पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रोम में विश्व शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. बनर्जी इस कार्यक्रम में आमंत्रित एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि हैं. विदेश मंत्रालय ने यह कहते हुए उन्हें रोम जाने की मंज़ूरी नहीं दी कि यह कार्यक्रम किसी राज्य के मुख्यमंत्री के शामिल होने के दर्जे के अनुरूप नहीं है.
कोलकाताः केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रोम यात्रा की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. बनर्जी अगले महीने रोम में होने जा रहे विश्व शांति सम्मेलन में भाग लेने वाली थीं.
यह सम्मेलन अगले महीने छह और सात अक्टूबर को रोम के वेटिकन सिटी में होने जा रहा है, जिसके लिए इटली की सरकार ने आधिकारिक रूप से बनर्जी को आमंत्रित किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार की मनाही के बाद 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के प्रचार के मौके पर बनर्जी ने कहा, ‘आप (केंद्र) मुझे कितनी जगहों पर जाने नहीं देंगे. आप हमेशा के लिए मुझे नहीं रोक सकते.’
There was a meeting on world peace in Rome,where I was invited. German Chancellor, Pope (Francis) are also supposed to attend. Italy had given special permission for me to attend, yet Centre denied clearance, saying it wasn't right for CM: WB CM Mamata Banerjee in Kolkata pic.twitter.com/LFvePbBnr9
— ANI (@ANI) September 25, 2021
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने यह कहते हुए बनर्जी को रोम जाने की मंजूरी नहीं दी कि यह कार्यक्रम किसी राज्य के मुख्यमंत्री के शामिल होने के दर्जे के अनुरूप नहीं है.
विश्व शांति सम्मेलन का आयोजन रोम में छह और सात अक्टूबर को होगा. इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के साथ पोप फ्रांसिस इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इस दौरान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी मौजूद रहेंगी.
बता दें कि ममता बनर्जी भारत से एकमात्र नेता हैं, जिन्हें इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्हें इस सम्मेलन को संबोधित भी करना था.
हालांकि, विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बिना वह इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर सकतीं.
इटली की सरकार ने बनर्जी को आमंत्रित करते हुए हालिया पश्चिम बंगाल चुनाव में उनकी महत्वपूर्ण जीत, सामाजिक न्याय, विकास और शांति की दिशा में उनके महत्वपूर्ण काम का उल्लेख भी किया है.
बनर्जी ने कहा, ‘कई मुख्यमंत्रियों ने इस तरह के निमंत्रण का सम्मान करते हुए विदेश मंत्रालय से मंजूरी नहीं ली थी, लेकिन मैंने हमेशा हमारे देश की विदेश नीतियों के अनुरूप काम किया है. मैंने यात्रा के लिए मंजूरी मांगी, लेकिन मुझे मना कर दिया गया. इस कार्यक्रम में आमंत्रित मैं एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि हूं. एक मुस्लिम धर्मगुरु और ईसाई प्रचारक को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. मैं एकमात्र शख्स हूं, जो हिंदू समुदाय से है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ मानवतावाद में विश्वास करती हूं. अगर मुझे यात्रा करने की मंजूरी मिली होती तो मैं वहां बताती कि किस तरह भारत के हर समुदाय के लोगों में शांति और सद्भाव है.’ ‘’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, वल्लभभाई पटेल और अन्य नेताओं के बारे में बात करती, लेकिन उन्होंने (केंद्र) मुझे ऐसा करने की मंजूरी नहीं दी. वे मुझे रोकना चाहते हैं. मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वे कितनी देर तक मुझे रोकेंगे? आप मुझे अन्य जगहों पर जाने से नहीं रोक सकते. आप मुझे हमेशा के लिए नहीं रोक सकते.’
Central government denied permission for Didi's Rome trip!
Previously they've cancelled the permission of China trip too. We accepted that decision with keeping international relations and India's interests in mind.
Now why Italy Modi ji? What is your problem with Bengal? Chi!
— Debangshu Bhattacharya Dev (@ItsYourDev) September 25, 2021
इस घटनाक्रम पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता देवांग्शु भट्टाचार्य ने ट्वीट कर कहा, ‘केंद्र सरकार ने दीदी को रोम यात्रा की मंजूरी नहीं दी. पहले भी केंद्र ने चीन दौरे की मंजूरी नहीं दी थी. हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उस फैसले को स्वीकार कर लिया, लेकिन अब इटली क्यों मोदी जी? आपको बंगाल से क्या दिक्कत है? छी.’
तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के पंचायती राज मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह केंद्र सरकार का अशोभनीय व्यवहार है. उन्होंने शिष्टाचार की सभी सीमाएं पार कर दी है.’
रिपोर्ट के अनुसार, इटली सरकार ने बनर्जी से बिना किसी प्रतिनिधि के सम्मेलन में शिरकत करने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री बनर्जी ने तब इस दौरे के लिए एक उद्योग प्रतिनिधिमंडल का प्रस्ताव रखा और विदेश मंत्रालय से इसकी मंजूरी मांगी, लेकिन मंत्रालय ने यात्रा की मंजूरी नहीं दी.
वहीं, मामले पर भाजपा प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य का कहना है, ‘यह फैसला विदेश मंत्रालय ने लिया है. इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल होने की मंजूरी देने के लिए मंत्रालय के अपने मापदंड हैं. भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है इसलिए इस फैसले में राजनीति मत ढूंढिए.’