सांडों की नसबंदी अभियान देशी गोवंश को ख़त्म करने की साज़िश थी: प्रज्ञा ठाकुर

भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने चार अक्टूबर से चल रहे सांडों की नसबंदी अभियान को निरस्त करने का आदेश दिया. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि यह कोई आंतरिक षड्यंत्र है, इसकी जांच होनी चाहिए.

प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फोटो: पीटीआई)

भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के आपत्ति के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने चार अक्टूबर से चल रहे सांडों की नसबंदी अभियान को निरस्त करने का आदेश दिया. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि यह कोई आंतरिक षड्यंत्र है, इसकी जांच होनी चाहिए.

प्रज्ञा सिंह ठाकुर (फोटो: पीटीआई)

भोपाल: भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा आलोचना के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को सांड नसबंदी अभियान वापस ले लिया. प्रज्ञा ठाकुर ने इस अभियान को स्वदेशी गायों को खत्म करने का प्रयास करार दिया था.

सांडों की नसबंदी के अभियान को बुधवार को निरस्त किए जाने के कुछ ही देर बाद भोपाल लोकसभा सीट की भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने संदेह जताया कि देशी गोवंश को खत्म करने की साजिश के तहत यह नसबंदी का अभियान चलाया गया था.

ठाकुर ने बुधवार रात को भोपाल में संवाददाताओं से कहा, ‘सांडों की नसबंदी की जा रही थी और उसका आदेश मुझे देखने में आया. मैंने तुरंत उस पर कार्रवाई की और प्रदेश के मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) और प्रदेश के पशुपालन मंत्री (प्रेम सिंह पटेल) को अवगत कराया और आज वो आदेश निरस्त हुआ.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं ये (सांडों की नसबंदी कराने का आदेश) कोई आंतरिक षड्यंत्र है और इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि देशी गोवंश को तो कभी कोई नष्ट नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए.’

ठाकुर ने कहा, ‘ऐसे कैसे हुआ, यह जांच का विषय तो है. मैं इसमें मुख्यमंत्री जी से जांच करने के लिए आग्रह करूंगी कि जांच करवाइए और ऐसा कब से, क्यों और किस लिए हो रहा है? ये जो देशी गोवंश है, इसके साथ इतना अत्याचार क्यों? ऐसे आदेश दोबारा कभी न हों.’

इस बीच, राज्य के पशुपालन विभाग ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सांडों की नसबंदी अभियान रोकने के आदेश को साझा किया.

पशुपालन और डेयरी विभाग के संचालक डॉ. आरके मेहिया की ओर से जारी आदेश में विभाग के सभी उप-संचालकों को कहा गया है कि चार अक्टूबर से शुरू हुए सांडों की नसबंदी का अभियान तत्काल रोक दिया गया है.

वहीं, कांग्रेस ने राज्य सरकार के आदेश को बेतुका करार दिया. कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि एक तरफ जहां सरकार गोरक्षा की बात करती है वहीं दूसरी तरफ देसी गायों को खत्म करने के लिए सांडों की नसबंदी की जा रही है.

द हिंदू के मुताबिक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने 22 सितंबर में जारी अपने आदेश में कहा था, ‘राज्य में ‘निकृष्ट (अनुत्पादक) सांड’ की बढ़ती आबादी को देखते हुए 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2021 तक नसबंदी अभियान चलाया जाएगा. यह नि:शुल्क किया जाएगा.’

एक अधिकारी ने कहा कि राज्य में अनुमानित 12 लाख अनुत्पादक सांड हैं. सड़कों, राजमार्गों और कभी-कभी गांवों में फसलों पर हमला करने वाले मवेशियों में ज्यादातर नर बछड़े या गायें होती हैं, जो दूध देना बंद कर देती हैं. उनमें से अधिकांश को उनके मालिकों और अवैध डायरियों द्वारा छोड़ दिया जाता है, क्योंकि वे किसी भी आर्थिक मूल्य के नहीं रह जाते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25