उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के संबंध में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने तथा गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर किसानों ने ‘रेल रोको’ आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया. लखीमपुर खीरी में मौजूदा हालात को देखते हुए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने यहां आंदोलन रद्द कर दिया था.
नई दिल्ली/जयपुर/चंडीगढ़/लखनऊ/भुवनेश्वर: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के संबंध में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने तथा गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा में किसान सोमवार को सुबह संयुक्त किसान मोर्चा के छह घंटे के ‘रेल रोको’ आंदोलन के तहत रेल की पटरियों पर बैठ गए.
उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में इस आंदोलन का मिला-जुला असर देखने को मिला.
इस प्रदर्शन से पंजाब और हरियाणा में ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई और उन्हें अपने सामान के साथ घंटों तक इंतजार करते हुए देखा गया.
पंजाब के लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, मोगा, पटियाला और फिरोजपुर तथा हरियाणा के चरखी दादरी, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, जींद, करनाल और हिसार समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए.
महिलाओं समेत प्रदर्शनरत किसानों ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अजय मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग की. ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने फिरोजपुर मंडल के चार प्रखंड (सेक्शन) अवरुद्ध कर दिए. फिरोजपुर शहर में फिरोजपुर-फाजिल्का प्रखंड और मोगा के अजितवाल में फिरोजपुर-लुधियाना प्रखंड बाधित हैं.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संघों के संगठन- संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा था, ‘लखीमपुर खीरी मामले में जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक प्रदर्शन तेज किए जाएंगे.’
मोर्चा ने बताया था कि ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के दौरान सोमवार को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक ट्रेन यातायात रोका जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘लखीमपुर खीरी मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त और गिरफ्तार करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है. मोर्चा ने अपने घटक दलों से 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक छह घंटे के लिए रेल यातायात रोकने का आह्वान किया है. मोर्चा रेलवे की किसी भी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाए बिना शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए कहता है.’
पंजाब के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक लुधियाना रेलवे स्टेशन पर जोधपुर जा रहे एक व्यक्ति ने नाराजगी जताई कि उसे स्टेशन पर पहुंचने के बाद प्रदर्शन के बारे में पता चला. उसने किसान नेताओं से आम आदमी को परेशान करने के बजाय नेताओं के आवासों का घेराव करने की अपील की.
Punjab: Passengers face problems as train movement is affected due to farmers union call for 'Rail Roko' agitation; visuals from Ludhiana Railway station
We've deployed sufficient force here to handle the law and order situation: Ludhiana Joint CP/City, Deepak Pareek pic.twitter.com/MueGKW6vTd
— ANI (@ANI) October 18, 2021
लुधियाना स्टेशन पर अपने परिवार के साथ ट्रेन का इंतजार कर रहे एक व्यक्ति ने कहा कि उनके एक रिश्तेदार की मौत हो गई है, जिसके कारण उन्हें उत्तर प्रदेश के गोंडा जाना है.
पटियाला रेलवे स्टेशन पर दिनेश जोशी अपने बच्चे के लिए दूध और गर्म पानी की तलाश कर रहे थे, क्योंकि जिस ट्रेन में वह यात्रा कर रहे थे, वह किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण रुक गई थी.
मोगा में प्रदर्शनकारियों का एक समूह ‘जय जवान जय किसान’ का बैनर लेकर एक ट्रेन के आगे खड़ा हो गया जिससे ट्रेन को रोकना पड़ा. उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों की तस्वीरें भी ले रखी थी.
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रहे वाहन ने कुचल दिया था.
किसानों ने दावा किया है कि एक वाहन में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को इस मामले में नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश में किसानों के रेल रोको प्रदर्शन का कोई खास असर नहीं
रेल रोको प्रदर्शन का उत्तर प्रदेश में कोई खास असर नहीं हुआ और इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़कर लगभग शांति ही रही.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में कुछ जगह पांच से दस मिनट तक किसानों ने प्रदर्शन किया और ट्रेन रोकने का प्रयास किया, लेकिन रेलवे पुलिस की गश्त के कारण वह सफल नहीं हुए .
