वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत 71वें स्थान पर

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत ने 71वां स्थान हासिल किया है. भारत कुल अंकों के लिहाज से दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्थान पर रहा, लेकिन खाद्य पदार्थों की वहनीयता यानी अफोर्डेबिलिटी के मामले में अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका से पीछे है.

/
(फोटो: पीटीआई)

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत ने 71वां स्थान हासिल किया है. भारत कुल अंकों के लिहाज से दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्थान पर रहा, लेकिन खाद्य पदार्थों की वहनीयता यानी अफोर्डेबिलिटी के मामले में अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका से पीछे है.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा (जीएफएस) सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच 71वां स्थान हासिल किया है. भारत कुल अंकों के लिहाज से दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्थान पर रहा, लेकिन खाद्य पदार्थों की वहनीयता यानी (Affordbility) के मामले में अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका से पीछे है.

खाद्य पदार्थ वहनीयता श्रेणी में पाकिस्तान (52.6 अंक के साथ) ने भारत (50.2 अंक) से बेहतर अंक हासिल किया है.

इकोनॉमिस्ट इम्पैक्ट और कोर्टेवा एग्रीसाइंस द्वारा मंगलवार को जारी एक वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया कि जीएफएस इंडेक्स-2021 की इस श्रेणी में श्रीलंका 62.9 अंकों के साथ और भी बेहतर पायदान पर है.

आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फिनलैंड, स्विटजरलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, जापान, फ्रांस और अमेरिका ने सूचकांक पर 77.8 और 80 अंक के बीच समग्र जीएफएस अंक हासिल कर शीर्ष स्थान साझा किया.

जीएफएस सूचकांक 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के शून्य भूखमरी के सतत विकास लक्ष्य की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रणालीगत खामियों और जरूरी कामों पर ध्यान दिलाता है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 113 देशों के जीएफएस सूचकांक-2021 में कुल 57.2 अंकों के साथ 71वां स्थान हासिल किया. वहीं उसके बाद पाकिस्तान (75वें स्थान), श्रीलंका (77वें स्थान), नेपाल (79वें स्थान) और बांग्लादेश (84वें स्थान) का स्थान रहा. लेकिन भारत, चीन (34वें स्थान) से काफी पीछे है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जीएफएस सूचकांक 113 देशों में खाद्य सुरक्षा के अंतर्निहित कारकों को मापता है, जो कि सामर्थ्य, उपलब्धता, गुणवत्ता, सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों और लचीलेपन के कारकों पर आधारित है.

यह आय और आर्थिक असमानता सहित 58 खाद्य सुरक्षा संकेतकों पर विचार करता है. इसका उद्देश्य 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य जीरो हंगर की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रणालीगत अंतराल और कार्यों पर ध्यान आकर्षित करना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन की उपलब्धता, गुणवत्ता और सुरक्षा के साथ-साथ खाद्य उत्पादन के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के मामले में भारत ने जीएफएस इंडेक्स 2021 पर पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से बेहतर स्कोर किया.

हालांकि, पिछले 10 वर्षों में समग्र खाद्य सुरक्षा स्कोर में भारत का वृद्धि लाभ पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पीछे था.

भारत का स्कोर 2021 में केवल 2.7 अंक बढ़कर 57.2 हो गया, जो 2012 में 54.5 था. जबकि पाकिस्तान का 9 अंक बढ़ा, पाकिस्तान 2012 में 45.7 था, जो बढ़कर 2021 में 54.7 हो गया. वहीं, नेपाल के 7 अंक बढ़ा, 2012 में 46.7 अंक से 2021 में 53.7 अंक हो गया. और बांग्लादेश का 4.7 अंक बढ़ा, 2012 में 44.4 अंक से 2021 में 49.1 अंक हो गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का स्कोर 9.6 अंक बढ़कर 2021 में 71.3 हो गया, जो 2012 में 61.7 था.

इकोनॉमिस्ट इम्पैक्ट में ग्लोबल फूड सिक्योरिटी इंडेक्स की प्रमुख प्रतिमा सिंह के अनुसार, ‘इंडेक्स से पता चलता है कि पिछले दस वर्षों में देशों ने खाद्य असुरक्षा को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, खाद्य प्रणाली आर्थिक, जलवायु और भू-राजनीतिक झटकों के प्रति संवेदनशील बनी हुई है. भूख और कुपोषण को समाप्त करने और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कार्रवाई अनिवार्य है.’

अपनी वैश्विक रिपोर्ट में इकोनॉमिस्ट इम्पैक्ट ने कहा कि सूचकांक से पता चलता है कि इन वर्तमान और उभरती भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खाद्य सुरक्षा में निवेश की आवश्यकता है – जलवायु के हिसाब से फसल पैदावार में नवाचार से लेकर सबसे कमजोर लोगों की सहायता के लिए कार्यक्रमों में निवेश करना चाहिए.

मालूम हो कि बीते 14 अक्टूबर को जारी साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है. इस मामले में वह अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है.

हालांकि, भारत सरकार ने वैश्विक भूख सूचकांक रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति को ‘अवैज्ञानिक’ बताया है. सरकार ने कहा कि इस रिपोर्ट की प्रकाशन एजेंसियों, कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगरहिल्फ ने रिपोर्ट जारी करने से पहले उचित मेहनत नहीं की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq