छत्तीसगढ़: पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता का शव घर में फंदे से लटका मिला

राजनांदगांव ज़िले के खुज्जी से तीन बार के विधायक राजिंदर पाल सिंह भाटिया छत्तीसगढ़ के गठन के बाद भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में परिवहन मंत्री थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 72 वर्षीय भाटिया का शव छुरिया स्थित उनके आवास पर लटका पाया गया. पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है कि घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला है या नहीं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

राजनांदगांव ज़िले के खुज्जी से तीन बार के विधायक राजिंदर पाल सिंह भाटिया छत्तीसगढ़ के गठन के बाद भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में परिवहन मंत्री थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 72 वर्षीय भाटिया का शव छुरिया स्थित उनके आवास पर लटका पाया गया. पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है कि घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला है या नहीं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राजिंदर पाल सिंह भाटिया का शव रविवार को राजनांदगांव जिले में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला. पुलिस को संदेह है कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 72 वर्षीय भाटिया का शव छुरिया स्थित उनके आवास पर लटका पाया गया. पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है कि घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला है या नहीं.

भाजपा नेताओं के अनुसार, इस साल मार्च में भाटिया कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और ठीक होने के बाद भी उनकी सेहत अच्छी नहीं थी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाटिया अपने छोटे भाई और अपने परिवार के साथ रहते थे. रविवार को वह घर में अकेले थे और जब परिवार के सदस्य लौटे तो उन्होंने उसे अपने कमरे में पंखे से लटका पाया.

पुलिस ने कहा, ‘हम परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ कर रहे हैं.’

राजनांदगांव के खुज्जी से तीन बार के विधायक भाटिया राज्य के गठन (2003-2008) के बाद रमन सिंह की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में परिवहन मंत्री थे.

पार्टी नेताओं ने कहा कि साल 2013 में उन्होंने विधानसभा टिकट न मिलने के कारण पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया था और राज्य चुनावों के दौरान खुज्जी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे. हालांकि, बाद में वह फिर से पार्टी में शामिल हो गए थे.

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की कुछ साल पहले मौत हो गई थी और उनके इकलौते बेटे जगजीत सिंह भाटिया रायपुर के एक निजी अस्पताल के प्रबंधन में शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)