महाराष्ट्र: अमरावती हिंसा मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे समेत 132 गिरफ़्तार

अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद में जगह-जगह भीड़ ने पथराव किया था, जिसके बाद वहां तनाव की स्थिति बढ़ने पर कर्फ्यू लगा दिया गया था. इस मामले में बोंडे के अलावा शहर के मेयर सहित कई स्थानीय भाजपा नेताओं को गिरफ़्तार किया गया था, जिन्हें बाद में ज़मानत मिलने पर छोड़ा गया.

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भाजपा नेता व पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे. (फोटो साभार: फेसबुक/@DoctorAnilBonde)

अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद में जगह-जगह भीड़ ने पथराव किया था, जिसके बाद वहां तनाव की स्थिति बढ़ने पर कर्फ्यू लगा दिया गया था. इस मामले में बोंडे के अलावा शहर के मेयर सहित कई स्थानीय भाजपा नेताओं को गिरफ़्तार किया गया था, जिन्हें बाद में ज़मानत मिलने पर छोड़ा गया.

भाजपा नेता व पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे. (फोटो साभार: फेसबुक/@DoctorAnilBonde)

अमरावती: अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान दुकानों पर पथराव की घटना से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता अनिल बोंडे और 13 अन्य आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.

बोंडे के अलावा अमरावती जिले की भाजपा अध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहर के महापौर चेनत गावंडे और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी को भी गिरफ्तार किया गया.

इन सभी को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत मिली.

इस बीच, सोमवार को अपराह्न दो बजे से चार बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई. हालांकि, इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं.

अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा रही है और गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार कर्फ्यू के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

अमरावती शहर में शुक्रवार और शनिवार के बाद हुई सिलसिलेवार हिंसक घटनाओं के संबंध में 26 अलग-अलग अपराधों में 14,673 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में शुक्रवार को रजा एकेडमी द्वारा बिना अनुमति कई स्थानों पर निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं सामने आयी थीं.

इसके बाद, शनिवार को पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से आयोजित बंद के दौरान भीड़ द्वारा दुकानों पर पथराव करने के बाद चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

अमरावती पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘रजा अकादमी द्वारा 12 नवंबर को अमरावती जिला कलेक्ट्रेट तक बिना अनुमति लिए निकाले गए मार्च के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 8,364 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया गया.’

बयान के मुताबिक, पुलिस ने 13 नवंबर की हिंसा के संबंध में 6,309 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं और 53 लोगों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से हथियार जब्त किए.

इसके मुताबिक, भाजपा और अन्य संगठनों द्वारा किए गए पथराव के चलते एक अधिकारी समेत नौ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस ने दोनों घटनाओं की जांच के लिए अलग-अलग टीम बनाई हैं.

पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को सोमवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया गया जबकि अन्य भाजपा नेता और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कम से कम दो सदस्यों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस हिंसा में शामिल रहने के आरोपी विधान परिषद सदस्य प्रवीन पोटे की भी तलाश में जुटी है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अमरावती में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक पुलिस ने 132 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है.

शहर कोतवाली पुलिस ने अमरावती के प्रवक्ता तुषार भारतीय, मेयर चेतन गावंडे, निवेदिता चौधरी, मंगेश खोंड, सुरेखा लुंगारे और राधा कुरील सहित अन्य भाजपा नेताओं को भी गिरफ्तार किया है.

सीपी आरती सिंह के नेतृत्व में एक टीम और डीसीपी विक्रम साली, एसीपी भरत गायकवाड़, सिटी कोतवाली पुलिस की सीनियर पीआई नीलिमा अराज ने गिरफ्तारियां कीं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ताजा गिरफ्तारियां अमरावती के कोतवाली इलाके में शनिवार को हुए दंगों के सिलसिले में हुईं, जब भाजपा ने बंद का आह्वान किया था. इन गिरफ्तारियों के साथ हिंसा के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों की 132 हो गई है.

एक अधिकारी ने कहा कि शनिवार को बंद बुलाने में शामिल कुछ मुख्य व्यक्तियों में प्रवीण पोटे के साथ बोंडे भी शामिल थे. पुलिस ने कहा कि उन्होंने कई आरोपियों के पास से तलवारें और चाकू बरामद किए हैं.

हिंसा के बाद अमरावती में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और कर्फ्यू लगा दिया गया है. महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस समय उभरती स्थिति पर नजर रखने के लिए अमरावती में डेरा डाले हुए हैं.

इसी बीच, गिरफ्तारियों को लेकर विपक्षी भाजपा और महा विकास अघाड़ी सरकार के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे सरकार द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया.

वहीं, एमवीए के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पुलिस ने दंगा भड़काने और राज्य सरकार को अस्थिर करने के भाजपा की साजिश को नाकाम कर दिया.

मलिक ने आरोप लगाया कि बोंडे ने दंगा भड़काने की साजिश रची थी. मलिक ने कहा, ‘पुलिस को जानकारी मिली है कि शराब और पैसे बांटे गए… दंगे भड़काए गए. दंगा भड़काने के लिए मुंबई से पैसा गया. इसका वितरण विधायकों के माध्यम से किया गया. मामले की जांच चल रही है.’

उन्होंने कहा, ‘जब भाजपा के पास विपक्षी शासित राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के लिए सभी हथियार खत्म हो जाते हैं, तो वह दंगों को अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल करती है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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