वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 ताप विद्युत संयंत्रों में से केवल पांच 30 नवंबर तक चालू रहेंगे. धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों अथवा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश भी दिया गया है.
नई दिल्ली: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार देर रात निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे और केवल ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति होगी.
आयोग ने निर्देश दिए कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 ताप विद्युत संयंत्रों में से केवल पांच – एनटीपीसी, झज्जर, महात्मा गांधी टीपीएस, सीएलपी झज्जर, पानीपत टीपीएस, एचपीजीसीएल, नभा पावर लिमिटेड टीपीएस, राजपुरा और तलवंडी साबो टीपीएस, मानसा 30 नवंबर तक चालू रहेंगे.
आयोग ने दिल्ली और एनसीआर में आने वाले राज्यों को 21 नवंबर तक क्षेत्र में ‘सीएंडडी’ अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ ‘रेलवे सेवाओं या रेलवे स्टेशनों, मेट्रो रेल निगम सेवाओं, स्टेशनों, हवाई अड्डों और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनलों (आईएसबीटीएस) सहित और राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों अथवा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं’ को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर इस संबंध में केजरीवाल सरकार के आदेश की जानकारी दी है. ट्वीट के अनुसार, ‘प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन उपाय. केजरीवाल सरकार ने जारी किया आदेश. सभी शिक्षण संस्थान 20 नवंबर तक बंद, परीक्षा में छूट. सेंट्रल विस्टा समेत निर्माण स्थलों पर 17 नवंबर तक पूर्ण प्रतिबंध. आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद.’
प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन उपाय- केजरीवाल सरकार ने जारी किया आदेश:
सभी शिक्षण संस्थान 20 नवंबर तक बंद, परीक्षा में छूट
सेंट्रल विस्टा समेत निर्माण स्थलों पर 17 नवंबर तक पूर्ण प्रतिबंध
आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद – @AapKaGopalRai pic.twitter.com/QyKyIAi0ep
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) November 14, 2021
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों का प्रवेश रविवार तक दिल्ली में प्रतिबंधित कर दिया गया है.
आयोग ने इस मामले पर उच्चतम न्यायालय की सुनवाई से पहले क्षेत्र में गंभीर वायु प्रदूषण के संबंध में दिल्ली और एनसीआर वाले राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंगलवार को एक बैठक की थी.
सीएक्यूएम के निर्देशों में कहा गया है, ‘एनसीआर में सभी सार्वजनिक और निजी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे और केवल ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति होगी.’
एनसीआर में आने वाले राज्यों की सरकारों को रविवार तक एनसीआर में कार्यालयों में अपने कर्मचारियों की कम से कम 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ घर से काम करने की अनुमति देने और निजी प्रतिष्ठानों को इस नियम का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है.
आयोग ने कहा, ‘एनसीआर में अब भी गैर-स्वीकृत ईंधन का उपयोग करने वाले सभी उद्योगों को संबंधित सरकारें तत्काल प्रभाव से बंद करेंगी. एनसीआर के राज्य और जीएनसीटीडी (दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार) आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजी (डीजल जेनरेटर) सेट के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध रहेंगे.’
एनसीआर में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि क्रमशः 10 साल और 15 साल से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहन सड़क पर चलते न पाए जाएं.
साथ ही दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द पर्याप्त संख्या में सीएनजी बसों को खरीदने और उन्हें सड़कों पर उतारने का निर्देश दिया गया है.
दिल्ली और एनसीआर राज्यों के मुख्य सचिवों को नियमित आधार पर निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी करने और सोमवार को आयोग के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है.
दिल्ली सरकार ने सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में प्रत्यक्ष कक्षाएं बंद करने का आदेश दिया था.
आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और स्वायत्त निकायों को घर से काम करने के लिए कहा गया है.
मालूम हो कि बीते 13 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को ‘आपात’ स्थिति करार दिया था और केंद्र एवं दिल्ली सरकार से कहा था कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं.
