दो से 18 साल तक के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी देने की सिफ़ारिश

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने दो साल से 18 साल तक के बच्चों एवं किशोरों में इस्तेमाल के लिए कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है. कंपनी ने इसके सत्यापन तथा आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी के लिए इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को आंकड़े सौंप दिए थे.

/
(फोटो: पीटीआई)

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने दो साल से 18 साल तक के बच्चों एवं किशोरों में इस्तेमाल के लिए कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है. कंपनी ने इसके सत्यापन तथा आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी के लिए इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को आंकड़े सौंप दिए थे.

कोवैक्सिन. (फोटो साभार: फेसबुक/bharatbiotech)

नयी दिल्लीः कोविड-19 वैक्सीन पर विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण से दो से 18 साल तक के बच्चों एवं किशोरों को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में भारत बायोटेक का ‘कोवैक्सीन’ टीका लगाने की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है. स्वास्थ्य सूत्रों ने यह जानकारी दी.

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने दो साल से 18 साल तक के बच्चों एवं किशोरों में इस्तेमाल के लिए कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है.

कंपनी ने इसके सत्यापन तथा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को आंकड़े सौंप दिए थे.

कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने आंकड़ों की समीक्षा की और आपात मंजूरी के आवेदन पर सोमवार को विचार-विमर्श किया.

एसईसी ने अपनी सिफारिशों में कहा, ‘समिति ने विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद कुछ शर्तों के साथ आपात स्थितियों में दो साल से 18 साल तक के आयुवर्ग में टीके के सीमित इस्तेमाल के लिए बाजार में इसका वितरण करने की मंजूरी देने की सिफारिश की है.’

इन सिफारिशों को अंतिम मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक को भेजा गया है.

कंपनी ने आपात स्थिति में दो साल से 18 साल तक के आयुवर्ग में सीमित इस्तेमाल के लिए अपने ‘होल विरिअन, इनएक्टिवेटिट कोरोना वायरस टीके’ (बीबीवी152) के बाजार में वितरण की मंजूरी के मकसद से प्रस्ताव भेजा था.

इसके साथ कंपनी ने रोग प्रतिराधी क्षमता पैदा करने और अंतरिम सुरक्षा संबंधी दूसरे-तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़े भी पेश किए थे.

सिफारिशों में कहा गया कि टीके के प्रभावी होने संबंधी तीसरे चरण के अध्ययन में बच्चों की आबादी के समग्र ज्यामितीय माध्य अनुमापांक (टीएमटी) की तुलना वयस्क आबादी के जीएमटी से की जा सकती है.

सूत्रों ने बताया कि समिति ने विस्तार से विचार-विमर्श करने के बाद कुछ शर्तों के साथ आपात स्थितियों में दो वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरों में टीके के सीमित इस्तेमाल के लिए बाजार में इसके वितरण को मंजूरी देने की सिफारिश की.

एक सूत्र ने बताया कि शर्तों के अनुसार, ‘कंपनी को स्वीकृत क्लीनिकल परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार अध्ययन जारी रखना होगा और ताजा जानकारी/पैकेज इंसर्ट (दवा और उसके उपयोग संबंधी जानकारी देने वाला दस्तावेज, जिसे दवा के साथ मुहैया कराया जाता है), उत्पाद विशेषताओं का सारांश (एसएमपीसी) और तथ्य-पत्र मुहैया कराने होंगे.’

इसके अलावा कंपनी को शुरुआती दो महीनों में पर्याप्त विश्लेषण के साथ एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं) और एईएसआई (विशेष हित संबंधी प्रतिकूल घटनाओं) के आंकड़ों समेत सुरक्षा संबंधी आंकड़े हर 15 दिन में मुहैया कराने होंगे.

इसके बाद उसे यह आंकड़े हर महीने और नई औषधि एवं नैदानिक परीक्षण नियम,2019 की आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने होंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत दो साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए औपचारिक रूप से कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने से सिर्फ एक कदम दूर है.

अब तक सिर्फ जायडस कैडिला के सुई रहित टीके जायकोव-डी को ही औषधि नियामक से 18 साल से कम उम्र के लोगों पर इस्तेमाल के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है और यह 12 से 18 आयुवर्ग के लोगों को दिया जाने वाला देश का पहला टीका होगा.

भारत में बच्चों के लिए तीसरी वैक्सीन जिसका परीक्षण किया जा रहा है, वह कोवावैक्स है, जिसे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया जा रहा है.

डीसीजीआई ने जुलाई में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कुछ शर्तों के साथ दो से 17 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवावैक्स के दूसरे-तीसरे चरण के परीक्षण करने की अनुमति दी थी.

भारत में बच्चों के लिए जिस चौथी वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है, वह हैदराबाद स्थित ‘बायोलॉजिकल ई’ कंपनी का कोर्बेवैक्स है.

डीसीजीआई ने एक सितंबर को हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई लिमिटेड को कुछ शर्तों के साथ पांच से 18 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों पर उसके भारत में निर्मित कोविड-19 रोधी टीके के दूसरे-तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq