छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- कांग्रेस आलाकमान के कहने पर पद छोड़ने को तैयार

छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कथित तौर पर ढाई साल में सत्ता साझा करने के फॉर्मूले की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए कोई भी समझौता गठबंधन सरकारों की विशेषता है, जबकि उनकी पार्टी के पास छत्तीसगढ़ में तीन चौथाई बहुमत है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव. (फेसबुक/tssinghdeosurguja)

छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कथित तौर पर ढाई साल में सत्ता साझा करने के फॉर्मूले की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए कोई भी समझौता गठबंधन सरकारों की विशेषता है, जबकि उनकी पार्टी के पास छत्तीसगढ़ में तीन चौथाई बहुमत है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव. (फेसबुक/tssinghdeosurguja)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कथित तौर पर ढाई साल में सत्ता साझा करने के फॉर्मूले की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को दोहराया कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें निर्देश देगा तो वह पद छोड़ देंगे.

दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात करने के बाद रायपुर हवाईअड्डे पर बघेल ने संवाददातओं से कहा, ‘मैं वीरभद्र सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए हिमाचल प्रदेश गया था. मार्च के अंत में कोविड महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप शुरू होने के बाद यह दिल्ली की मेरी पहली यात्रा थी. मैंने प्रियंका जी और पीएल पुनिया जी के साथ दिल्ली में औपचारिक बैठक की. पुनिया जी के साथ राज्य की राजनीति एवं विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा हुई.’

राज्य में कथित तौर पर बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने के संबंध में पूछे गए सवाल पर बघेल ने कहा, ‘आप यही सवाल बार-बार पूछ रहे हैं और हमेशा मेरा जवाब एक ही रहेगा कि पार्टी आलाकमान ने मुझे जिम्मेदारी दी है और अगर आलाकमान आदेश देगा तो मैं पद छोड़ दूंगा.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान को छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने पर निर्णय लेना अभी बाकी है, लेकिन बघेल ने रविवार को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति का संकेत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए कोई भी समझौता गठबंधन सरकारों की विशेषता है, जबकि उनकी पार्टी के पास छत्तीसगढ़ में तीन चौथाई बहुमत है.

इस बीच छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के करीबी सूत्रों ने कहा कि वे उनके अवसरों को लेकर आशान्वित हैं क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने अभी तक अपना मन नहीं बनाया है.

बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद सिंह देव मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे और अब फिर से दावेदार हैं.

सूत्रों के मुताबिक, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संकेत दिया था कि दिल्ली में रहने वाले दोनों नेता बघेल और सिंह देव पांच साल के कार्यकाल को समान रूप से साझा करेंगे, जिसमें बघेल पहली बार जाएंगे. हालांकि, पिछले महीने पद पर ढाई साल पूरे करने वाले बघेल ने इस तरह के किसी भी समझौते से बार-बार इनकार किया है.

संपर्क किए जाने पर बघेल की तरह ही सिंह देव ने भी सभी राज्यों में आलाकमान द्वारा फैसला लेने की बात कही.

बघेल और सिंह देव रविवार को एक साथ रायपुर लौटे. पिछले तीन वर्षों में उनके बीच लगातार खींचतान चलती रही है.

ग्रामीण क्षेत्रों में निजी स्वास्थ्य सेवा को सब्सिडी देने, अधिकारियों के परिवर्तन और शक्तियों पर प्रतिबंध और हाल में लेमरू हाथी रिजर्व के क्षेत्र उन प्रमुख मुद्दों में से हैं जिन पर उनमें मतभेद रहे हैं.

सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल योजना के प्रस्तावक स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने ग्रामीण क्षेत्रों में निजी स्वास्थ्य संगठनों के लिए मुख्यमंत्री की सब्सिडी की योजना का विरोध किया था.

प्रमुख अधिकारियों के मामले में राज्य के स्वास्थ्य सचिव को एक वर्ष से भी कम समय में तीन बार बदला गया है और वर्तमान में वह अधिकारी हैं, जिसके खिलाफ सिंह देव ने विपक्ष में रहते हुए शिकायत की थी.

वहीं, कोविड पर जहां सिंह देव 1,200 आईसीयू स्थापित करने के लिए फंड की मांग कर रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग को मुख्य सचिव के कार्यालय के माध्यम से जिला कलेक्टरों से संचार करने के लिए कहा गया है.

हाथी रिजर्व पर सिंह देव ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि वह क्षेत्र में कमी की मांग करने वालों में से नहीं थे जैसा कि मुख्यमंत्री द्वारा वन और पर्यावरण विभाग को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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