Air pollution | Delhi Environment Min Gopal Rai holds a high-level meeting to ensure the implementation of Commission for Air Quality Mgmt in National Capital Region & Adjoining Areas directions. Environment Dept, PWD, Police, Traffic Police, MCD officials are present at the meet pic.twitter.com/rl0YXFTzJW
— ANI (@ANI) November 17, 2021
इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से जारी किए गए नए निर्देशों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के साथ उच्चस्तरीय की.
बैठक में पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस, यातायात पुलिस, एमसीडी के अधिकारी मौजूद रहे.
सुप्रीम कोर्ट अगले बुधवार को वायु प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा. इस बीच प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, नौकरशाही जड़ता में चली गई है और वे कुछ भी नहीं करना चाहते हैं. जैसे स्प्रिंकलर या पानी की बाल्टी का उपयोग करना. हमें ये कहना है कि यह कार्यपालिका का रवैया है.
SC to hear the matter on air pollution next Wednesday. CJI observes "Bureaucracy has gone into inertia and they don't want to do anything. Like using sprinklers or water buckets we have to say, this is the attitude of the executive," pic.twitter.com/O13p77KghA
— ANI (@ANI) November 17, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि कितने वाहन हैं और केंद्र सरकार के अधिकारी कैसे यात्रा कर रहे हैं? अदालत ने कहा, आपको कार्यालय में सभी 100 अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है. आप इसके बजाय 50 अधिकारियों को बुला सकते हैं. कई सरकारी इलाके हैं, क्या वे सार्वजनिक परिवहन में यात्रा नहीं कर सकते हैं?
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, दिल्ली जैसे राज्य में वर्क फ्रॉम होम का प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अगर हम केंद्रीय कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करते हैं, तो इसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव होगा. इस प्रकार हमने कार-पुलिंग का सुझाव दिया है.
दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गड्डी ऑफ’ अभियान 15 दिन और चलेगा
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ‘रेड लाइट ऑन, गड्डी ऑफ’ अभियान को और 15 दिन के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को इसकी घोषणा की.
‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ यानी लाल बत्ती पर गाड़ी का इंजन बंद करने की इस पहल को 18 नवंबर को समाप्त होना था.
राय ने कहा, ‘सरकार ने अभियान को 19 नवंबर से तीन दिसंबर तक, 15 दिन और बढ़ाने का फैसला किया है.’
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन का दूसरा चरण 19 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलाया जाएगा pic.twitter.com/SgJvjRGsQI
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) November 16, 2021
करीब 2,500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को 100 चौराहों पर तैनात किया गया है जो लोगों को ट्रैफिक सिग्नल पर उनकी कार का इंजन बंद कर देने के महत्व के बारे में जागरूक बनाएंगे.
स्वयंसेवक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक और फिर दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक दो शिफ्ट में तैनात रहते हैं.
मंत्री ने कहा, ‘लोग घरों से काम कर रहे हैं, लेकिन फिर भी सड़कों पर गाड़ियां दिखती हैं. गाड़ी चलाते वक्त कोई व्यक्ति औसतन 10 से 12 चौराहे पार करता है और करीब 30 मिनट तक ईंधन बिना कारण जलता रहता है. हम इसे घटाने के लिए कदम उठा सकते हैं.’
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और इसके रविवार तक बेहतर होने की कोई संभावना नहीं है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान इस मौसम के सामान्य तापमान से तीन डिग्री कम 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान 27 डिग्री रहने की संभावना है.
शहर में मंगलवार को सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 389 था, जो मंगलवार की शाम चार बजे 403 हो गया था और वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी.
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई), फरीदाबाद में 350, गाजियाबाद में 368, ग्रेटर नोएडा में 358, गुड़गांव में 354 और नोएडा में 369 रहा और वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही.
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
आईएमडी के विवेक सोनी ने मंगलवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को बताया था कि बुधवार से रविवार के बीच कम तापमान और धीमी वायु स्थिति के कारण ‘लोअर वेंटिलेशन इंडेक्स’ का अनुमान लगाया गया है, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल है.
उन्होंने कहा कि रविवार को अपेक्षाकृत तेज हवा चलने से वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार आ सकता है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ ने बताया कि बुधवार तथा बृहस्पतिवार को दिल्ली में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों के प्रसार का अनुमान नहीं है, क्योंकि हवा की दिशा पूर्व की ओर है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)