उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार: जितिन प्रसाद समेत सात नए मंत्रियों ने ली शपथ

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसे समय में किया गया है, जब विधानसभा चुनाव में बमुश्किल पांच महीने रह गए हैं. बीते जून महीने में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के अलावा पलटू राम, धर्मवीर सिंह, छत्रपाल सिंह गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक ने शपथ ली. प्रसाद को कैबिनेट मंत्री, जबकि अन्‍य को राज्‍य मंत्री का पद दिया गया है.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटोः पीटीआई)

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसे समय में किया गया है, जब विधानसभा चुनाव में बमुश्किल पांच महीने रह गए हैं. बीते जून महीने में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के अलावा पलटू राम, धर्मवीर सिंह, छत्रपाल सिंह गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक ने शपथ ली. प्रसाद को कैबिनेट मंत्री, जबकि अन्‍य को राज्‍य मंत्री का पद दिया गया है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और कांग्रेस के पूर्व वरिष्‍ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद समेत सात मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित समारोह में जितिन प्रसाद, पलटू राम, धर्मवीर सिंह, छत्रपाल सिंह गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक को मंत्री पद की शपथ दिलाई.

इस दौरान जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री, जबकि अन्‍य को राज्‍यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. पूर्व में केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री रह चुके जितिन प्रसाद बीते जून महीने में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.

जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश के एक ब्राह्मण परिवार से आते हैं और भाजपा में शामिल होने से पहले तक वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की ओर से इंचार्ज थे. जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं, जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं.

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया, लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली.

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

 

बता दें कि प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसे समय में किया गया है, जब राज्य विधानसभा चुनाव में बमुश्किल पांच महीने रह गए हैं.

इस मंत्रिमंडल विस्तार से पहले प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री समेत 23 कैबिनेट मंत्री, नौ स्‍वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 21 राज्य मंत्री थे.

राज्य विधानसभा में सदस्‍यों की संख्‍या 403 है, ऐसे में नियमानुसार 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व सिर्फ 53 मंत्री थे और सात पद खाली थे, जिन्हें आज भरा गया.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच जून महीने में भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने कहा था कि कई पद खाली पड़े हैं और यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेषाधिकार है कि वह जब चाहें इन पदों को भरें.

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि पार्टी राज्य में सत्ता में लौटने के लिए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी.

यह पूछने पर कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर होगी या मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ त्रिकोणीय मुकाबला होगा, शर्मा ने कहा, ‘भाजपा बहुमत से जीतेगी.’

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 403 सीटों में से 312 सीटों पर जीत हासिल की थी. उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने नौ सीटें जीती थीं।

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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