राजधानी लखनऊ के दो रेलवे स्टेशनों पर जा रहे किसानों को पुलिस ने बाहर ही रोक लिया, कानपुर में पूरी तरह शांति रही, वहीं किसानों के साथ हुई हिंसा के स्थल लखीमपुर में भी पूरी तरह शांति रही, क्योंकि वहां किसानों ने यह आंदोलन वापस ले लिया था .
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवम शर्मा ने बताया कि खुर्जा रेलवे स्टेशन पर किसानों ने गोमती एक्सप्रेस को दो से तीन मिनट तक रोका, लेकिन पुलिस के समझाने के बाद किसान वहां से चले गए.
झांसी के डबरा स्टेशन पर पांच मिनट तक किसानों ने प्रदर्शन किया, झांसी के गोहद और मलनपुर स्टेशन के बीच किसानों ने करीब दस मिनट तक प्रदर्शन किया और बाद में पुलिस के समझाने पर वहां से किसान हट गए.
उन्होंने बताया कि इसी तरह आगरा डिवीजन के मथुरा-पलवल के बीच दो स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन किया. मथुरा-पलवल के बीच रामगढ़ और उतारवर स्टेशन के बीच रेलवे फाटक पर किसानों ने करीब दस मिनट तक प्रदर्शन किया. जबकि पलवल स्टेशन के आगे रूंधी स्टेशन के पास भी किसानों ने प्रदर्शन किया .
शर्मा ने बताया कि किसानों के इस आंदोलन से किसी प्रकार का नुकसान रेलवे को नहीं हुआ.
लखीमपुर में नहीं हुआ आंदोलन
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष अमनदीप सिंह संधू ने बताया, ‘लखीमपुर खीरी में मौजूदा हालात को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने खीरी जिले में ‘रेल रोको’ आंदोलन रद्द कर दिया है.’
संधू ने बताया, ‘जिले में बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने धान की फसल को प्रभावित किया था और किसान फसल के प्रबंधन में व्यस्त थे, जिसके कारण संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन रद्द करने का फैसला किया.’
संधू ने कहा, ‘इसके अलावा रेलवे ने खीरी में ट्रेनों की आवाजाही को निलंबित कर दिया है, इसलिए ट्रेनों को रोकने का कोई फायदा नहीं है.’
रविवार शाम अमनदीप सिंह संधू ने एक वीडियो संदेश जारी कर रेल रोको आंदोलन वापस लेने की जानकारी दी थी.
उत्तर रेलवे मंडल में 130 स्थानों पर असर, 50 ट्रेनों की आवाजाही बाधित
सोमवार को छह घंटे के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन से उत्तर रेलवे मंडल में 150 स्थानों पर असर पड़ा और 60 ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई. उसके मुख्य जन संपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने यह जानकारी दी.
प्रदर्शन के कारण उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) के राजस्थान और हरियाणा में कुछ प्रखंडों में रेल यातायात बाधित रहा, 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 10 को आंशिक रूप से रद्द किया गया और एक ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया गया.
अधिकारी ने बताया कि उत्तर रेलवे मंडल पर जिन ट्रेनों पर प्रदर्शन का असर पड़ा, उनमें चंडीगढ़-फिरोजपुर एक्सप्रेस शामिल है. लुधियाना से इसे सुबह सात बजे गंतव्य के लिए रवाना होना था, लेकिन फिरोजपुर-लुधियाना प्रखंड में अवरोध के कारण यह वहां फंसी रही.
नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस शम्बू स्टेशन के पास रोक दी गई, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने साहनेवाल और राजपुरा के समीप रेल की पटरियां अवरुद्ध कर दी थीं.
