ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार की महिला प्रस्तावक के साथ बदसलूकी की गई और उनकी साड़ी खींचने की कोशिश की गई थी.

इस मामले में छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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