कश्मीर: नागरिकों की हत्या की निंदा करते हुए विपक्ष ने सुरक्षा विफलता के लिए केंद्र पर निशाना साधा

जम्मू कश्मीर में बीते पांच दिनों सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 2021 में अब तक 28 नागरिकों की हत्या की है. अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 71 सुरक्षा बलों पर और 26 नागरिकों पर हुए हैं.

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Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू-कश्मीर (फाइल फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर में बीते पांच दिनों सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 2021 में अब तक 28 नागरिकों की हत्या की है. अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 71 सुरक्षा बलों पर और 26 नागरिकों पर हुए हैं.

Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू-कश्मीर (पोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को कश्मीर घाटी में नागरिकों की लक्षित हत्या की निंदा की और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुरक्षा देने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद न तो नोटबंदी करने से रुका और न ही अनुच्छेद 370 हटाने से रुका.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कश्मीर में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आतंकवाद न तो नोटबंदी से रुका न धारा 370 हटाने से- केंद्र सरकार सुरक्षा देने में पूरी तरह असफ़ल रही है.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमारे कश्मीरी भाई-बहनों पर हो रहे इन हमलों की हम कड़ी निंदा करते हैं व मृतकों के परिवारों को शोक संवेदनाएं भेजते हैं.’

राहुल गांधी ने यह टिप्पणी कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा दो शिक्षकों की हत्या किए जाने की पृष्ठभूमि में की है.

मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों पर बढ़े हमलों के बीच श्रीनगर के ईदगाह इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों ने एक महिला प्रधानाध्यापक समेत सरकारी विद्यालय के दो शिक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी.

पिछले पांच दिनों में घाटी में सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह की हत्या शहर में हुई है. मृतकों में से चार लोग अल्पसंख्यक समुदाय से थे.

बीते पांच अक्टूबर को एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी पेशे से केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू सहित तीन लोगों के मारे जाने के बाद आया है.

श्रीनगर में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता वीरेंद्र पासवान, जो बिहार के रहने वाले थे और बांदीपोरा में एक टैक्सी स्टैंड एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी लोन भी मारे गए थे.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आतंकवादियों ने 2021 में अभी तक 28 नागरिकों की हत्या की है.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं.  इनमें 71 सुरक्षा बलों पर हुए और 26 नागरिकों पर.

कांग्रेस ने भी आतंकवादियों द्वारा सात आम नागरिकों की हत्या किए जाने को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार कश्मीरी पंडितों तथा अन्य समुदायों की रक्षा करने में विफल रही है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘कश्मीर के आतंकी हमले में हुई हत्याएं बेहद दुखदायी व हृदयविदारक हैं. मोदी सरकार देश में वोट तो कश्मीरी पंडितों की रक्षा की दुहाई देकर बटोरती है पर उन्हें सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है. पाक समर्थित आतंकवाद पर कब क़ाबू पाएगी छद्म राष्ट्रवादी भाजपा सरकार?’

वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दोनों शिक्षकों की हत्या को ‘दिल दहला देने वाला’ करार दिया. भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने पूछा, ’56 इंच का सीना पीटने वाले चुप क्यों हैं?’

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी घटना की निंदा की.  अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘श्रीनगर से फिर से चौंकाने वाली खबर आ रही है. एक और लक्षित हत्या का श्रृंखला, इस बार शहर के ईदगाह इलाके के एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों की हत्या.’

उन्होंने कहा, ‘आतंक के इस अमानवीय कृत्य के लिए निंदा के शब्द पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.’

जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि इस पर विचार करने की जरूरत है कि जमीनी खुफिया सेवाएं विफल हो गई हैं या दुश्मन और मजबूत और अधिक संगठित हो गया है.

केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से राजनीतिक गतिविधियों की अगुवाई कर रहे बुखारी ने यह भी चेतावनी दी कि ‘जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के लाने में और देरी हमें केवल तबाही की ओर ले जाएगी, जिसे शुरुआत हमें दिखने लगी है.’

बुखारी ने कहा, ‘मेरा सिर शर्म से झुक जाता है. मुझे नहीं पता कि बिंद्रू के परिवार का सामना कैसे करना है. मुझे विक्रेता (वीरेंद्र पासवान) या बांदीपुर में मारे गए व्यक्ति का सामना नहीं करना है. यह केवल अमानवीय है.’

वहीं, घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि कश्मीर में पिछले पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ बाहरी लोगों को एक नई आतंकवादी कार्य योजना के तहत निशाना बनाया जा रहा है. इस नई चुनौती से निपटने के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को तुरंत अपनी सुरक्षा रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है.’

इस बीच, श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने कहा कि हमलों के पीछे पाकिस्तान समर्थित तत्व हैं. सभी समुदायों से एक साथ खड़े होने की अपील करते हुए मट्टू ने कहा, ‘कश्मीर सभी धार्मिक विश्वासों के लोगों का है.’

निर्दोष लोगों की हत्याएं सीमापार आतंकवाद की चिंताओं को रेखांकित करते हैं: विदेश मंत्रालय

जम्मू कश्मीर में निर्दोष लोगों की ‘लक्षित हत्याओं’ की निंदा करते हुए विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इन हत्याओं ने सीमापार आतंकवाद को लेकर उसकी चिंताओं को रेखांकित किया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है. यह लक्षित हत्याएं हैं. हम सीमा पार आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम अपने सहयोगियों के साथ सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करते रहे हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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