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा, ‘अभी तक उत्तर रेलवे मंडल में 150 स्थानों पर प्रदर्शन का असर पड़ा है और 60 ट्रेनों का संचालन बाधित है. करीब 25 यात्री और कम दूरी की ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.’
Punjab: Farm law protestors sit on the railway track at Devi Dasspura village in Amritsar following the farmer's union call for 'Rail Roko Andolan' today pic.twitter.com/lQrKImJKso
— ANI (@ANI) October 18, 2021
राजस्थान में किसानों ने हुनमानगढ़ जिले में रेल की पटरियों और जयपुर जंक्शन स्टेशन के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन किया तथा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों के खिलाफ नारे लगाए. वहीं जयपुर में मोर्चे के सदस्यों ने जयपुर जंक्शन के बाहर प्रदर्शन किया. उन्हें जंक्शन के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई.
मोर्चे के राज्य संयुक्त सचिव संजय माधव ने कहा, ‘हमें जयपुर जंक्शन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई इसलिए हमने प्रवेश द्वार पर ही धरना दिया.’
आंदोलन के कारण राजस्थान के हनुमानगढ़ व गंगानगर जिले में रेल यातायात प्रभावित हुआ है.
एनडब्ल्यूआर के एक प्रवक्ता ने बताया कि भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा, हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर और श्रीगंगानगर-रेवाड़ी प्रखंडों पर रेल यातायात प्रदर्शन के कारण बाधित रहा.
उन्होंने बताया कि फिरोजपुर-हनुमानगढ़ स्पेशल ट्रेन, लुधियाना-हिसार स्पेशल ट्रेन, बठिंडा-श्रीगंगानगर स्पेशल ट्रेन, बठिंडा-लालगढ़ स्पेशल ट्रेन, फुलेरा-रेवाड़ी स्पेशल ट्रेन, रेवाड़ी-जोधपुर स्पेशल ट्रेन, रतनगढ़-चुरू स्पेशल ट्रेन और चुरू-बीकानेर स्पेशल ट्रेन समेत 18 ट्रेनों को सोमवार को रद्द कर दिया गया. प्रदर्शन के कारण 10 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया.
एनडब्ल्यूआर के प्रवक्ता ने बताया कि अहमदाबाद-श्री माता वैष्णो देवी कटरा विशेष ट्रेन का मार्ग भी परिवर्तित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद से शनिवार को रवाना हुई ट्रेन रेवाड़ी-दिल्ली-पठानकोट होते हुए अलग मार्ग से श्री माता वैष्णो देवी कटरा जाएगी.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.
हिंसा के दौरान चार किसानों समेत कुल आठ किसानों की मौत हुई थी.
गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों की पहचान- गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के रूप में की गई है.
बीते तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता- शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर निषाद, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी.
इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.
अब तक लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या छह हो गई है- आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास और लतीफ उर्फ काले.
ओडिशा में ट्रेन सेवाएं प्रभावित
किसानों के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन की वजह से ओडिशा के पूर्वी तटीय रेलवे (ईसीओआर) मंडल में सोमवार को रेल सेवाएं करीब 30 मिनट से एक घंटे तक बाधित रहीं.
प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों का सामूहिक रूप से नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर किए गए इस प्रदर्शन को ओडिशा में कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी का समर्थन हासिल था.
ओडिशा में हालांकि अधिकतर स्टेशनों पर यह प्रदर्शन करीब 20 मिनट तक चला, हालांकि गोरखनाथ में प्रदर्शनकारी करीब 50 मिनटों तक रेल पटरियों पर डटे रहे.
ईसीओआर अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों द्वारा पटरी से हटने से इनकार करने के कारण कम से कम 12 रेलगाड़ियों को स्टेशन पर रोके रखना पड़ा, जिससे दैनिक यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के स्टेशन से जाने के बाद ही ट्रेनों को आगे बढ़ने की इजाजत दी गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)