अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी विज्ञापनों पर ख़र्चे 160 करोड़ रुपये

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार इस समयावधि में विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ व क्षेत्रीय चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये मिले. जिन पांच हिंदी चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज़18 इंडिया, आज तक, इंडिया टीवी, जी न्यूज़ और रिपब्लिक भारत शामिल हैं.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@CMO UP)

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार इस समयावधि में विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ व क्षेत्रीय चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये मिले. जिन पांच हिंदी चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज़18 इंडिया, आज तक, इंडिया टीवी, जी न्यूज़ और रिपब्लिक भारत शामिल हैं.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@CMO UP)

ई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच टीवी समाचार चैनलों को विज्ञापनों के लिए 160.31 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिये प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि इस समयावधि के दौरान विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ रुपये, क्षेत्रीय समाचार चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये मिले.

आरटीआई आवेदन दायर करने वाले उमाशंकर दुबे का कहना है कि कोविड-19 महामारी के समय इस समयावधि के दौरान इतना अधिक खर्च चिंताजनक है.

2019-2020 के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार ने आरटीआई आवेदन के जवाब में बताया कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन के लिए 317 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, इस धनराशि का एक बड़ा हिस्सा नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा मई 2020 में शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रचार में खर्च किए गए.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सरकार के इस विज्ञापन खर्च से सबसे अधिक फायदा नेटवर्क18 समूह को हुआ. इस अवधि के दौरान नेटवर्क18 को विज्ञापन के लिए 28.82 करोड़ रुपये मिले. यह समूह सीएनए न्यूज18, न्यूज18 इंडिया, न्यूज18 यूपी-उत्तराखंड चैनल हैं. जी मीडिया समूह को विज्ञापन के लिए 23.48 करोड़ रुपये मिले जबकि एबीपी समूह को 18.19 करोड़ रुपये मिले. इंडिया टुडे समूह को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से विज्ञापन के लिए 10.64 करोड़ रुपये मिले.’

लखनऊ के स्थानीय निवासी और दूरदर्शन न्यूज के पत्रकार उमाशंकर दुबे ने आरटीआई आवेदन दायर किया था. उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन पर इतनी भारी राशि के खर्च होने पर चकित हैं.

उन्होंने बताया, ‘यह लोगों का पैसा है, जो करों के जरिये इकट्ठा किया गया. इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. कोविड के समय में अगर इसका इस्तेमाल राहत कार्यों के लिए किया जाता तो यह उपलब्धि होगी लेकिन विज्ञापनों पर खर्च करना कितना उचित है?’

रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार से विज्ञापन के लिए जिन पांच हिंदी न्यूज चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज18 इंडिया, आज तक, इंडिया टीवी, जी न्यूज और रिपब्लिक भारत हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि करोड़ों रुपयों के विज्ञापनों का समाचार चैनल की रिपोर्टिंग पर असर पड़ता है. न्यूज18 इंडिया के एंकर अमिष देवगन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साक्षात्कार लिया था, जिसमें उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर आदित्यनाथ  के संदिग्ध दावों को चुनौती नहीं दी और ना ही उनसे कोई कठिन सवाल पूछे.

रिपोर्ट में कहा गया कि यूपी सरकार की आलोचना करने वाले एनडीटीवी 24×7 और एनडीटीवी इंडिया जैसे चैनलों का विज्ञापन खर्च में कोई जिक्र नहीं है.

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