मिज़ोरम और असम के बीच सीमा विवाद बढ़ा, अतिक्रमण को लेकर तनाव गहराया

मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के उपायुक्त ने असम के कछार ज़िले के प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें असम सरकार के अधिकारियों और पुलिस द्वारा 10 जुलाई को सीमा पर गतिरोध के दौरान आदिवासी लोगों पर अत्याचार करने और मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है. वहीं, असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच 10 जुलाई को तनाव उस समय शुरू हुआ, जब मिज़ोरम के लगभग 25 से 30 लोगों ने असम के भीतर अतिक्रमण करने का प्रयास किया.

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(फाइल फोटो साभार: ट्विटर/@MidageM)

मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के उपायुक्त ने असम के कछार ज़िले के प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें असम सरकार के अधिकारियों और पुलिस द्वारा 10 जुलाई को सीमा पर गतिरोध के दौरान आदिवासी लोगों पर अत्याचार करने और मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है. वहीं, असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच 10 जुलाई को तनाव उस समय शुरू हुआ, जब मिज़ोरम के लगभग 25 से 30 लोगों ने असम के भीतर अतिक्रमण करने का प्रयास किया.

(फाइल फोटो साभार: ट्विटर/@MidageM)

आइजोल/सिलचर/गुवाहाटी: मिजोरम ने असम पर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया है, जिससे इनकार करते हुए असम की ओर से सोमवार को कहा गया कि उसकी भूमि पर अतिक्रमण किया गया जो पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का एक महत्वपूर्ण बिंदू है.

आइजोल में एक अधिकारी ने बताया कि मिजोरम के कोलासिब जिले के उपायुक्त एच. लालथांगलियाना ने असम के कछार जिले के प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसमें असम सरकार के अधिकारियों और पुलिस द्वारा 10 जुलाई को सीमा पर गतिरोध के दौरान आदिवासी लोगों पर अत्याचार करने और मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है.

उन्होंने बताया कि पत्र की प्रतियां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) को भी भेजी गई हैं.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह नेकहा कि एनएचआरसी और एनसीएसटी जब भी इस बारे में राज्य से कुछ पूछेंगे तो उसी के अनुसार जवाब दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘मूल मुद्दा यह है कि असम की भूमि पर मिजोरम ने कब्जा किया है. इसके बाद ही अन्य मुद्दे हैं, लेकिन मूल मुद्दा तो अतिक्रमण का है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘प्रत्येक राज्य की सीमा निर्धारित करने के लिए संवैधानिक व्यवस्था है और उन्होंने असम में अतिक्रमण किया है. उन्हें इस पर काम करना होगा.’

मिजोरम के कोलासिब जिले के उपायुक्त एच. लालथांगलियाना ने पत्र में कहा कि 10 जुलाई को असम से बुआरचेप तक सड़क निर्माण किया गया, लेकिन इसके लिए पहले से नोटिस नहीं दिया गया और पड़ोसी राज्य के अधिकारियों ने पुलिस के बल पर मिजो जनजाति के लोगों की फसलों को नष्ट कर दिया.

उन्होंने आरोप लगाया कि इसका विरोध करने के लिए जो आदिवासी लोग एकत्रित हुए, असम के हथियारबंद पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया.

उन्होंने कहा कि असम की सीमा पर स्थित बुआरचेप और सैहापुई ‘वी’ गांव तरफ सुरक्षा में तैनात मिजोरम पुलिसबलों ने 11 जुलाई तड़के लगभग 2.40 बजे दो विस्फोट की आवाज सुनी. मिजोरम में विस्फोटक पदार्थ कानून के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है.

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि 10 जुलाई को तनाव के हालात तब बने जब मिजोरम के 25-30 लोगों ने असम के भीतर जमीन पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने खुलीचेरा सीआरपीएफ कैंप से 25 मीटर आगे आकर असम के अंदर की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को सड़क निर्माण के काम से रोका.

अधिकारी ने कहा, ‘इसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पता चला कि महिलाओं सहित मिजो जनजाति के लोगों ने खुलीचेरा में मार्ग को बाधित किया है.’

उन्होंने कहा, ‘पचास से साठ लोगों की भीड़ थी. ठीक उसी समय मिजोरम पुलिस के एडिशनल एसपी रैंप के एक अधिकारी पहुंचे और उन्होंने मिजो लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा, लेकिन इसे नहीं हटाया गया.’

इसके बाद असम पुलिसकर्मियों ने लाउडस्पीकर से ऐलान किया कि असम की सीमाक्षेत्र में उनका इकट्ठा होना अवैध है और उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से चले जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारियों के प्रति अपना आक्रामक और अपमानजनक व्यवहार जारी रखा और उन्हें धारदार हथियारों से धमकाते रहे.

अधिकारी ने कहा, ‘इसके बाद असम पुलिसकर्मियों ने कम से कम बल के साथ अतिक्रमण की हुई जमीन को खाली कराने का फैसला किया.’

अधिकारी ने कहा, ‘परिणामस्वरूप धोलाखल खुलीचेरा तक अतिक्रमण हटाया गया और आगे से इस तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए वहां पर अस्थाई कैंप बनाया गया.’

उन्होंने कहा कि मिजोरम की ओर से संदिग्ध शरारती तत्वों द्वारा असम के सरकारी अधिकारियों पर ग्रेनेड तक फेंके गए, लेकिन इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ.

असम पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इसके बाद अगले दिन 11 जुलाई को मिजोरम की ओर से अंतरराज्यीय सीमा पर एक के बाद एक दो विस्फोट हुए.

उन्होंने कहा कि इन दोनों विस्फोट की आवाजें तड़के 2.40 बजे और 2:43 बजे पर सुनी गई.

दोनों राज्यों के बीच ताजा तनाव उस समय आया है, जब दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी सहित शीर्ष अधिकारियों ने तनाव को कम करने और विवाद को सुलझाने के लिए नई दिल्ली में मुलाकात की.

बता दें कि मिजोरम के कोलासिब, आइजोल और मामित जिले, असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.

कोलासिब जिले के उपायुक्त ने रविवार को बताया कि अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)

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