छत्तीसगढ़: कवर्धा हिंसा मामले में भाजपा सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे व कई नेताओं पर केस दर्ज

पुलिस ने बताया कि 5 अक्टूबर को प्रशासन की अनुमति के बिना कवर्धा में दक्षिणपंथी संगठनों की रैली में हुई हिंसा के मामले में राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और कुछ अन्य पार्टी नेताओं समेत कम से कम एक हज़ार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

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5 अक्टूबर को कवर्धा में हुई रैली में भाजपा सांसद संतोष पांडेय (फोटो साभार: ट्विटर/@santoshpandey44)

पुलिस ने बताया कि 5 अक्टूबर को प्रशासन की अनुमति के बिना कवर्धा में दक्षिणपंथी संगठनों की रैली में हुई हिंसा के मामले में राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और कुछ अन्य पार्टी नेताओं समेत कम से कम एक हज़ार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

5 अक्टूबर को कवर्धा में हुई रैली में भाजपा सांसद संतोष पांडेय (फोटो साभार: ट्विटर/@santoshpandey44)

कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

रिपोर्ट के अनुसार, शहर के लोहारा चौक में लगे धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर दो समुदायों के लोग तीन अक्टूबर को आपस में भिड़ गए थे. घटना के विरोध में दक्षिणपंथी संगठनों ने कर्फ्यू के बीच मंगलवार पांच अक्टूबर को लगभग 3,000 लोगों की एक रैली निकाली थी. इस रैली के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी.

कवर्धा जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, राज्य में भाजपा के सचिव विजय शर्मा और कुछ अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

इन भाजपा नेताओं ने कथित रूप से रैली में हिस्सा​ लिया था. संतोष पांडेय ने इसकी तस्वीरें अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा की थीं.

जिला प्रशासन ने मंगलवार को रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस रैली में लोगों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते हुए मुस्लिमों के घरों और वाहनों को निशाना बनाया और पुलिस पर पत्थर बरसाए. घटना में पुलिकर्मियों समेत एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे.

कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि रविवार को कवर्धा शहर में धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर दो समुदायों के बीच हुई झड़प के दो दिन बाद मंगलवार को हुई हिंसा के संबंध में कुछ भाजपा नेताओं सहित कम से कम एक हजार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

गर्ग ने बताया कि हिंसा और झड़प की दोनों घटनाओं के सिलसिले में अब तक 93 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 24 जिले से बाहर के हैं.

उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच के आधार पर सांसद पांडेय, अभिषेक सिंह और विजय शर्मा के खिलाफ दंगा भड़काने और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गर्ग ने मीडिया से यह भी कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एफआईआर की प्रति साझा नहीं की जा रही है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है. घटना की सीसीटीवी फुटेज को देखा जा रहा है, जिसके आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. संवाददाता सम्मेलन में जिलाधिकारी रमेश शर्मा भी मौजूद थे.

दोनों अधिकारियों ने कहा कि शहर में अब स्थिति शांतिपूर्ण है और शनिवार को कर्फ्यू में ढील दी जाएगी, लेकिन शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.

इस बीच, भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर कवर्धा घटना की न्यायिक जांच की मांग की है.

राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में भाजपा ने कहा, ‘कवर्धा (कबीरधाम) जिला शुरू से राजनीतिक और सामाजिक सौहार्द्र का केंद्र रहा है. विगत दो-तीन वर्षों से एक स्थान विशेष (लोहारा चौक) में जान-बूझकर सामाजिक सौहार्द्र और समरसता बिगाड़ने की कोशिश हो रही है.’

ज्ञापन में कहा गया है, ‘हाल में जो अप्रिय घटना घटित हुई है, उसके समाधान के लिए प्रशासन ने शांति पूर्वक चर्चा कर हल नहीं निकाला, बल्कि एक वर्ग विशेष के लोग हथियार लेकर घूमते रहे और पथराव करते रहे. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.’

भाजपा ने राज्यपाल से घटना की न्यायिक जांच कराने, जेल में बंद लोगों की रिहाई कराने तथा घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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