कालिखो द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कराए केंद्र: अरुणाचल सरकार

हालांकि​ राज्य सरकार ने कालिखो पुल की ओर से अपने सुसाइड नोट में वरिष्ठ नेताओं और राजनीतिज्ञों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया.

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हालांकि राज्य सरकार ने कालिखो पुल की ओर से अपने सुसाइड नोट में वरिष्ठ नेताओं और राजनीतिज्ञों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को गलत और पूरी तरह से बेबुनियाद बताया.

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अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल. (फाइल फोटो: पीटीआई)

मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सीएम ने द वायर की आठ फरवरी की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कहा कि जिस न्यूज़ पोर्टल ने ‘मेरे विचार’ की स्कैन कॉपी को अपलोड किया था, जिसमें कुछ नामों को छिपाया गया है. इसे पोर्टल से डाउनलोड कर लिया गया है.

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल द्वारा अपने सुसाइड नोट ‘मेरे विचार’ में वरिष्ठ नेताओं, सरकारी और न्यायालय के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं.

इस बैठक में पुल की मौत पर दुख व्यक्त किया गया. हालांकि की भ्रष्टाचार के आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया गया. कहा गया कि इसका कोई पुख़्ता सुबूत नहीं है. बिना किसी पूर्वाग्रह के यह मामला ईटानगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के यहां विचाराधीन है. किसी उचित एजेंसी से जांच करवाने का निर्देश देने के लिए मामले को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जाएगा.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस नोट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) सुरेंद्र कुमार राय की शिकायत के आधार पर मामले में ईटानगर ने केस दर्ज किया गया है.

कैबिनेट के अनुसार, मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जिसमें ‘मेरे विचार’ की पांच कॉपी भी शामिल है, इसे मजिस्ट्रेट ने सीज़ किया था. मजिस्ट्रेट ने इन दस्तावेज़ों को पिछले साल 10 अगस्त को एक सीलबंद लिफाफे में ईटानगर पुलिस को जांच के लिए सौंपा था.

बैठक में यह भी कहा गया कि पुल के सुसाइड नोट में इस बात का ज़िक्र नहीं कि उन्होंने ख़ुदकुशी क्यों की. पुल ने इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. इसके बाद पुलिस इन कागज़ातों को वापस सीलबंद करके सीजेएम के पास जमा करा दिया था. अब मामला सीजेएम कोर्ट में है.

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अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की पहली पत्नी दांगविम्साई पुल अपने बेटे के साथ शुक्रवार को द वायर के दफ्तर आई थीं. (फोटो: हिना फ़ातिमा)

आठ फरवरी को द वायर पर कालिखो पुल का सुसाइड नोट प्रकाशित होने के बाद उनकी पहली पत्नी दांगविम्साई पुल ने ईटानगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी. साथ ही मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चावना मेन से भी इस्तीफा देने की उनकी मांग है.

17 फरवरी को पुल की पत्नी ने मुख्य न्यायाधीश से मामले का संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए आगे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है. दांगविम्साई पुल ने आरोप लगाया कि उन्हें जांच की मांग करने की वजह से धमकियां मिल रही हैं.

अब मुझे मोदीजी ही इंसाफ़ दिला सकते हैं: दांगविम्साई पुल

द वायर से बातचीत में उन्होंने बताया कि कालिखो के सुसाइड नोट को कुछ लोग उनकी आत्मकथा मान रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि ईटानगर पुलिस ने कालिखो के परिवार की शिकायत पर नहीं बल्कि उनके पीएसओ की शिकायत पर मुकदमा दर्ज़ किया है.

वे आगे कहती हैं, हमने मामले को लेकर ईटानगर पुलिस को नौ अगस्त को एक पत्र लिखा था लेकिन बाद में पता चला कि रिकॉर्ड में यह पत्र 11 अगस्त को मिला, ऐसा दर्ज़ किया गया है. इसके एक दिन बाद उनके पीएसओ की शिकायत पर केस दर्ज़ किया जाता है.

फिलहाल दांगविम्साई दिल्ली में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिशों में लगी है ताकि मामले की जांच आगे बढ़े और उन्हें न्याय मिल सके. दांगविम्साई कहती हैं, ‘केंद्र और अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं. मोदीजी ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात कही है. उन्हें इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. अब मुझे सिर्फ मोदी जी ही इंसान दिला सकते हैं.