जम्मू कश्मीर: श्रीनगर में दो सरकारी शिक्षकों की गोली मारकर हत्या

पिछले तीन दिनों में कश्मीर में नागरिकों की हत्या की यह पांचवीं घटना है, जिनमें से चार श्रीनगर में ही हुईं. बीते पांच अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी पेशे से केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

पिछले तीन दिनों में कश्मीर में नागरिकों की हत्या की यह पांचवीं घटना है, जिनमें से चार श्रीनगर में ही हुईं. बीते पांच अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी पेशे से केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के ईदगाह इलाके में बृहस्पतिवार को आतंकवादियों ने सरकारी स्कूल के दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने यह जानकारी दी.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘दिन में करीब सवा 11 बजे आंतकवादियों ने श्रीनगर जिले के संगम ईदगाह इलाके में दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी.’

उन्होंने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की तलाश शुरू की गई है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मृतकों की पहचान बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाध्यापक सतिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि पीड़ितों को स्कूल के अंदर बहुत नजदीक से (पॉइंट ब्लैंक रेंज) से गोली मारी गई थी.

पिछले तीन दिनों में कश्मीर में नागरिकों की हत्या की यह पांचवीं घटना थी, जिनमें से चार श्रीनगर में ही हुईं.

यह घटना जम्मू कश्मीर में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा हमलों की शृंखला में बीते पांच अक्टूबर को एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी पेशे से केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू सहित तीन लोगों के मारे जाने के बाद आया है.

पुलिस ने कहा कि श्रीनगर में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता वीरेंद्र पासवान, जो बिहार के रहने वाले थे और बांदीपोरा में एक टैक्सी स्टैंड एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी लोन भी मारे गए थे.

ये हमले संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा हत्याओं में हुई वृद्धि का हिस्सा हैं. श्रीनगर में बीते दो अक्टूबर को दो अन्य नागरिकों को गोली मारने के बाद सुरक्षा को चौकस कर दिया गया था.

जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों, विशेष रूप से कश्मीर घाटी के अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों की लक्षित हत्या का उद्देश्य भय का माहौल बनाना और सदियों पुराने सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना है.

उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में बीते कुछ दिनों से आम नागरिकों को निशाना बनाने की घटनाएं बर्बर हैं. निर्दोष लोग जो समाज के लिए काम कर रहे हैं और जिनका किसी से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. यह डर का माहौल बनाने और इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश है, ताकि कश्मीर में सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाया जा सके.’

इस घटना को लेकर जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने हत्या की निंदा की.

पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘श्रीनगर में दो शिक्षकों की हत्या की भयानक खबर सामने आ रही है. मौत का ये नाच कब खत्म होगा. क्या अब ‘सामान्य स्थिति’ के खोखले नारे लगाना बंद कर देगा प्रशासन? परिवारों के साथ गहरी संवेदना.’

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘कश्मीर में बिगड़ती स्थिति को देखकर परेशान हूं, जहां एक अल्पसंख्यक समुदाय नया लक्ष्य है. नया कश्मीर बनाने के भारत सरकार के दावों ने वास्तव में इसे नरक में बदल दिया है. इसका एकमात्र हित कश्मीर को अपने चुनावी हितों के लिए दुधारू गाय के रूप में इस्तेमाल करना है.’

नेशनल कॉन्फ्रेंस की नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘श्रीनगर से एक बार फिर चौंकाने वाली खबर आ रही है. निशाना बनाकर फिर से हत्याएं की गई है. इस बार शहर के ईदगाह इलाके के एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों की हत्या की गई है. आतंक के इस अमानवीय कृत्य की निंदा के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं. मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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