लखीमपुर हिंसा: केंद्रीय मंत्री के बेटे की ज़मानत याचिका नामंज़ूर, दो और आरोपी गिरफ़्तार

बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर वाहन चढ़ा देने की घटना के बाद हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के क़रीबी दोस्त कहे जाने वाले अंकित दास और लतीफ उर्फ़ काले को गिरफ़्तार किया गया है.

लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा के बाद पहुंची पुलिस. (फाइल फोटो: पीटीआई)

बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर वाहन चढ़ा देने की घटना के बाद हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के क़रीबी दोस्त कहे जाने वाले अंकित दास और लतीफ उर्फ़ काले को गिरफ़्तार किया गया है.

लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा के बाद पहुंची पुलिस. (फाइल फोटो: पीटीआई)

लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पुलिस ने बुधवार को दो और आरोपियों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. इस बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने वारदात के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका नामंजूर कर दी है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष मिश्रा के करीबी दोस्त कहे जाने वाले अंकित दास और लतीफ उर्फ काले बुधवार को लखीमपुर में अपराध शाखा कार्यालय में विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने हाजिर हुए. उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

दोनों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

हालांकि, पुलिस ने दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए 14 दिन की हिरासत में देने का आग्रह किया था. लेकिन आरोपियों के वकील ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि इसकी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उन लोगों से कोई बरामदगी नहीं कराई जानी है.

इसके बाद अदालत ने दोनों को पुलिस हिरासत में भेजने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया.

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने तीन अक्टूबर को हुई इस हिंसा के सिलसिले में अंकित दास को पूछताछ के लिए बुलाया था. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.

मंगलवार को अंकित दास और लतीफ ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण के लिए आवेदन दिया था.

अंकित दास दिवंगत पूर्व मंत्री अखिलेश दास के भतीजे हैं. आरोप है कि वारदात के दिन चार किसानों को कुचलने वाली कार के पीछे वाली गाड़ी दास की ही थी.

लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष की जमानत याचिका बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने नामंजूर कर दी.

मामले के विवेचना अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि आशीष उर्फ मोनू की जमानत याचिका को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम की अदालत ने नामंजूर कर दिया है.

उन्होंने बताया कि आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और वह 12 अक्टूबर से तीन दिन की पुलिस हिरासत में है.

यादव ने बताया कि अदालत ने मामले के एक अन्य अभियुक्त शेखर भारती को तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजने की अर्जी स्वीकार कर ली है. भारती को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.

आरोप है कि शेखर भारती उन तीन एसयूवी में से एक चला रहे थे, जिसने तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को कथित तौर पर रौंद दिया था.

वे कथित तौर पर केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के करीबी अंकित दास की काले रंग की फॉर्च्यूनर कार चला रहे थे.

इससे पहले पुलिस ने आशीष मिश्रा, लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार किया था.

अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या छह हो गई है- आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास और लतीफ उर्फ काले.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई थी.

लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.

बहरहाल बीते तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का ड्राइवर और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी.

मृतक किसानों की पहचान- गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह (दोनों की उम्र का उल्लेख नहींं) के रूप में की गई है.

किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला. हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस बात से से इनकार किया है.

इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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