11 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश की 70% महिलाओं ने साथ हुई घरेलू हिंसा के बारे में नहीं बताया

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के रिपोर्ट के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में अपने साथ हुई घरेलू हिंसा के बारे में न बताने वाली महिलाओं का अनुपात 80 प्रतिशत से अधिक रहा. आठ राज्यों में दस प्रतिशत से भी कम महिलाओं ने शारीरिक हिंसा से बचने के लिए मदद मांगी.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के रिपोर्ट के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में अपने साथ हुई घरेलू हिंसा के बारे में न बताने वाली महिलाओं का अनुपात 80 प्रतिशत से अधिक रहा. आठ राज्यों में दस प्रतिशत से भी कम महिलाओं ने शारीरिक हिंसा से बचने के लिए मदद मांगी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारत में 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कभी मदद नहीं मांगी और न ही किसी को खुद सहन की गई हिंसा के बारे में बताया. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के नवीनतम सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.

एनएफएचएस-5 के अनुसार चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में ऐसी महिलाओं का अनुपात 80 प्रतिशत से अधिक रहा. इनमें असम (81.2 प्रतिशत), बिहार (81.8 प्रतिशत), मणिपुर (83.9 प्रतिशत), सिक्किम (80.1 प्रतिशत), और जम्मू कश्मीर (83.9 प्रतिशत) शामिल हैं.

इसके अलावा सात राज्यों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कभी मदद नहीं मांगी और न ही किसी को खुद सहन की गई हिंसा के बारे में बताया.

इनमें त्रिपुरा (76 फीसदी), तेलंगाना (71 फीसदी), पश्चिम बंगाल (76.3 फीसदी), महाराष्ट्र (76.4 फीसदी), गोवा (75.7 फीसदी), गुजरात (70.6 फीसदी) और आंध्र प्रदेश (79.7 फीसदी) शामिल हैं.

आठ राज्यों में 10 प्रतिशत से भी कम महिलाओं ने शारीरिक हिंसा से बचने के लिए मदद मांगी. इनमें असम (6.6 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (7.7 प्रतिशत), बिहार (8.9 प्रतिशत), गोवा (9.6 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (9.6 प्रतिशत), जम्मू और कश्मीर (7.1 प्रतिशत), मणिपुर (1.2 प्रतिशत) प्रतिशत), और नगालैंड (4.8 प्रतिशत) शामिल हैं.

मदद का स्रोत उनका अपना परिवार, पति का परिवार, पड़ोसी, पुलिस, वकील और धर्मगुरु शामिल थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महिलाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली वैवाहिक हिंसा में- खरोंच, चोट, दर्द, आंखों की चोट, टूटी हुई हड्डियां, गंभीर जलन, टूटे दांत, मोच और या हड्डी खिसक जाना शामिल थे.

मालूम हो कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के सर्वेक्षण में पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं ने पति द्वारा मारपीट को जायज बताया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में पूछा गया कि आपकी राय में क्या पति का पत्नी को मारना या पीटना सही है.

इसके जवाब में सर्वे में शामिल राज्यों में से तेलंगाना की 83.8 फीसदी महिलाओं ने कहा कि पुरुषों का अपनी पत्नियों को पीटना जायज है जबकि हिमाचल प्रदेश में 14.8 फीसदीी महिलाओं ने इसे जायज बताया.

वे राज्य जहां घरेलू हिंसा को जायज ठहराने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक रहा – आंध्र प्रदेश (83.6 फीसदी), कर्नाटक (76.9 फीसदी), मणिपुर (65.9 फीसदी), केरल (52.4 फीसदी) हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)