ऐसे आरोप हैं कि बीते 13 जुलाई को दिल्ली के एम्स से चेकअप कराकर वापस जेल लाए जा रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के वाहन को एक जगह रोका गया और चार लोगों की उनसे मुलाकात कराई गई. इस दौरान उनकी सुरक्षा की निगरानी डीएसपी शमशेर सिंह कर रहे थे. बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम राम रहीम सिंह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं.
चंडीगढ़ः बलात्कार और हत्या मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की लोगों से निजी मुलाकात कराने के मामले में सोमवार को हरियाणा सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को निलंबित कर दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल जांच के लिए जुलाई में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाए गए गुरमीत राम रहीम की कुछ लोगों से मुलाकात कराई गई थी.
इस दौरान डेरा प्रमुख की सुरक्षा की निगरानी डीएसपी शमशेर सिंह कर रहे थे, जिन्हें सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने आदेश में कहा, ‘हरियाणा के राज्यपाल ने डीएसपी शमशेर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि के दौरान उन्हें हरियाणा सिविल सेवा (जनरल) नियम 2016 के नियम 83 के तहत निर्वाह भत्ता दिया जाएगा. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय पंचकुला में डीजीपी हरियाणा का ऑफिस होगा और वह सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना पुलिस स्टेशन के बाहर नहीं जा सकेंगे.’
ऐसे आरोप हैं कि 13 जुलाई को डेरा प्रमुख की एम्स ले जाने के दौरान चार लोगों की उनसे मुलाकात कराई गई थी.
हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने कहा कि जब डेरा प्रमुख को 13 जुलाई को एम्स से चेकअप कराकर लाया जा रहा था तो एक जगह उनके वाहन को रोका गया और कुछ लोगों की उनसे मुलाकात कराई गई.
चौटाला ने कहा, ‘जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.’
बता दें कि नवंबर 2020 में ऐसी खबरें आई थीं कि गुरमीत को गुपचुप तरीके से एक दिन की पैरोल दी गई थी.
हरियाणा जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने उस समय कहा था कि वह इस मामले से वाकिफ थे, लेकिन यह ऐसी जानकारी नहीं थी, जिसे साझा करने की जरूरत थी.
उन्होंने डेरा प्रमुख को एक दिन की पैरोल दिए जाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि 24 अक्टूबर 2020 को दी गई एक दिन की पैरोल कानून के अनुरूप दी गई, ताकि वह गुड़गांव अस्पताल में भर्ती अपनी बीमार मां से मिल सकें.
उन्होंने कहा, ‘वह (गुरमीत) अस्पताल में भर्ती अपनी बीमार मां से मिलने गए थे. जमानत (पैरोल) के लिए कानूनी प्रावधान है कि अगर कोई आपात स्थिति में है तो कैदी को पैरोल दी जा सकती है. वह पुलिस की कस्टडी में अस्पताल गए थे. कई और कैदी भी हैं, जिन्हें पैरोल मिलती है. हम पैरोल के लिए बनाया गया कानून कैसे बदल सकते हैं?’
बलात्कार मामले के अलावा डेरा प्रमुख सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के भी दोषी हैं.
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जेल अधीक्षक के पास किसी तरह की आपात स्थिति में कैदी को 21 दिनों के लिए पैरोल देने का अधिकार है. अधिकारी के मुताबिक, ‘गुरमीत के बेटे जसमीत की याचिका के बाद ही उन्हें पैरोल दी गई थी.’